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Goa Election 2022: शुरुआती स्पीड के बाद पिछड़ गई ममता की पार्टी, सोशल मीडिया पर रहे प्रचार

Goa Election 2022: गोवा के लोगों को सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के धुआंधार विज्ञापन दिखाई देने लगे थे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 Feb 2022 4:30 PM IST
mamata banerjee: Bengali language sign board at Whitechapel metro station in London mamata banerjee gave thanks
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mamata banerjee 

Goa Election 2022: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बढ़िया जीत के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने गोवा (Goa Election 2022) में दुकान सजा दी थी। गोवा के लोगों को सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उनकी पार्टी के धुआंधार विज्ञापन दिखाई देने लगे थे। इससे संकेत मिल रहा था कि ममता की पार्टी, पश्चिम बंगाल के बाद गोवा (Goa Election 2022) में भी भाजपा (BJP) को चुनौती देने आ रही है।

दूसरी पार्टियों में सेंध

30 सितंबर को तृणमूल पार्टी (Trinamool Party) ने पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो (Former Chief Minister Luizinho Faleiro) के नेतृत्व में कई कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) को अपने पाले में मिला लिया।

फलेरियो (Former Chief Minister Luizinho Faleiro) ने कुछ हफ्ते पहले ही मीडिया को बताया था कि उनकी उम्र अब 70 वर्ष हो गई है और अब उन्हें कांग्रेस में लौटने में कोई दिलचस्पी नहीं है। कुछ समय के लिए ऐसा लग रहा था कि तृणमूल गोवा में कांग्रेस की जगह लेगी।

देखते देखते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) के चेहरे वाले होर्डिंग पूरे गोवा में छा गए। पार्टी ने काफी पहले से गोवा में प्रचार अभियान (campaign in goa) शुरू कर दिया।

गोवा मूल के टेनिस स्टार लिएंडर पेस को पार्टी के प्रचार के लिए नियुक्त किया गया। गांव के बच्चों के साथ फुटबॉल खेलते, स्थानीय बाजारों में मछली खरीदने और प्रभावशाली लोगों से मेल मुलाकात की उनकी फोटो और खबरें खूब छपवाई गईं।

राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा

यह स्पष्ट दिखने लगा था कि गोवा से तृणमूल को अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को शुरू करने की उम्मीद थी। लेकिन चार महीने बाद अब जबकि गोवा में मतदान बहुत करीब है, तृणमूल पूरी तरह डिरेल हो चुकी है। टीएमसी में शामिल होने वाली शुरुआती टीम के दो सदस्यों ने पार्टी पर अपने आदर्शों और वादों पर टिके रहने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है।

जबकि एक तिहाई ने अभी तक पार्टी तो नहीं छोड़ी है लेकिन सार्वजनिक रूप से पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की है। खुद फलेरियो जो शुरू में फतोर्डा निर्वाचन क्षेत्र में गोवा फॉरवर्ड पार्टी (Goa Forward Party) के सुप्रीमो विजय सरदेसाई (Supremo Vijay Sardesai) के खिलाफ तृणमूल उम्मीदवार के रूप में घोषित किये गए थे, नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन दौड़ से हट गए। तृणमूल नेतृत्व उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाने के प्रयास विफल रहा। अब इस सीट से तृणमूल ने एक युवा वकील सियोला वास को उतारा है।

अन्य दलों के रिजेक्टेड लोगों को टिकट

ममता की पार्टी ने अन्य दलों द्वारा खारिज किए गए उम्मीदवारों को टिकट देकर मैदान में उतारा है। पार्टी द्वारा घोषित 25 उम्मीदवारों में से आठ ऐसे हैं जो पहले कांग्रेस (Congress) या भाजपा (BJP) के टिकटार्थी थे। वहां विफल रहने के बाद उनको तृणमूल ने उतारा है।

पीके से मतभेद

गोवा में तृणमूल (Trinamool in Goa) का ऑपरेशन चलाने वाले प्रशांत किशोर के संगठन इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) और पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद सामने आए हैं।

उदाहरण के तौर पर, तृणमूल प्रत्याशी अनुभवी नेता चर्चिल अलेमाओ और उनकी बेटी वलंका ने कई मौकों पर पार्टी के उम्मीदवारों की पसंद या दलबदलुओं को शामिल करने जैसे मुद्दों पर पार्टी के रुख पर नाराजगी प्रदर्शित की है। बहरहाल, ऊपरी तौर पर तृणमूल कांग्रेस गोवा पर अपना मजबूत दावा बता रही है। देखना है कि आप और तृणमूल में कौन किस पर भारी पड़ता है।

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Deepak Kumar

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