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Goa Election 2022: गोवा के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चुनाव लड़ने से किया इनकार, जानिए क्या है वजह

मनोरम समुद्र तट वाले इस छोटे से राज्य में टिकट वितरण का काम हो चुका है। जिसके बाद राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में मशगुल में है। इन सबके बीच कांग्रेस और पहली बार राज्य में अपनी किस्मत आजमाने जा रही टीएमसी को जोर का झटका लगा है।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Divyanshu Rao
Published on: 28 Jan 2022 9:23 PM IST
Goa Election 2022
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प्रताप सिंह राणे की तस्वीर 

Goa Election 2022: गोवा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। 40 विधायकों वाले देश के सबसे छोटे राज्य में कई पार्टियां चुनावी मैदान में है। इनमे बीजेपी, कांग्रेस जैसी प्रमुख सियासी दलों के अलावा आम आदमी पार्टी और तृणमुल कांग्रेस भी चुनावी समर में है।

मनोरम समुद्र तट वाले इस छोटे से राज्य में टिकट वितरण का काम हो चुका है। जिसके बाद राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में मशगुल में है। इन सबके बीच कांग्रेस और पहली बार राज्य में अपनी किस्मत आजमाने जा रही टीएमसी को जोर का झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता प्रताप सिंह राणे ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। कुछ यही हाल टीएमसी के साथ भी हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो ने भी चुनावी मैदान में कूदने से इनकार कर दिया है।

प्रताप सिंह राणे

पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे गोवा की राजनीति के दिग्गज चेहरों में शुमार हैं। छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके राणे का राज्य में काफी सियासी रूतबा है। उनके कद को भूनाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। 11 बार विधायकी का चुनाव जीत चुके राणे को पार्टी ने उनके गढ़ पोरिम से चुनाव मैदान में उतारा। पूर्व सीएम राणे यहां से लगातार 11 बार से चुनाव जीत रहे हैं। उनके इनकार ने कांग्रेस को जोर का झटका दिया है। बीते 10 साल विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए काफी दम लगा रही है। ऐसे में राणे के इनकार ने पार्टी के कोशिशों को झटका दिया है। राणे के इनकार के बाद इस सीट से रंजीत राणे को कांग्रेस ने अपना सिंबल दिया है।

इनकार की वजह ये तो नहीं

गोवा के दिग्गज कांग्रेसी माने जाने वाले प्रताप सिंह राणे शुरू से लेकर अंत तक कांग्रेस में जमे हुए हैं। लेकिन बीजेपी ने उनके परिवार में सेंध लगा दी है। प्रताप राणे के बेटे जहां 2017 में ही कांग्रेस के टिकट पर जीतने के बाद भी बीजेपी में शामिल हो गए, तो वहीं इस चुनाव में बीजेपी ने उनकी बहू दिव्या राणे को पोरिम से उतारकर उनके लिए असहज वाली स्थिति खड़ी दी।

सीनियर कांग्रेस नेता ने अपनी बहू से चुनावी मैदान में होने वाली टक्कर से बचने के लिए चुनाव न लड़ने का फैसला किया और टिकट वापस कर दिया। वैसे आपको बता दें कांग्रेस के इस दिग्गज नेता पर बीजेपी पहले से ही डोरे डाल रही है। गोवा की भाजपा सरकार ने उनके विधानसभा में 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में उन्हें आजीवन कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है।

लुइजिन्हो फलेरियो

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे लुइजिन्हो फलेरियो को टीएमसी में शामिल कराकर वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में धमाकेदार एंट्री मारी थी। कांग्रेस में लगी इस सेंध को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। बंगाल में मिली प्रचंड जीत से उत्साहित ममता ने गोवा को अपने पार्टी के विस्तार के लिए सबसे मुफीद माना और यहां बीजेपी के खिलाफ स्वयं को सबसे बड़े विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश की।

लुइजिन्हो फलेरियो (फोटो:सोशल मीडिया)

लेकिन इन कोशिशों को लुइजिन्हो फलेरियो ने जोर का झटका दिया है। राज्य में टीएमसी का चेहरा माने जाने वाले फलेरियो ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। पार्टी ने उन्हें फाटोर्डा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी छोड़ते हुए इस सीट से एक युवा महिला वकील सियोला एविलिया को उम्मीदवारी देने का ऐलान किया। हालांकि फलेरियो ने चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने की बात कही।




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Divyanshu Rao

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