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Gujrat Me Naya Mantrimandal: सीएम चेहरे के साथ बदल डाली पूरी सरकार, पाटीदार समुदाय पर भाजपा का विशेष फोकस

Gujrat Me Naya Mantrimandal: विधानसभा के स्पीकर रहे राजेंद्र त्रिवेदी (Assembly speaker Rajendra Trivedi) और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी को भी कैबिनेट मंत्री (Jitu Vaghani cabinet minister) के रूप में शपथ दिलाई गई।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shweta
Published on: 16 Sep 2021 11:00 AM GMT (Updated on: 16 Sep 2021 11:21 AM GMT)
गुजरात में सीएम चेहरे के साथ बदल डाली पूरी सरकार
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गुजरात में सीएम चेहरे के साथ बदल डाली पूरी सरकार (डिजाइन फोटो न्यूजट्रैक)

Gujrat Me Naya Mantrimandal: गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने अपनी सरकार का गठन कर लिया है। दो बार टाले जाने के बाद गुरुवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में 24 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। गवर्नर देवव्रत आचार्य (Governor Devvrat Acharya) ने 10 कैबिनेट मंत्रियों, पांच राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और नौ राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई।

विधानसभा के स्पीकर रहे राजेंद्र त्रिवेदी (Assembly speaker Rajendra Trivedi) और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी को भी कैबिनेट मंत्री (Jitu Vaghani cabinet minister) के रूप में शपथ दिलाई गई। नए मंत्रिमंडल का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह रहा कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Former Chief Minister Vijay Rupani) की सरकार में मंत्री रहे किसी भी चेहरे को जगह नहीं दी गई है।

इस तरह गुजरात (Gujarat) में सिर्फ नेतृत्व ही नहीं बदला गया है बल्कि नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पूरी सरकार ही बदल डाली है। विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद किए गए फेरबदल में पूरी सरकार का चेहरा बदल गया है। मुख्यमंत्री के पाटीदार समाज का होने के बावजूद इस समुदाय को साधने पर विशेष जोर दिया गया है और मंत्रिमंडल में कई पटेल चेहरों को जगह दी गई है।

दिग्गजों को भी दिखाया बाहर का रास्ता

पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल (फोटोः सोशल मीडिया)

गुजरात में बने नए मंत्रिमंडल में कई दिग्गज चेहरों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल (Former Deputy CM Nitin Patel) और कद्दावर नेता भूपेंद्रसिंह चूड़ास्मा (Leader Bhupendrasinh Chudasama) भी शामिल नहीं है। पहले ही इस तरह की खबरें छनकर बाहर आ रही थीं कि भाजपा के इन दोनों दिग्गज नेताओं को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जा रही है और ये खबरें सच साबित हुई। भूपेंद्र पटेल खुद पहली बार विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री का पद पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में भी अधिकांश नए चेहरों को ही तरजीह दी है।

कैबिनेट में नंबर दो का होगा त्रिवेदी का दर्जा

राजेंद्र त्रिवेदी (फोटोः सोशल मीडिया)

अभी तक विधानसभा स्पीकर का पद संभाल रहे राजेंद्र त्रिवेदी (Assembly Speaker Rajendra Trivedi) ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सबसे पहले शपथ ली। इस कारण माना जा रहा है कि भूपेंद्र कैबिनेट में उनका दर्जा नंबर दो का होगा। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने के कुछ देर पहले ही स्पीकर के पद से इस्तीफा दिया था।उसके बाद से ही सियासी हलकों में यह चर्चा फैल गई थी कि वे मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इस्तीफा देने के एक घंटे बाद ही उन्होंने नए कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

पाटीदार समुदाय को साधने की कोशिश

जीतू वघानी (फोटोः सोशल मीडिया)

राजेंद्र त्रिवेदी के अलावा एक और चर्चित चेहरा जीतू वघानी का भी है जो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। उनकी पार्टी पर मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। इन दोनों के अलावा नरेश पटेल, ऋषिकेश पटेल और किरीट सिंह राणा जैसे प्रमुख चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण साधने का भी पूरा प्रयास किया गया है। इसके साथ ही पाटीदार समुदाय का भी विशेष ध्यान रखा गया है। अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पाटीदार समाज की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही कारण है कि इस समुदाय से जुड़े कई चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश

नितिन पटेल (फोटोः सोशल मीडिया)

नए मुख्यमंत्री के रूप में नितिन पटेल की दावेदारी को नजरअंदाज करने के बाद अब उन्हें मंत्री भी नहीं बनाया गया है। विजय रुपाणी की सरकार में डिप्टी सीएम रहे नितिन पटेल गुजरात में किए गए फेरबदल से नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वे मंच पर मौजूद थे। उन्होंने पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के साथ भी लंबी चर्चा की थी। विजय रुपाणी की सरकार में मंत्री रहे अन्य नेताओं की नाराजगी के कारण मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह दो बार टाला गया। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और गुजरात के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव नाराज नेताओं को मनाने के लिए एक कई दिनों से मशक्कत कर रहे हैं। वैसे अभी यह नहीं पता चल सका है कि उन्हें अपने प्रयास में किस हद तक कामयाबी मिली है।

नए तेवर और कलेवर के साथ उतरेगी भाजपा

कॉन्सेप्ट फोटोः सोशल मीडिया

गुजरात में किया गया फेरबदल इस बात का भी संकेत माना जा रहा है कि भाजपा बिल्कुल नए तेवर और कलेवर के साथ विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरना चाहती है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से न केवल मुख्यमंत्री बदला गया है बल्कि पूरी सरकार ही बदल डाली गई है। सियासी हलकों के साथ ही आम लोगों के बीच में भी इस बात की खासी चर्चा है कि किसी भी पुराने मंत्री को नई सरकार में मौका नहीं दिया गया है। नए मुख्यमंत्री की असली परीक्षा मतदाताओं की कसौटी पर खरा उतरना होगा। इसके साथ ही उन चेहरों को भी परीक्षा के दौर से गुजरना होगा जिन्हें नए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है। भाजपा की यह रणनीति क्या रंग दिखाती है, यह भी देखा जाना बाकी है।

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