Gujarat Elections: गुजरात में दिलचस्प हुई पाटीदार वोटों की जंग, भाजपा को जवाब देने के लिए आप का बड़ा सियासी खेल

Gujarat Assembly Elections: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा पाटीदार समुदाय के बड़े नेताओं के दम पर इस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 2 Nov 2022 5:11 AM GMT
The battle of Patidar votes in Gujarat became interesting, AAPs big political game to answer the BJP
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गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी में पाटीदार वोटों के लिए जंग शुरू: Photo- Social Media

Gujarat Assembly Elections: गुजरात में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) के मद्देनजर सभी सियासी दल अपने समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। खास तौर पर पाटीदार समुदाय के वोटों के लिए जंग काफी दिलचस्प होती जा रही है। भाजपा (BJP) पाटीदार समुदाय (Patidar voters) के बड़े चेहरे हार्दिक पटेल (Hardik Patel) और अन्य पाटीदार नेताओं के दम पर इस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है तो दूसरी ओर आप नेता अरविंद केजरीवाल (AAP leader Arvind Kejriwal) ने भी बड़ा सियासी खेल कर दिया है।

आप ने पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने वाले दो बड़े चेहरों को तोड़कर पाटीदार वोटों की जंग को दिलचस्प बना दिया है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक अल्पेश कथेरिया और सहसंयोजक धार्मिक मालवीय की आप में एंट्री से पाटीदार समीकरण पर असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इन दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल करके आप ने पाटीदार वोट बैंक में सेंध लगाने की तगड़ी तैयारी कर ली है।

पाटीदार वोटो में सेंध लगाने की आप की तैयारी

पाटीदार आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल कांग्रेस के रास्ते अब भाजपा में एंट्री ले चुके हैं। हालांकि अभी तक गुजरात चुनाव में उनकी ज्यादा सक्रियता नजर नहीं आ रही है मगर माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान के बाद चुनाव के मद्देनजर भाजपा उनका पूरा उपयोग करेगी। अब आम आदमी पार्टी ने हार्दिक के दो पुराने साथियों और पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरों को तोड़कर भाजपा की योजना को फेल करने की तैयारी कर ली है।

सियासी जानकारों का मानना है कि पाटीदार समुदाय से जुड़े इन दो प्रमुख चेहरों के आप में शामिल होने से पार्टी को नई मजबूती मिली है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने पहले ही गुजरात में पूरी ताकत झोंक रखी है। ऐसे में इन नेताओं के जरिए पार्टी पाटीदार समुदाय में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी में जुट गई है।

युवा नेताओं को चुनाव लड़ाएगी आप

जानकार सूत्रों का कहना है कि आप की ओर से इन दोनों प्रमुख पाटीदार चेहरों को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी है। युवा नेता अल्पेश कथेरिया को पाटीदार बहुल वराछा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर धार्मिक मालवीय को सूरत की कामरेज या ओलपाड सीट से टिकट देने की तैयारी है। ये दोनों युवा नेता गुजरात के अमरेली जिले के रहने वाले हैं।

दोनों नेताओं को आप में शामिल करने के लिए आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद मौजूद थे। इस मौके पर केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि इन दोनों नेताओं के आप में शामिल होने से पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी। उन्होंने गुजरात चुनाव में आप की बड़ी जीत का दावा भी किया। केजरीवाल पहले ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि आप के सत्ता में आने पर पाटीदार आंदोलन के समय दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे।

गुजरात चुनाव में जंग हुई तीखी

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कई सीटों पर पाटीदार समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। पिछले चुनाव में भाजपा 1995 के बाद सबसे कम सीटें जीतने में कामयाब हो सकी थी। पाटीदार समुदाय की नाराजगी को इसका बड़ा कारण माना गया था। ऐसे में पाटीदार आंदोलन से जुड़े दो युवा नेताओं के आप में शामिल होने के बाद पार्टी को नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा हार्दिक पटेल के जरिए इन युवा नेताओं को जवाब देने की कोशिश करेगी।

गुजरात का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की जंग बना हुआ है और ऐसे में पार्टी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। अभी तक पार्टी को केवल कांग्रेस की चुनौती से जूझना पड़ता था मगर आप की एंट्री ने गुजरात के चुनावी समीकरण को त्रिकोणीय बना दिया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने गुजरात में पूरी ताकत लगा रखी है। दूसरे प्रदेशों के कई प्रमुख भाजपा नेताओं को भी गुजरात में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Shashi kant gautam

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