×

Gorakhpur News: जड़ों की ओर लौटना बेहद सुखद, समय माता चालीसा का लोकार्पण

Gorakhpur News: तक़रीबन चौउवन साल पहले रमेश के दादा जी इलाहाबाद नौकरी करने जा पहुँचे। पर एक दादा गाँव पर ही रह कर न केवल खेती बारी देखते रहे बल्कि अध्यापन का भी काम किया। पर पिता सहित सभी चाचा ने दादा जी लोगों के नहीं रहने के बाद गाँव से मुँह मोड़ लिया।

By
Published on: 19 March 2023 9:03 PM GMT
Gorakhpur News: जड़ों की ओर लौटना  बेहद सुखद, समय माता चालीसा का लोकार्पण
X
File Photo of Samay Mata Mandir (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: जड़ों की वापसी कितना सुखद अहसास दिलाती है यह गोरखपुर के कौवाडील गाँव के निवासी रमेश चंद्र शर्मा से बेहतर इन दिनों कौन जान और बता सकता है। तक़रीबन चौउवन साल पहले रमेश के दादा जी इलाहाबाद नौकरी करने जा पहुँचे। पर एक दादा गाँव पर ही रह कर न केवल खेती बारी देखते रहे बल्कि अध्यापन का भी काम किया। पर पिता सहित सभी चाचा ने दादा जी लोगों के नहीं रहने के बाद गाँव से मुँह मोड़ लिया। लेकिन रमेश के मन में अपने गाँव को देखने और जीने की टीस उठती रही। इसलिए उन्होंने न केवल गाँव को देखा बल्कि कई दिन जिया भी।

रमेश के गाँव के पास ही बहुत प्रतिष्ठित व मान्यता प्राप्त समय माई का मंदिर है। रमेश की यादें इस मंदिर से इतनी जुड़ी हैं कि उन्होंने समय माई चालीस लिख दिया। समय माता के प्रांगण में 19 मार्च को श्री समय माता चालीसा एवं आरती पुस्तिका का विमोचन भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। यह कार्य ग्राम कौवाडील के लिए बड़े गर्व की बात है। इसके रचनाकार इस गांव के लाल रमेश चंद्र शर्मा पुत्र स्वर्गीय मुरलीधर शर्मा, पौत्र स्वर्गीय रामजी शर्मा जी हैं। इनका पूरा परिवार आगरा में निवास करता है। गांव में 54 वर्ष बाद रमेश चंद्र का आगमन हुआ। इस अवसर पर माता काली जी के स्थान पर आज भव्य सुंदर काण्ड का पाठ और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम उन्होने आयोजित किया।

!! श्री गणेश वंदना !!

सिद्धि विनायक दाता तुमको करूँ सदा परनाम ताल,
छन्द अरु मात्राओं का रख पाऊँ मैं ज्ञान ।
स्वर लहरी जो मिले नहीं तो रखना इतना ध्यान
समय माई जी स्वीकारें मन का अस्फुट गान ।।

प्रार्थना

हाथ जोड़ विनती करूँ धरूँ तिहारा ध्यान ।
बल, बुद्धि-विद्या देने वाली माता करो कल्यान ।।
याद करूँ हर बाधाओं में, सदा निहारू ओट ।
सेवक अपना जानके, माँ दूर करो हर खोट ।।

श्री समय माई चालीसा

जय मइया, जयसमा माई की।
आदि, अनादि माँ सुखदाई की ।। 1
तुम गजवाहिनी माँ जगजननि ।
सौम्य स्वरूपा चिन्ता हरनि ।। 2
सगरे जगत की रक्षक तुम हो।
दुष्ट दलन की भक्षक तुम हो ।। 3
तुम कुल देवी तुम जग माता।
तुम हो सबकी भाग्य विधाता ।। 4
तुम ही दुर्गा तुम ही काली।
सब जीवन की तुम रखवाली ।। 5
प्रकटी बन विन्ध्याचल रानी।
जाकी महिमा न जात बखानी ।। 6
माँ कामाख्या - तारा रानी।
तुम ही त्रिकुटा की महरानी ।। 7
गौरा तुम, गजबदन रचइया।
तुम जसुदा अरु देवकी मइया ।। 8

नाम तोहार समय की माता।
काल सदा गुन तुम्हरी गाता ।। 9
हर पर्वत पर तुम्हरा डेरा।
सूरज बन तुम बनी सवेरा ।। 10
तुम सन्तोषी शीतला माता।
धूमावती माँ जग सुखदाता ।। 11
तुम आई दुःख हारन कारन।
तुम से ही सब क्लेश निवारन।। 12
पूरणमासी की तुम चमकी।
हर तारन में तुम ही रहती ।। 13
सब में तुम्हरी जोति समाई।
तुम बिन होत न कोई सहाई।। 14
कोई ना मूरत तुमसे प्यारी ।
तुम्हरी हर लीला है न्यारी ।। 15
तुम करुणा की सागर गहरी ।
तुम सरदी की धूप दुपहरी ।। 16
जय जग देवी तुम कल्यानी ।
धरा गगन अरु राति बिहानी।। 17
गंगा-जमुना तुम से ही बहती ।
पाप - शाप माँ सब के हरती ।। 18
कमला, विमला सती कहाई ।
तुम से ही सब होत सहाई ।। 19
धन-वैभव की महिमा तुम से ।
ज्ञान-ध्यान की गरिमा तुम से ।। 20
ब्रहमा गावँ बिसनु गावैं ।
महेस नाम की अलख जगावें ।। 21
जो कोई तुम्हरे द्वार पे आता ।
पूज तुम्हें मनवांछित पाता।। 22
राज, धिराज हो कउनो योगी ।
द्वार पे तुम्हरे सब हैं जोगी ।। 23
कृपा मात की जो जन पाता ।
वो हो जाये जगत विख्याता ।। 24
तुम्हरी कृपा से जीवन जाना ।
पावन पवित्र है तुम्हरा थाना।। 25
छोट- बढ़ल कोठ गलती मोरी।
छमा कर माँ भरदा झोरी ।। 26
पूजा, पाठ और हवन कराइ ।
तुम्हरे चरनन पे बलि जाइ ।। 27
सादी, बियाह अरु सोहर गाई।
जब जब कृपा करें महमाई ।। 28
झांझ, मंजीरा - घन्टा बाजै।
सब सुख मइया तुमसे साजै ।। 29
तुमसे ही जीवन सब धन मान।
बल, बुद्धि, विद्या, तुमसे ही ज्ञान।। 30
काल कष्ट ना करे प्रवेसा।
जिस घर में तुम रहो हमेसा ।। 31
उपरि शक्ति ऊपर भागे।
छमा याचना माई से मांगे।। 32
मारन, मोहन मंत्र बचाई ।
हर विपदा हरती महमाई ।। 33

