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Gujarat New Cabinet: सभी वर्गों को साधने का प्रयास, मिशन 2024 पर भाजपा की निगाहें
Gujarat New Cabinet: भूपेंद्र पटेल को विधानसभा चुनाव से पहले पहली बार सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय भाजपा ने गुजरात का पूरा मंत्रिमंडल बदल डाला था।
Gujarat New Cabinet: गुजरात के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद भूपेंद्र पटेल की मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार राज्य की कमान संभाल ली है। भूपेंद्र पटेल को विधानसभा चुनाव से पहले पहली बार सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय भाजपा ने गुजरात का पूरा मंत्रिमंडल बदल डाला था। पार्टी को इसका फायदा भी मिला और पार्टी 1985 का सबसे बड़ी जीत का 149 सीटों का रिकॉर्ड तोड़ने में भी कामयाब रही। भाजपा को 156 सीटें मिलने के बाद आज भूपेंद्र की ताजपोशी के समारोह के जरिए भाजपा ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।
भूपेंद्र पटेल के साथ 16 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। मंत्रिमंडल के गठन में जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने की पूरी कोशिश की गई है। गुजरात के नए मंत्रिमंडल में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी ने 2024 की सियासी जंग के लिए पार्टी की दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की है।
हालांकि पहली बार विधायक बनने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अल्पेश ठाकोर को गुजरात मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है।
गुजरात का नया मंत्रिमंडल
गुजरात के नए मंत्रिमंडल में कनुभाई देसाई, ऋषिकेश पटेल,राघवजी पटेल, बलवंत सिंह राजपूत, कुंवरजी बावलिया, मुलुभाई बेरा,भानुबेन बाबरियाठ और कुबेर डिडोर को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।
हर्ष सांघवी और जगदीश विश्वकर्मा को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। मुकेश पटेल,पुरुषोत्तम सोलंकी,बच्चू भाई खाबड़, प्रफुल्ल पानसेरिया, भीखू सिंह परमार और कुंवरजी हलपति को राज्यमंत्री के रूप में नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
कुंवरजी बावलिया कोली समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर कोली समाज को साधने की कोशिश की गई है। वे विजय रुपाणी के सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ऋषिकेश पटेल उत्तर गुजरात के मजबूत नेता माने जाते हैं। उनके जरिए पाटीदार समाज को साधने का प्रयास किया गया है। वे भूपेंद्र पटेल की पिछली सरकार में भी आरोग्य मंत्री के रूप में शामिल थे।
राघवजी पटेल पहले कांग्रेस में थे। वे 2018 में राज्यसभा चुनाव के समय बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि उनके वोट को चुनाव आयोग ने अमान्य करार दिया था, जिससे अहमद पटेल को जीत हासिल हो सकी थी।
उन्होंने 2019 का उपचुनाव जामनगर ग्रामीण सीट से जीता था। कनुभाई देसाई को वलसाड जिले का मजबूत नेता माना जाता है। पारदी सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कनुभाई भूपेंद्र के पिछले मंत्रिमंडल में भी शामिल थे। दक्षिण गुजरात से ताल्लुक रखने वाले हर्ष सांघवी को युवा और तेजतर्रार नेता माना जाता है।
उन्होंने नतीजों से पहले ही भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिलने का दावा किया था। वे पिछली सरकार में गृह राज्य मंत्री की भूमिका में थे और अपने काम के जरिए उन्होंने शीर्ष नेताओं को भी प्रभावित किया था। मंत्रिमंडल के अन्य चेहरों के जरिए समाज के सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया गया है।
हार्दिक और अल्पेश को नहीं मिली जगह
नए मंत्रिमंडल में हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर की एंट्री को लेकर आखिरी समय तक सस्पेंस बना रहा। मौजूदा दौर में गुजरात के इन दोनों चर्चित युवा नेताओं को भूपेंद्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने चुनाव से पूर्व कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और इस बार वे विरमगाम विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। मंत्रिमंडल में जगह न मिलने पर हार्दिक ने कहा कि मैं काफी युवा विधायक हूं। यह फैसला करना पार्टी नेतृत्व का काम है कि किसे सरकार में शामिल किया जाएगा और किसे नहीं।
उन्होंने कहा कि मेरा यकीन पार्टी की ओर से सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरा करने में है। मैं पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करूंगा। ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अल्पेश ठाकोर को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। सियासी जानकारों का मानना है कि इन दोनों युवा नेताओं को आगे चलकर मंत्रिमंडल विस्तार में भूपेंद्र सरकार में शामिल किया जा सकता है।
भाजपा की ऐतिहासिक कामयाबी
इस बार का विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है। पार्टी को 156 सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि तीन निर्दलीय और एक आप विधायक ने भी भाजपा सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई है जबकि आप को 5 सीटों पर कामयाबी मिली है। 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। ये सभी निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा से टिकट न मिलने के बाद बागी बनकर चुनाव मैदान में उतरे थे। समाजवादी पार्टी भी इस बार गुजरात में अपना खाता खोलने में कामयाब रही है।
शपथ ग्रहण के जरिए शक्ति प्रदर्शन
गुजरात की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को शक्ति प्रदर्शन बनाने में भाजपा ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा शपथ ग्रहण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्र सरकार के सात से ज्यादा मंत्री मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा शासित 12 से ज्यादा राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।
इस बार के चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने पीएम मोदी के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी उतारा था। अमित शाह की कुशल रणनीति और धुआंधार चुनाव प्रचार के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार ऐतिहासिक जीत हासिल की है।