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गुजरात में नई कैबिनेट को लेकर भाजपा में घमासान, शपथग्रहण समारोह टला, पार्टी के कई नेता नाराज

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पूरा मंत्रिमंडल नया चाहते हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी खासे नाराज बताए जा रहे हैं। भूपेंद्र पटेल करीब 90 फीसदी मंत्रियों को बदलना चाहते हैं यानि 2 से 3 चेहरे ही रिपीट हो सकते हैं।

Anshuman Tiwari
Newstrack Anshuman TiwariPublished By Ashiki
Published on: 15 Sept 2021 6:08 PM IST (Updated on: 15 Sept 2021 7:06 PM IST)
Bhupendra Patel met the Governor
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भूपेंद्र पटेल ने की राज्यपाल से मुलाकात: फोटो- सोशल मीडिया

Gujarat News: गुजरात में नए मंत्रिमंडल को लेकर मचे विवाद के बीच शपथग्रहण कल तक के लिए टाल दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 2 दिन पहले शपथ ले चुके हैं। आज मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होना था। लेकिन कुछ नेताओं की नाराजगी के बीच आज दोपहर दो बजे होने वाला कार्यक्रम अब कल ही होने की उम्मीद है।

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पूरा मंत्रिमंडल नया चाहते हैं । इससे पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी खासे नाराज बताए जा रहे हैं। भूपेंद्र पटेल करीब 90 फीसदी मंत्रियों को बदलना चाहते हैं यानि 2 से 3 चेहरे ही रिपीट हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र कैबिनेट में महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। वहीं नए मंत्रिमंडल में जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाएगा। कैबिनेट में 22 या 25 सदस्यों रखने की जगह 27 सदस्यों का पूरा मंत्रिमंडल गठन करने की उम्मीद है। इस बीच नितिन पटेल की शंकर सिंह बाघेला से मुलाकात से पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है जिस पर हाई कमान की नजर है।

गुजरात के नये मंत्रिमंडल में इन नामों के शामिल होने की है उम्मीद

निमाबेन आचार्य, भुज। जगदीश पटेल, अमराईवाड़ी। शशिकांत पंड्या, दीसा। ऋषिकेश पटेल, विसनगर। गजेंद्र सिंह परमार, प्रांतिज। गोविंद पटेल, राजकोट। आरसी मकवाना, महुवा। जीतू वरानी, भावनगर। पंकज देसाई, नडियाड। कुबेर डिंडोर, संतरामपुर। केतन इनामदार, सावली। मनीषा वकील, वडोदरा। दुष्यंत पटेल, भरूच। संगीता पाटिल, सूरत। नरेश पटेल, गणदेवी। कनुभाई देसाई, पारदी।

बड़ा बदलाव चाहते हैं नए सीएम

दरअसल, नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की एक पहल के बाद मंत्रिमंडल के चेहरों को लेकर विवाद पैदा हो गया। भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए मंत्रिमंडल में व्यापक बदलाव चाहते हैं। उनका मानना है कि मंत्रिमंडल के 90 फ़ीसदी चेहरों को बदला जाना चाहिए। भूपेंद्र पटेल की इस पहल के बाद दो-तीन चेहरे ही ऐसे होते जिन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता। इस बात की जानकारी होने के बाद विरोध के स्वर फूटने लगे। कई पूर्व मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के घर पर इकट्ठा हुए। रुपाणी के घर पर इस मुद्दे को लेकर गहराई से चर्चा की गई मगर कोई नतीजा नहीं निकल सका।

नए चेहरों और महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता

सूत्रों का कहना है कि बुधवार को पटेल मंत्रिमंडल में करीब 22 नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की तैयारी थी। मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता देने के साथ ही महिलाओं की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है। भाजपा की ओर से बनाई गई रणनीति के मुताबिक नए मंत्रिमंडल के जरिए जातीय समीकरण को साधने की कोशिश भी की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी छवि साफ-सुथरी है और वे किसी विवादों में नहीं फंसे हैं।

नाराजगी दूर करने का प्रयास विफल

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी के नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। दोनों पदाधिकारियों ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए करीब तीन घंटे तक बैठक की मगर उनका प्रयास सफल साबित नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से भी मंगलवार को नए मंत्रिमंडल को लेकर विस्तृत चर्चा की थी। बाद में वहां नितिन पटेल को भी तलब किया गया। उनसे भी नए मंत्रिमंडल के बारे में बातचीत की गई। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से भी इस बाबत चर्चा किए जाने की खबर है।

नितिन पटेल ने की वाघेला से मुलाकात

नए मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल और मंत्री भूपेंद्र सिंह की नाराजगी की चर्चाएं हैं। नितिन पटेल ने मंगलवार की रात पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला से भी मुलाकात की थी। इसे लेकर भी भाजपा हाईकमान परेशान बताया जा रहा है। नितिन पटेल को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है और कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। दरअसल, नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल दोनों पाटीदार समाज से हैं।

ऐसे में हाईकमान भी पाटीदार समाज से मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम दोनों बनाए जाने के पक्ष में नहीं है। इस कारण नितिन पटेल की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है। भूपेंद्र सिंह और कौशिक पटेल को विजय रुपाणी का नजदीकी माना जाता है। इन दोनों को भी नए मंत्रिमंडल में जगह न मिलने की बात बताई जा रही है।

गुरुवार तक टला शपथग्रहण

सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री तो बना दिया है मगर पटेल के लिए आगे की राह काफी मुश्किल दिख रही है। भूपेंद्र पटेल अपने तरीके से सरकार चलाना चाहते हैं मगर राज्य में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनके लिए मुसीबत बनते दिख रहे हैं। यही कारण है कि मंत्रिमंडल का विस्तार टाल दिया गया है। अब मंत्रियों के नाम पर सहमति बनाने की नए सिरे से कोशिश की जा रही है। देखने वाली बात यह होगी कि इस काम में भाजपा नेतृत्व को कहां तक कामयाबी मिल पाती है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए अब गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे का समय तय किया गया है।

Ashiki

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