भूत प्रेत का लगे अंदेसा ।
जपा माई का नाम हमेसा ।। 34
तन मन होवे धन का संकट ।
नाम माई का हरे वो कंटक ।। 35
लवंग चढ़ाई कर्पूर चढ़ाई ।
श्रीफल लइके चुनरि ओढ़ाई ।। 36
हम भटके पर बालक तेरे ।
बुलाए माई सब संकट हेरे ।। 37
मइया हरति हर इक बाधा ।
बनल रहिल जे सीधा साधा ।। 38
जब-जब जनम धरा पे पाऊँ ।
तुमको ही पूजूँ, तुमको ध्याऊँ ।। 39
भजन करै जो यह चालीसा ।
पावै सुख, रहे दूर कलेसा ।। 40

इति सम्पूर्ण :

:: निवेदन ::

भूल भरे इस जीवन में बस अब तुम्हरी टेर,
सुनकर मेरी विनती माँ, करो नहीं अब देर।।
करो नहीं अब देर, फेर में बीता जीवन सारा,
कित जाऊँगा अम्बे मइया छोड़ के तुम्हरा द्वारा।।

समय माई जी की आरती

आरती समय मइया जी की गाऊँ
तुमको ही पूजूं तुमका मैं ध्याऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ
काल बनी तुम कालातीता
गौरा तुम, तुम राम की सीता
तुमसे ही अब सब आस लगाऊँ
आरती समय महया जी की गाऊँ

तुमही सब की रक्षक धारी
तुम भव सागर की पतवारी
नाम से तुम्हरे तरि तरि जाऊं
आरती समय महया जी की गाऊँ
दुर्गा, लक्ष्मी काली माता
सुख सम्पत्ति की तुम हो दाता
छप्पन भोग मैं तुमको चढ़ाऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ
धन यश मान तुम्ही से साजे
तुम्हरे देहरी डीह विराजे
तुम्हरे नाम की अलख जगाऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ
तुमसे सदगुण तुमसे ही वैभव
तुमसे है परिवार में कलरव
तुम बिन और कहाँ मैं जाऊं
आरती समय मइया जी की गाऊँ
ग्रह गोचर की जननी माता
काल नेम की तुम हो त्राता
तुम्हरी महिमा सदा सुनाऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ
ब्रहमा गावैं, विष्णु गावैं
भोले शंकर शीश नवावैं
कहत चन्द्रमा तुमको रिझाऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ
पावन आरती जे जन गावै
पूज तुम्हें मनवांछित पावै
अइसन मइया पे बलि बलि जाऊँ
आरती समय मइया जी की गाऊँ

- रचनाकार, रमेश चन्द्र शर्मा

भोग प्रार्थना

घरवा बिरजिया हे समा माई
अँगना पधरिया हे समा माई
कउन जतन करी कउन प्रकासा
तुम्ही से बंधली अब सब आसा
राह दिखइया हे समा माई
घरवा बिरजिया...
चुनरी के पायल सिन्नूर चढ़ाई
सोनवा सिंहासन पे तोहके बिठाई
मनवा समइया हे समा माई
घरवा बिरजिया....
निक्कल निक्कल लईके भोग लगाई
जो तोहे भावे अइसन चढ़ाई
प्रेम से खईया हे समा माई
घरवा बिरजिया...

प्रेरणास्रोत

स्व. श्री चुन्नी लाल शर्मा (परदादाजी), स्व. श्री रामजी शर्मा (दादाजी), स्व. श्री राधेश्याम शर्मा (छोटे दादाजी), स्व. श्री मुरलीधर शर्मा (पिताजी) स्व. श्री जगन्नाथ प्रसाद शर्मा (चाचाजी स्व. श्री दिनेश चन्द्र शर्मा (चाचाजी) श्रीमती राजकुमारी शर्मा (माताजी) एवं श्री प्रकाशचन्द शर्मा (चाचाजी) निवासी ग्राम कौवाडिल, जनपद-गोरखपुर (उ.प्र)

सहयोग

श्रीमती अंजू शर्मा (पत्नी)

विशेष आभार

श्रीमान डॉ. योगेश चंद्र मिश्र
(वरिष्ठ सम्पादक न्यूज ट्रैक - हिंदी न्यूज चैनल, लखनऊ )

Next Story