Goa Election 2022: गोवा में किसी भी तरफ जा सकता है जनादेश, किसी की भी लहर नहीं

Goa Election 2022: गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए आज वोटिंग काफी बढ़िया रही है। 77 फीसदी से ज्यादा लोगों ने पूरी शिद्दत से अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन सरकार किसकी बनेगी, इस बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं है

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 14 Feb 2022 3:50 PM GMT
Goa Election 2022
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मतदान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Goa Election 2022: गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा (Voting In Goa) के लिए आज वोटिंग काफी बढ़िया रही है। 77 फीसदी से ज्यादा लोगों ने पूरी शिद्दत से अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन सरकार किसकी बनेगी, इस बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। कोई भी दल 21 के जादुई अंक तक पहुंचेगा या नहीं, ये अनुमान लगाना अब भी मुश्किल है। इस साल के नतीजे दिखाएंगे कि लोग किस पार्टी से ज्यादा नाराज हैं और उनकी नाराजगी किस हद तक है। लोग नए विकल्पों के बारे में क्या सोचते हैं ये भी इस बार पता चल जाएगा।

गोवा में 2022 का चुनाव (Goa Election 2022) न केवल राज्य के 11.64 लाख मतदाताओं के लिए, बल्कि निर्दलीय समेत 12 राजनीतिक दलों के 301 उम्मीदवारों के लिए भी एकदम अलग तरह का है। भाजपा (BJP) लगातार तीसरे कार्यकाल की उम्मीद में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस (Congress), जो कई निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के साथ आमने-सामने की लड़ाई में है, वोटों का बंटवारा नहीं करने की अपनी अपील पर भरोसा कर रही है। कांग्रेस को यह भी उम्मीद है कि मतदाता इसे गैर-भाजपा सरकार बनाने में सक्षम एकमात्र पार्टी के रूप में देखेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि आम आदमी पार्टी, या तृणमूल कांग्रेस - या यहां तक ​​कि दोनों, इस बार गोवा में अपनी छाप छोड़ सकती हैं। लेकिन ये भी सरकार बनाने की स्थिति में नजर नहीं आ रही हैं।

कहने को तो गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) ने विश्वास व्यक्त किया है कि उनकी पार्टी 22 से अधिक सीटें जीतेगी और राज्य में फिर से सरकार बनाएगी। सांकेलिम, जहां से प्रमोद सावंत चुनाव लड़ रहे हैं, में सबसे अधिक 88.07 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि वास्को-द-गामा में सबसे कम 67.63 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदाता मतदान ऐप के अनुसार, सांगुम, प्रोल और क्यूपेम में 84.61 प्रतिशत, 84.50 प्रतिशत और 81.11 प्रतिशत मतदान हुआ।

भाजपा और कांग्रेस

2017 में भाजपा और कांग्रेस, दोनों को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा था और किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। सातवीं विधानसभा में कांग्रेस को 40 में से 17 सीटें मिलीं जबकि बीजेपी को सिर्फ 13। छठी विधानसभा में उसके पास 21 सीटें थीं। यह बात और है कि उसने किसी अन्य जरिये से बहुमत बटोर लिया। दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन नहीं बना पाई। उसके बहुत से विधायक कई स्तरों पर दलबदल करते रहे। आखिर में सदन में उसकी कुछ ही सीटें रह गईं। ऐसे में पार्टी के दलबदलुओं से उसकी छवि को नुकसान हुआ है।

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