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Fact Check: जापान के कब्रिस्तान में लगा है QR Code, मिलेगी मृतक की पूरी जानकारी?

Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर 2015 में एक थीम पार्क में ली गई थी।

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 20 Sep 2021 3:29 AM GMT
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Fact Check: जापान के कब्रिस्तान में लगा है QR Code (social media)

Fact Check: सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जापान (Japan) की कब्रों के पास एक क्यूआर कोड (QR Code) लगा है, जिसे स्कैन करने पर मृतक व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी ली जा सकती है। लोग इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Viral) कर रहे हैं। साथ ही इन तस्वीरों के जरिए खुद की भावनाएं लिखकर रीपोस्ट भी कर रहे हैं। जानिए क्या है पूरी सच्चाई।

वायरल तस्वीर में क्या है?

वायरल तस्वीर में एक महिला क्यूआर कोड (QR Code) को स्कैन करती हुई नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि महिला इस कब्र पर क्यूआर कोड (QR Code) स्कैन कर मृतक की सभी जानकारी प्राप्त कर रही है।

गलत है यह दावा

वायरल तस्वीर की जांच करने के लिए हमने गूगल के रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। इसमें हमें कई लिंक मिले है। जांच में यह भी पता लगा कि यह वायरल तस्वीर जापान की नहीं, बल्कि चीन की है। यह तस्वीर 2015 में एक थीम पार्क में ली गई थी। वहीं, तस्वीर में दिख रहा ग्रेवस्टोन असली नहीं है, बल्कि चीन में बनाए गए एक पार्क की है।

गूगल ने इस वायरल तस्वीर से संबंधित कई चीनी न्यूज वेबसाइट्स ने इससे जुड़ी खबर 2015 में पब्लिश किया था। रिर्पोट के मुताबिक, चीन ने 2015 में चोंगकिंग में फॉरेनर्स स्ट्रीट नामक थीम पार्क में द्वितीय विश्व युद्ध के पीड़ितों के लिए एक स्मारक बनवाया था। इसमें पार्क में आने वाले लोग क्यूआर कोड को स्कैन करके पीड़ितों को सम्मान दे सकते हैं।

1937 में हुआ था चीन और जापान के बीच युद्ध

बता दें कि नानजिंग नरसंहार 1937 में द्वितीय विश्व युद्ध से पहले हुआ था। यह युद्ध चीन और जापान के बीच हुआ था। चीन पर कब्जा करने के बाद जापानी सैनिकों ने चीनी नागरिकों की हत्या की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नरसंहार में मारे गए लोगों की संख्या 3 लाख के करीब बताई जा रही है।

Ragini Sinha

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