×

गुजरात के पाटीदार नेता नरेश पटेल के लिए सभी दलों में मारामारी, आखिर क्यों साथ जोड़ने की इतनी बेचैनी

Gujarat Election 2022: सभी दल सौराष्ट्र के 11 जिलों के अलावा सूरत में भी असर रखने वाले नरेश पटेल को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जूते हुए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 30 March 2022 10:32 AM IST
Gujarats Patidar leader Naresh Patel
X

गुजरात के पाटीदार नेता नरेश पटेल (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Gujarat Election 2022: गुजरात (Gujarat) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections ) के लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा के दूसरे दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए गुजरात पहुंच गए थे। पंजाब में मिली प्रचंड जीत के बाद उत्साहित आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी गुजरात में सक्रियता बढ़ा दी है। पिछले चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती देने वाली कांग्रेस भी भाजपा को चुनौती देने के लिए कमर कस रही है।

इस बीच कांग्रेस और आप के बीच गुजरात में मजबूत जनाधार रखने वाले बड़े पाटीदार नेता नरेश पटेल (Naresh Patel) को अपने साथ जोड़ने के लिए होड़ मची हुई है। इसके साथ ही राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा भी इस कोशिश में जुटी हुई है कि नरेश पटेल भाजपा के साथ जुड़ जाएं। सभी दल सौराष्ट्र के 11 जिलों के अलावा सूरत में भी असर रखने वाले नरेश पटेल को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जूते हुए हैं। हालांकि नरेश पटेल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

पाटीदार समुदाय पर पटेल का जबर्दस्त असर

नरेश पटेल को गुजरात में पाटीदार समुदाय का प्रभावशाली नेता माना जाता है। इसके साथ ही वे श्री खोडलधाम ट्रस्ट (एसकेटी) के अध्यक्ष भी हैं। नरेश पटेल ने सोमवार को दिए गए अपने बयान में राजनीति में उतरने की इच्छा जताई थी। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे किस राजनीतिक दल के साथ जुड़कर सक्रिय होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे इसके लिए पूरे राज्य में सर्वेक्षण कराएंगे और सर्वेक्षण के मुताबिक ही भविष्य का फैसला करेंगे।

श्री खोडलधाम ट्रस्ट की पाटीदार समुदाय में खासी मान्यता है क्योंकि यह ट्रस्ट लेउवा पाटीदार समुदाय की संरक्षक देवी खोडियार मंदिर से जुड़ा हुआ है। इसी ट्रस्ट के माध्यम से इस मंदिर का प्रबंधन किया जाता है। ट्रस्ट का अध्यक्ष होने के कारण पाटीदार समुदाय पर नरेश पटेल की मजबूत पकड़ मानी जाती है। इसी कारण आप और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच नरेश पटेल को अपने साथ जोड़ने की होड़ मची हुई है।

कांग्रेस का पटेल को खुला निमंत्रण

कांग्रेस की ओर से नरेश पटेल को पार्टी के साथ जोड़ने का खुला न्योता दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत पिछले साल दिसंबर में इस सिलसिले में पटेल से मुलाकात भी कर चुके हैं। इस मुलाकात के दौरान पटेल की सियासी संभावनाओं पर चर्चा की गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी भी हाल में खोडल देवी के मंदिर में पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने नरेश पटेल से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात में उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था।

गुजरात के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकुर भी पटेल को पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने भी पटेल का समर्थन हासिल करने के लिए उन्हें खुला न्योता दिया है। विपक्ष के नेता सुखराम राठवा का भी कहना है कि कांग्रेस के दरवाजे नरेश पटेल के लिए हमेशा खुले हुए हैं।

कांग्रेस की ओर से की जा रही इन कोशिशों से समझा जा सकता है कि पार्टी नरेश पटेल को अपने साथ जोड़ने के लिए किस कदर बेचैन है। नरेश पटेल ने हालांकि अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया है मगर सियासी हलकों में चर्चा है कि वे कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं।

भाजपा का भी सियासी दांव

दूसरी ओर राज्य में मजबूत सियासी आथार रखने वाली सत्तारूढ़ भाजपा का भी प्रयास है कि नरेश पटेल भाजपा के साथ जुड़ जाएं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का कहना है कि अगर कोई किसी पार्टी में जाना चाहता है तो उसे अच्छा स्टेटस जरूर चाहिए।

उन्होंने कहा कि नरेश पटेल को यह बात बखूबी पता है कि उन्हें यह स्टेटस भाजपा के सिवा कोई दूसरा राजनीतिक दल नहीं दे सकता। उन्होंने यहां तक दावा कर डाला कि नरेश पटेल भाजपा को छोड़कर कहीं और नहीं जाने वाले हैं।

आप भी डाल रही है डोरे

पाटीदार नेता नरेश पटेल ने पिछले दिनों आम आदमी पार्टी की जमकर तारीफ की थी। उनका कहना था कि गुजरात में अभी तक दो ही मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस रहे हैं मगर राज्य में आप मजबूती से कदम जमा रही है जिससे पता चलता है कि आने वाले दिनों में वह भी चुनौती देने वाली स्थिति में रहेगी। उनका कहना था कि आप की कार्यशैली नेक और साफ है और गुजरात में पार्टी की ओर से अच्छा काम किया जा रहा है।

सियासी हलकों में यह भी चर्चा है कि आप की ओर से नरेश पटेल को राज्यसभा में भेजने की कोशिश की गई थी मगर वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। जानकारों का कहना है कि आप पंजाब कोटे से पटेल को राज्यसभा में भेजना चाहती थी। उनके तैयार न होने पर दूसरे लोगों को पंजाब से राज्यसभा भेजा गया है।

पटेल जल्द ले सकते हैं बड़ा फैसला

गुजरात के सियासी जानकारों का मानना है कि पटेल को अपने साथ जोड़ने की कोशिशें यूं ही नहीं शुरु हुई हैं। दरअसल सौराष्ट्र के 11 जिलों के साथ ही सूरत में भी नरेश पटेल की मजबूत पकड़ रही है। गुजरात की सियासत में पाटीदार समुदाय बड़ी भूमिका निभाता रहा है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल पटेल को अपने साथ जोड़कर अपनी सियासी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि पटेल जल्द ही अपने सियासी भविष्य को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं। राज्य के सभी राजनीतिक दलों की निगाहें उनके फैसले पर टिकी हुई हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story