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Dwarkadhish Temple: द्वारकाधीश मंदिर को बचाया थंडर स्टिक ने, जानें कैसे करता है काम
द्वारकाधीश मंदिर के पास बिजली गिरने के बाद भी मंदिर या मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं हुआ, जिससे सभी हैरान हैं।
Gujarat News: गुजरात की धार्मिक नगरी द्वारका (Dwarka) में भारी बारिश के बीच द्वारकाधीश मंदिर के ध्वज दंड पर आकाशीय बिजली गिर गई, जिस वजह से मंदिर की 52 गज ध्वजा को नुकसान पहुंचा। हालांकि इस हादसे में मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ, न ही वहां मौजूद लोगों को किसी तरह की हानि पहुंची। झंडे पर बिजली गिरने की वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बता दें कि द्वारिका में स्थित भगवान कृष्ण के द्वारकाधीश मंदिर (Shree Dwarkadhish Temple) के आस पास घनी बस्ती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर रिहायशी इलाके में बिजली गिरती तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता था। वहीं, द्वारिका के जिलाधिकारी एनडी भेटारिया ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे के बीच तेज बारिश के बीच मंदिर पर बिजली गिरी थी। जिससे ध्वजा फटने के साथ-साथ ध्वजदंड भी क्षतिग्रस्त हो गया।
मौके पर मौजूद श्रद्धालु हुए हैरान
इस घटना में मंदिर को तो कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मंदिर की दीवारें काली हो गई हैं। वहीं, इस हादसे के बाद भी मंदिर और श्रद्धालुओं को नुकसान न पहुंचने से सभी लोग हैरान है। मंदिर में घटना के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। श्रद्धालुओं का कहना है कि खुद द्वारकाधीश ने अपने भक्तों की रक्षा की है।
हालांकि इस घटना के बाद भी किसी को कोई नुकसान न होने के पीछे की वजह थंडर स्टिक का होना बताया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर में थंडर स्टिक लगे होने की वजह से मंदिर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो पाया है। तो ऐसे में सवाल ये है कि आखिर थंडर स्टिक क्या होता है (Thunder Stick Kya Hota Hai)। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
किसे कहते हैं थंडर स्टिक (Thunder Stick)
तड़ित चालक, जिसे थंडर स्टिक या लाइटनिंग कंडक्टर (Lightening Rod Or Lightening Conductor) भी कहते हैं, आकाशीय बिजली से बचाने वाला यंत्र होता है। जिसे ऊंचे भवनों की छत पर लगाया जाता है। यह तांबे की बनी होती है, जो ऊंची इमारतों को बिजली गिरने पर सुरक्षा प्रदान करती है।
आपको बता दें कि रविवार को राजस्थान में आमेर किले में बिजली गिरने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहां पर थंडर स्टिक नहीं लगाया गया था, जबकि इसे लेकर बीते काफी समय से मांग की जा रही थी।
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