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Gujrat: धर्मांतरण विरोधी कानून पर हाईकोर्ट ने इन धाराओं पर लगाई रोक, अंतरधार्मिक विवाह मामले में होंगे लागू

गुजरात उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अंतरधार्मिक विवाह से संबंधित कुछ धाराओं के संचालन पर रोक लगा दी है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 19 Aug 2021 4:37 PM IST (Updated on: 19 Aug 2021 4:38 PM IST)
High Court bans these sections on anti-conversion law, will be applicable in inter-religious marriage case
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गुजरात हाईकोर्ट: धर्मांतरण विरोधी कानून में बदलाव 

Anti Conversion law: गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के धर्मांतरण विरोधी नए कानून की अंतरधार्मिक विवाह संबंधी कुछ धाराओं के क्रियान्वयन पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने कहा कि लोगों को अनावश्यक उत्पीड़न से बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया गया है।

बता दें कि गुजरात उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अंतरधार्मिक विवाह से संबंधित कुछ धाराओं के संचालन पर रोक लगा दी है।

जबरन तरीके से धर्मांतरण पर सजा की व्यवस्था

गौरतलब है कि गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 राज्य सरकार द्वारा 15 जून को अधिसूचित किया गया था। नए कानून के प्रावधान के तहत शादी के जरिए जबरन तरीके से धर्मांतरण करने पर सजा देने की व्यवस्था की गई थी। वहीं पिछले महीने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के गुजरात चैप्टर ने एक याचिका दायर कर कहा था कि कानून की कुछ संशोधित धाराएं असंवैधानिक हैं।

किन धाराओं पर लगी रोक

गुरुवार को, मुख्य न्यायाधीश नाथ ने कहा कि हमारी राय है कि आगे की सुनवाई तक, धारा 3,4, 4ए से 4सी, 5, 6, और 6ए की धारा केवल इसलिए संचालित नहीं होगी क्योंकि विवाह एक व्यक्ति द्वारा किया जाता है।

बिना किसी बल और प्रलोभन

अदालत का कहना है कि विवाह अगर एक धर्म के व्यक्ति द्वारा दूसरे धर्म की लड़की के साथ बिना किसी बल और प्रलोभन से किया जाता है तो इस तरह के विवाह को गैरकानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह नहीं कहा जा सकता है।

Shashi kant gautam

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