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नतीजों से पहले गोवा में शुरू हुई रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, कांग्रेस ने अपने सभी प्रत्याशियों को एक रिजॉर्ट में भेजा

Goa Election 2022: 2017 में गोवा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता का स्वाद चखने से दूर रहने वाली कांग्रेस इस बार कोई मौका नहीं देना चाहती।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Divyanshu Rao
Published on: 8 March 2022 11:56 AM GMT
Goa Election 2022
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कांग्रेस के झंडे की तस्वीर 

Goa Election 2022: गोवा विधानसभा चुनाव जैसे – जैसे चुनाव परिणाम के दिन नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के साथ – साथ सियासी दलों की धड़कनें भी तेज होने लगी है। देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में आया राम – गया राम की राजनीतिक संस्कृति ने मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं। लिहाजा 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों से सीख लेते हुए कांग्रेस इसबार शुरू से ही अपने प्रत्याशियों के घेराबंदी में जुट गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने सेफ साइड खेलते हुए नतीजों से पहले ही अपने प्रत्याशियों को एक रिजॉर्ट में भेज दिया है।

इस नेता को सौंपी अहम जिम्मेदारी

2017 में गोवा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता का स्वाद चखने से दूर रहने वाली कांग्रेस इसबार कोई मौका नहीं देना चाहती। पार्टी ने इस बार मोर्चे पर पड़ोसी कर्नाटक राज्य के दिग्गज कांग्रेस नेता और राज्य के पार्टी अध्यक्ष डीके शिवकुमार को लगाया है। इस तरह की सियासी खेल में माहिर माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि गोवा में उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रही है। इस दौरान वे पार्टी की मदद के लिए वहां मौजूद रहेंगे। कर्नाटक कांग्रेस चीफ ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में सभी दलों से आगे रहेगी।

बता दें कि डीके शिवकुमार का सियासी मैनेजमेंट उस समय चर्चा में रहा था, जब उन्होंने गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के रिजॉर्ट में राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के पहुंच से बचाकर रखा था। इसके बाद कर्नाटक में 2018 में कांग्रेस – जेडीएस गठबंधन सरकार के बनने में भी उन्होंने बड़ी भूमिक निभाई थी। उन्हें के शानदार मैनेजमेंट के कारण बीजेपी तब कांग्रेस – जेडीएस विधायकों को नहीं तोड़ पाई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को विश्वास मत हासिल करने से पहले ही कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

कांग्रेस के झंडे की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

2017 में गोवा में क्या हुआ था?

2017 में गोवा में कांग्रेस 17 सीटों के साथ राज्य की बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उसने सत्ताधारी बीजेपी जिसे 13 सीटें हासिल हुई थीं, पीछे छोड़ दिया था। माना जा रहा था कि राज्य में कांग्रेस अन्य छोटे दलों की मदद से सरकार बनाने में सफल होगी। उस समय गोवा के कांग्रेस प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हुआ करते थे। लेकिन बीजेपी ने उन्हें सियासी मैनेजमेंट में मात देते हुए एकबार फिर दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफल रही। पर्रिकर उस समय मोदी सरकार में रक्षी मंत्री हुआ करते थे।

क्या कह रहे एक्जिट पोल

सात मार्च को आए एक्जिट पोल गोवा में त्रिशंकु जनादेश की ओर इशारा कर रहे हैं। विभिन्न पोलों को मिलाकर किए गए पोल ऑफ पोल्स में गोवा में बीजेपी को 13 से 17 तो वहीं कांग्रेस को 14 से 18 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। अगर 10 मार्च को नतीजे ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में गोवा की राजनीति में घमासान मचना तय है।

Divyanshu Rao

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