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Goa Election 2022: नागरिक संगठनों ने जारी किया चुनावी घोषणापत्र, पढ़ें पूरी खबर
Goa Assembly Election 2022: गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election 2022) के ऐन पहले राज्य के 70 से अधिक संगठनों ने हाथ मिलाया है और जनता का एक घोषणापत्र (manifesto) प्रकाशित किया है।
Goa Assembly Election 2022: गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Election 2022) के ऐन पहले राज्य के 70 से अधिक संगठनों ने हाथ मिलाया है और जनता का एक घोषणापत्र (manifesto) प्रकाशित किया है, जिसका उद्देश्य गोवा को निहित स्वार्थों से बचाना है। इस घोषणापत्र में मांग की गई है कि राजनीतिक दल (political party) इसे अपने चुनावी वादों की सूची में समाहित से करें।
दरअसल, पिछले एक दशक गोवा विवादास्पद कारणों से सुर्खियों में रहा है। लौह अयस्क खदानों (iron ore mines) के कारण जंगलों का सफाया और इसकी वजह से कई जगहों पर बाढ़, फिर कोयले की ढुलाई के दुष्परिणाम - ये मसले गोवावासियों के लिए एक गंभीर चिंता के रूप में सामने आए हैं। अब विधानसभा के चुनाव (Goa Assembly Election 2022) की घोषणा के साथ पर्यावरण की दुर्दशा से लेकर संसाधनों के दुरुपयोग तक के सभी मुद्दे उठ खड़े हुए हैं। राजनीतिक दल इन मुद्दों को अपने राजनीतिक अभियान का केंद्र बिंदु बनाएं, इसके लिए गोवा के समान विचारधारा वाले संगठनों ने हाथ मिलाया है। और इस क्रम में एक घोषणापत्र जारी किया है।
क्या है घोषणापत्र में
इस घोषणापत्र की शुरुआत में लिखा है- गोवा के लोग यह देखकर सबसे ज्यादा निराश हैं कि कोई भी राजनीतिक दल गोवा की जमीन और लोगों की जरूरतों, दूरदर्शिता और वैध अधिकारों को नहीं समझ सकता है। इस वजह से अब हम आपके योगदान के साथ या उसके बिना संघर्ष करेंगे और सफल होंगे। इस घोषणापत्र में पर्यावरण और रोजगार (environment and employment) सहित विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों को जगह दी गई है।
गोवा में कोयला परिवहन एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा
फेडरेशन ऑफ रेनबो वॉरियर्स (Federation of Rainbow Warriors) के कार्यकर्ता अभिजीत प्रभुदेसाई (Activist Abhijit Prabhudesai) का मानना है कि घोषणापत्र वास्तविक मुद्दों को उठाने और चर्चा में लाने में मदद करेगा। घोषणापत्र में प्रदूषण मुक्त गोवा (pollution free goa) के एजेंडे को आगे बढ़ाया गया है। गोवा में कोयला परिवहन एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है। इसे सभी विपक्षी दलों ने उठाया है। घोषणापत्र में कोयला परिवहन को पूरी तरह से रोकने की भी मांग की गई है।
घोषणापत्र में कहा गया है गोवा में इस्पात संयंत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। घोषणापत्र में दो प्रमुख मुद्दों पर भी चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 17, 4ए और 17बी के चौड़ीकरण का निर्माण कार्य रोका जाएगा। साथ ही राज्य में नए बिजली पारेषण टावरों के निर्माण को रोकने की भी मांग की गई है।