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Gujarat Assembly Election 2022: भाजपा को मोदी मैजिक और शाह की कूटनीति पर भरोसा,अब दूसरे चरण की लड़ाई पर नजरें
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात की 89 सीटों के लिए पहले चरण में एक दिसंबर को मतदान हुआ था जबकि दूसरे चरण में 14 जिलों की की 93 सीटों पर सोमवार को मतदान होना है।
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात के चुनावी (Gujarat Assembly Election 2022) रण में प्रचार का शोर पूरी तरह थम चुका है और अब सबकी निगाहें कल होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर टिकी हैं। सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों के लिए पहले चरण में एक दिसंबर को मतदान हुआ था जबकि दूसरे चरण में 14 जिलों की की 93 सीटों पर सोमवार को मतदान होना है। दूसरे चरण में ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel), पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर की किस्मत का भी फैसला होना है।
प्रचार के आखिरी दिन रविवार को भाजपा की ओर से पूरी ताकत झोंकी गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाओं में कांग्रेस और आप पर जोरदार हमला बोला। 1995 से ही राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की जंग बना हुआ है। भाजपा को इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू और गृह मंत्री अमित शाह की कूटनीति पर पूरा भरोसा है। पीएम मोदी (Narendra Modi) और शाह (Amit Shah) ने गुजरात के चुनावी रण को जीतने के लिए ताबड़तोड़ रोड शो और चुनावी सभाएं की हैं। इसी कारण पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा कांग्रेस और आप पर भारी दिखी है।
पीएम मोदी को गुजरात के मतदाताओं पर भरोसा
दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद जताई है। गुजरात चुनाव के संबंध में किए गए अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान मैंने पूरे गुजरात की यात्रा की है और मुझे हर स्थान पर लोगों का काफी प्यार और स्नेह मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता पर पूरा भरोसा है और इसीलिए जनता भी भाजपा पर पूरा भरोसा करती रही है।
उन्होंने दावा किया गया कि गुजरात में दो दशक से जारी विकास यात्रा को जारी रखने के लिए मतदाताओं ने एक बार फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं,उसके पीछे गुजरात और देश की जनता का ही प्यार और समर्थन है। पीएम मोदी ने प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को गुजरात में कोई रैली या रोड शो नहीं किया मगर इसके पहले वे चुनाव प्रचार में काफी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
साल भर पहले ही सतर्क हो गई थी भाजपा
गुजरात के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा काफी पहले से पूरी तरह सतर्क रही है। पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 99 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। इस कारण पार्टी ने इस बार पूरी ताकत लगा रखी है। साल भर पहले बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी ने मुख्यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल बदल डाला था। पार्टी नेतृत्व की ओर से उठाए गए इस कदम को बड़ा सियासी बदलाव माना गया था।
कई क्षेत्रों में विधायकों की निष्क्रियता और एंटी इनकंबेंसी के खतरे के कारण भाजपा पहले ही सतर्क हो गई थी। गुजरात के साथ ही हिमाचल प्रदेश का भी विधानसभा चुनाव हुआ है, लेकिन गुजरात के चुनावी नतीजे ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। गुजरात का चुनावी नतीजा बड़ा सियासी संदेश देने वाला साबित होगा और इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। इसी कारण भाजपा के नजरिए से इस चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है।
पीएम मोदी के मैजिक का होगा परीक्षण
वैसे गुजरात में भाजपा के चुनाव प्रचार के पूरे केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे हैं। इसका कारण यह है कि गुजरात के मतदाताओं पर अभी भी पीएम मोदी का जादू बरकरार है और भाजपा को पीएम मोदी के मैजिक पर काफी भरोसा है। 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी पीएम मोदी ने गुजरात में धुआंधार चुनाव प्रचार किया है। दूसरे चरण के मतदान से पहले उन्होंने अमदाबाद में 50 किलोमीटर लंबा जबर्दस्त और रोड शो किया। इस रोड शो के जरिए पीएम मोदी ने 14 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है।
प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में चुनाव अधिसूचना जारी होने के काफी पहले ही सक्रिय हो गए थे और उन्होंने राज्य को कई बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। गुजरात के चुनाव में इस बार मोदी के जादू का भी परीक्षण होना है। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि मोदी की चुनावी सभाओं और रोड शो में उमड़ी भीड़ से उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है और चुनाव नतीजे पर इसका निश्चित रूप से असर दिखाई देगा।
शाह की कूटनीति दिखा सकती है असर
गुजरात में भाजपा के चुनाव प्रचार का पूरा ताना-बाना गृह मंत्री अमित शाह ने ही बुना है। दीपावली के समय से ही अमित शाह का अधिकांश समय गुजरात में ही बीता है। उन्होंने चुनावी सभाओं के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव में सक्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान भले ही जगत प्रकाश नड्डा के हाथों में हो मगर गुजरात में चुनाव की रणनीति बनाने में सबसे सक्रिय भूमिका अमित शाह की ही रही है।
उन्होंने हर चुनावी क्षेत्र की जानकारी लेने के साथ ही मीडिया प्रबंधन में भी अहम रोल अदा किया है। उन्होंने तो यहां तक दावा कर डाला है कि भाजपा इस बार प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाएगी और आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुलेगा। अब यह देखने वाली बात होगी कि मोदी मैजिक और अमित शाह की रणनीति का दूसरे चरण के मतदान पर क्या असर पड़ता है।