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Gorakhpur News: गैलेंट ग्रुप के चेयरमैन चंद्र प्रकाश अग्रवाल बोले, आयकर छापे में राजनीतिक एंगल की बात गलत
Gorakhpur News: चेयरमैन ने कहा कि 1000 करोड़ की कर चोरी की बात मीडिया में आई है। जो पूरी तरह गलत है। पूरी जांच में 26 लाख नगद जब्त किया गया। जो नियमित खाता में दर्ज है। जांच में 6 करोड़ नकदी मिलने की बात गलत है।
Gorakhpur News: गैलेंट ग्रुप के चेयरमैन चंद्र प्रकाश अग्रवाल और सीईओ मयंक अग्रवाल सोमवार को गोरखपुर में एक होटल में मीडिया से मुखातिब हुए। चेयरमैन ने कहा कि आयकर छापे में 1000 करोड़ की कर चोरी, नौकरशाहों का निवेश जैसी बातें पूरी तरह भ्रामक हैं। ऐसी कार्रवाई से पूर्वांचल का औद्योगिक विकास प्रभावित होगा। कार्यवाई में राजनीतिक एंगल नहीं है। यह विशुद्ध विभागीय कार्रवाई है।
चेयरमैन ने कहा कि 1000 करोड़ रुपये की कर चोरी की बात मीडिया में आई है। जो पूरी तरह गलत है। पूरी जांच में 26 लाख नगद जब्त किया गया। जो नियमित खाता में दर्ज है। जांच में 6 करोड़ नकदी मिलने की बात गलत है। 4 करोड़ की ज्वैलरी की बात मीडिया रिपोर्ट में है। जबकि इसकी कीमत अधिक है। लेकिन जांच में कोई जब्ती नहीं हुई है। लाकर नियमानुसार हैं। कोई आपत्तिजनक कागजात, वस्तु और बेमानी संपत्ति के साक्ष्य नहीं मिले हैं। कंपनी में नौकरशाही के निवेश की बात कपोल कल्पना है। पूरी कार्रवाई में ईडी और सेंट्रल जीएसटी द्वारा जांच की बात सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न कंपनियों से जो भी लेनदेन या एग्रीमेंट हुए हैं, वह आयकर के दायरे में है। कहीं कोई देनदारी होगी तो उसे अदा करेंगे। गलत होगा तो ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयकर की विभागीय कार्रवाई में कोई राजनीतिक एंगल नहीं है। कंपनी 45 करोड़ रुपये का आयकर और 700 करोड़ बतौर जीएसटी देती है। ग्रोथ के साथ विभागीय संदेह स्वभाविक है। चेयरमैन ने कहा कि 2014 में भी आयकर की जांच हुई थी। तब 30 से 35 लाख रुपये बतौर टैक्स जमा हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में जब उन्होंने फैक्ट्री स्थापित की थी, तो माहौल प्रतिकूल था। बदले परिवेश में हजारों करोड़ के निवेश की परियोजना पाइप लाइन में थी। इसे लेकर नये सिरे से सोचना होगा। पिछले पांच दिनों में जो कुछ हुआ उससे औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जब फैक्ट्री लगाई तब गोरखपुर में गन प्वाइंट पर होते थे काम-
चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि नब्बे के दशक में कोई मुंबई या दिल्ली से निवेश की बात सोच भी नहीं सकता था। तब यहां सब काम गन प्वाइंट पर होता था। उन परिस्थितियों में यहां कट्टे की ही फैक्ट्री लगती। एक जिला एक उत्पाद जैसी योजनाओं में कट्टा निर्माण शामिल होता। लेकिन विपरीत परिस्थितियों में गोरखपुर से भावनात्मक लगाव के चलते ही यहां निवेश किया। तब यहां दिल्ली और मुंबई के उद्यमी निवेश नहीं करते। हजारों लोगों को फैक्ट्री में रोजगार मिला हुआ है।
एक लाख से शुरू हुई कंपनी, आज 4000 करोड़ का टर्नओवर-
चेयरमैन ने कहा कि वर्ष 1984 में एक लाख रुपये के निवेश से गैलेंट ग्रुप की आधारशिला रखी गई। 40 वर्षों बाद कंपनी में गोरखपुर से लेकर गुजरात तक 2000 करोड़ रुपये का निवेश है। इन इकाइयों में लगभग 3000 नियमित कर्मचारी और अप्रत्यक्ष रूप से भी 3000 लोग जुड़े हुए हैं। गैलेन्ट का वर्ष 2006 में टर्नओवर 25 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2023 को समाप्त हुये वित्तीय वर्ष में 4000 करोड़ तक पहुँच चुका है।