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Gujarat Assembly Election 2022: सूरत में आप ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प,भाजपा-कांग्रेस को चुनौती दे रहे बड़े पाटीदार चेहरे
Gujarat Assembly Election 2022: इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आप ने पूरी ताकत लगा रखी है।
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर इस बार रोचक जंग दिख रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आप ने पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात का दौरा करने में जुटे हुए हैं। गुजरात के विधानसभा चुनाव में सूरत की 12 सीटों पर भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है।
अभी तक के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा सूरत में अपनी सियासी ताकत दिखाती रहे हैं मगर इस बार आप ने मजबूत पाटीदार चेहरों को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। गुजरात में आम आदमी पार्टी के मुखिया गोपाल इटालिया भी सूरत की कतारगाम विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
नगर निगम के नतीजों से मिली थी ताकत
2021 में हुए नगर निगम चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने सूरत में अपनी ताकत दिखाई थी। पार्टी के 27 पार्षदों ने नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करके सियासी पंडितों को भी चौंका दिया था। हालांकि बाद में पार्टी के पांच पार्षदों ने पाला बदलते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
सूरत के इस चुनावी नतीजे ने आप में नए उत्साह का संचार किया था। इसी कारण पाटीदार वोट बैंक में सेंधमारी के लिए आप ने इस बार पूरी ताकत लगा रखी है। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले सूरत में आप ने बड़े पाटीदार नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर दूसरे दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
सूरत में बड़े पाटीदार चेहरों को उतारा
पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दो बड़े चेहरों अल्पेश कथेरिया और धार्मिक मालवीय ने पिछले दिनों आप की सदस्यता ग्रहण की थी और पार्टी ने इन दोनों को सूरत की विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतारा है। अल्पेश कथेरिया वराछा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं जबकि मालवीय ओलपाड सीट पर आप के प्रत्याशी हैं। एक और पाटीदार चेहरे और आप के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया सूरत की कतारगाम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
पार्टी के प्रचार अभियान में भी इटालिया बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सूरत में आप नेताओं और प्रत्याशियों की ओर से लगातार दिल्ली मॉडल को लागू करने की चर्चाएं की जा रही है। अब यह देखने वाली बात होगी कि आप नेताओं का यह जोरदार प्रचार क्या रंग दिखाता है।
आप की एंट्री से मुकाबला हुआ दिलचस्प
गुजरात में विधानसभा के पूर्व चुनावों को देखा जाए तो अभी तक मुख्य रूप से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही होता रहा है मगर इस बार आप की सियासी एंट्री से समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा और आप के मुकाबले चुनाव प्रचार के मामले में कांग्रेस पिछड़ती हुई नजर आ रही है।
हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी साइलेंट तरीके से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। पार्टी की ओर से बड़ी सभाओं और रैलियों की जगह छोटी सभाओं और जनसंपर्क पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से आज राहुल गांधी की पहली बार गुजरात के चुनावी रण में उतरने वाले हैं। उनकी दो चुनावी सभाएं राजकोट और सूरत में रखी गई हैं।
दूसरी ओर आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में पूरी ताकत लगा रखी है। वे राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लगातार चुनावी सभाओं के साथ रोड शो कर रहे हैं। आप के चुनाव प्रचार को धारदार बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह भी लगातार गुजरात में ही डेरा डाले हुए हैं। इन नेताओं ने अलग-अलग इलाकों की कमान संभाल रखी है।