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Please Help Me CM: बीमारी छीन रही मासूम से शिक्षा का आकाश, मां व टीचर ने सीएम योगी से लगाई गुहार
Etawah News: स्कूल से लेकर गांव तक हर जगह उसका मजाक बनने लगा है तभी तो स्कूल में पढ़ने के लिए बुलाने आई शिक्षिका से उसने कह दिया है कि वह स्कूल नहीं जाएगा।
Etawah News: स्कूल की जिन राहों पर 11 साल का ऋषभ हर रोज साथियों के साथ दौड़ लगाकर आता—जाता था अब वह रास्ते उसे पसंद नहीं है। वह पढ़ना चाहता है लेकिन स्कूल में नहीं। इसकी वजह है कि उसकी वह बीमारी जिसने उसके दोस्तों को उससे दूर कर दिया है। स्कूल से लेकर गांव तक हर जगह उसका मजाक बनने लगा है तभी तो स्कूल में पढ़ने के लिए बुलाने आई शिक्षिका से उसने कह दिया है कि वह स्कूल नहीं जाएगा। अगर उसे पढ़ाना है तो घर में ही पढ़ा दें।
ऋषभ को दरअसल पेशाब टपकने की बीमारी हो गई है। दिल्ली में मजदूरी करने वाले पिता के पास न इलाज के रुपये हैं और न संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान तक जाने का अवकाश। ऐसे में बढ़ती बीमारी और मजाक का विषय बनने के बाद ऋषभ ने एलान कर दिया है कि वह बाबा साहब आंबेडकर के बताए शिक्षा के मार्ग पर चलकर सफलता का आसमान नहीं छुएगा। उसकी जिद से परेशान होकर स्कूल टीचर सीमा यादव और मां पूजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
गरीब और गरीबी दोनों के शब्दों में ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन जो गरीब हैं और जो गरीबी में जी रहे हैं ये सिर्फ आपको वही बता सकते है। एक गरीब किसी तरह अपना और अपने परिवार का पेट रोज कमा कर पाल सकता है। और एक गरीब जब गरीबी के दौर से गुजर रहा हो तब भला वो क्या करे। कहने का तात्पर्य यहां सिर्फ इतना है कि एक तो गरीब बेचारा गरीबी से जूझ रहा है ऐसे में अगर उसके सामने बीमारी या कोई अन्य समस्या आ जाए तो वो क्या करे।
आज हम आपको ऐसे ही परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका बच्चा चाह कर भी और बच्चों की तरह न तो पढ़ सकता है और न ही और बच्चों के साथ खेल कूद सकता है। यहां तक कि उनके बगल बैठ भी नहीं सकता है। ये बच्चा एक ऐसी बीमारी से ग्रसित है जिसको हर कोई धुतकारता ही है। और इस मासूम के मां बाप के पास इस बीमारी के इलाज के लिए पैसा तक नहीं है। आइए जानते हैं कहां का रहने वाला है ये ऋषभ नाम का बच्चा और किस बीमारी से ग्रसित है।
मामला इटावा जिले का है जहां एक 11 वर्षीय गरीब बच्चा ऋषभ यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन नामक बीमारी से ग्रसित है। गरीबी और बीमारी के अभाव के चलते उसको शिक्षा ग्रहण करने में एक बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। ऋषभ नाम के इस बच्चे को लगातार पेशाब बूंद-बूंद कर टपकता है। इसकी इसी समस्या के कारण कई निजी स्कूल ऋषभ को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं। पेशाब के कतरो की तरह बूंद बूंद कर बच्चे का आत्मविश्वास और मनोबल भी गिर रहा है। लेकिन गरीबी से मजबूर पिता चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रहा है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है जिसमे काफी रुपये खर्च होंगे जो देने में परिवार असमर्थ्य है। गरीबी से जूझ रही मां पूजा ने योगी सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
शहर के दतावली कंपोजिट सरकारी स्कूल की सहायक अध्यापिका सीमा यादव ने कोरोना काल में जब मोहल्ला स्कूल के तहत दतावली गांव में जाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया तो उन्हें ऋषभ की समस्या की जानकारी हुई। बताया गया कि ऋषभ का पहले एक निजी स्कूल में प्रवेश कराया गया था लेकिन अक्सर पैंट गीली हो जाने की वजह से स्कूल प्रबंधन ने उसे बाहर निकाल दिया। स्कूल का कहना है कि उसकी वजह से स्कूल की कक्षा हमेशा गंदी होती रहती है।लगातार पेशाब टपकने से उसके कपड़ों से बदबू आने लगती है।
बार—बार साफ करना मुश्किल है और इससे दूसरे बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा है। इस पर सीमा यादव ने उसके परिजनों से बात कर सरकारी प्राइमरी स्कूल में प्रवेश दिलवा दिया। लेकिन ऋषभ को इस समस्या से यहां भी जूझना पड़ रहा है। और उसको अलग-थलग क्लासरूम के एक कोने में पढ़ने के लिए बैठाया जाता है। बच्चे भी उससे बात करने और खेलने से कतराते हैं। हाल यह है कि साथ के बच्चों के लगातार मजाक बनाने से तंग आकर अब ऋषभ ने कह दिया है कि वह स्कूल पढ़ने के लिए नहीं जाएगा। स्कूल टीचर सीमा यादव ने बताया कि ऋषभ के पिता दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं। माता— पिता की चार संतानों में वह सबसे बड़ा है। पिता के दिल्ली में रहने की वजह से मां पूजा के लिए यह मुमकिन नहीं हो पा रहा कि वह एसजीपीजीआई में जाकर इलाज कराए। पैसे की तंगी भी बनी हुई है।
एसजीपीजीआई में होगा ऑपरेशन
इस बीमारी के चलते ऋषभ की मां उसे सैफई पीजीआई भी ले गई थी लेकिन वहां से भी उसे लखनऊ पीजीआई ऑपरेशन कराने के लिए रेफर कर दिया गया। शिक्षिका सीमा यादव ने बताया कि उसकी मां एक बार संजय गांधी पीजीआई भी गई लेकिन वहां बताया गया कि कोरोना की वजह से अभी जांच नहीं होगी। तब से वह इलाज के लिए लखनऊ नहीं जा सकी। गरीबी से जूझ रही मां पूजा का कहना है कि कैसे इतनी दूर जाकर बच्चे का ऑपरेशन कराएगी। इसलिए अब योगी सरकार से गुहार लगाते हुए उसका इलाज करवाने की मांग की है।
न्यूज ट्रैक सरोकार
इस समाचार या लेख के माध्यम से न्यूजट्रैक टीम भी सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध कर रही है जिस तरह उन्होंने प्रदेश के कई बच्चों के इलाज में बढ़चढ़कर सरकारी खजाने का मुंह खोला है और मदद कराई है। उसी तरह इस बच्चे के बारे में भी फैसला करें। सरकार इस बच्चे को गोद ले जो पढ़कर अपना जीवन संवारना चाहता है लेकिन एक मामूली बीमारी और इलाज के अभाव में वह स्कूल से नाता तोड़ चुका है। सरकार इस बच्चे की हर संभव मदद करे जिससे मासूम खुद को लाचार न समझे और पढ़ लिख कर अपना भविष्य संवारे।