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Gujrat News: रुपाणी को हटाने के 5 कारण! इससे पहले इन्हें भी हटा चुकी है BJP

Gujart news: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 11 Sep 2021 3:55 PM GMT
Vijay rupani resignation his cm post
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विजय रुपाणी ने दिया मुखमंत्री पद से दिया इस्तीफा (social media)

Gujarat News: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीजेपी अपने मुख्यमंत्रियों को बदलने के मिशन में हैं। बता दें कि पिछले 6 महीने में बीजेपी अपने पांच मुख्यमंत्रियों को बदल चुकी है। इससे पहले बीएस येदियुरप्पा ने जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि, बीजेपी के लिए पांचों बदलाव बेहद आसान रहे। उन्हें किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक, विजय रुपाणी 2016 अगस्त में मुख्यमंत्री बनाए गए थे। रुपाणी के नेतृत्व में ही बीजेपी ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बावजूद 2017 विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।

ये वजह हो सकती है रुपाणी को हटाने की

  • विजय रुपाणी से केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं था

विजय रुपाणी के इस्तीफे की मुख्य वजह उनके नॉन-परफॉर्मंस से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है की केंद्रीय नेतृत्व रुपाणी के परफॉर्मंस से संतुष्ट नहीं था। रुपाणी से पहले कर्नाटक में येदियुरप्पा को हटाया गया और उत्तराखंड में दो-दो रावत को।

  • कोरोना महामारी से निपटने में नाकामी

गुजरात में कोरोना महामारी को लेकर मिस-मैनेजमेंट भी देखने को मिला। पिछले साल खबरें आई थीं कि खुद मोदी और शाह भी रुपाणी से नाराज थे। इस समय गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा था कि गुजरात के लोगों को अच्छा लगता, यदि रुपाणी कोविड-19 संकट से निपटने में नाकामी की वजह से इस्तीफा दे देते।

  • पाटीदार आंदोलन को दबाने में नाकामी

बता दें की बीजेपी ने रुपाणी को विधानसभा चुनावों से ठीक एक साल पहले हटाया है। 2017 में भले ही रुपाणी के नेतृत्व में सरकार बनाई गई थी क्योंकि उसकी सीटें दो अंकों में रह गई थीं। रुपाणी से पाटीदार आंदोलन का गढ़ रहे सौराष्ट्र में अपना दबदबा बढ़ाने की उम्मीद की गई थी। रुपाणी को जब अगस्त 2016 में अमित शाह ने मुख्यमंंत्री के तौर पर चुना तो लग रहा था कि वे पाटीदार आंदोलन को दबा देंगे, पर ऐसा हुआ नहीं।

  • रुपाणी को लेकर संघ का फीडबैक

सूत्र बताते हैं कि संघ के फीडबैक के आधार पर पार्टी अगले चुनावों में कम से कम 50 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के चेहरे बदल सकती है। कई विधायकों के टिकट कटना भी। पिछले दिनों खबरें आई थीं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रुपाणी से खुश नहीं है। संघ का यह फीडबैक भी रुपाणी के खिलाफ गया। संघ का जमीनी सर्वे मुख्यमंत्री के खिलाफ पैदा हुई नाराजगी दिखाता है।

  • सभी समुदायों को नहीं साध सके रुपाणी

रुपाणी जैन-बनिया कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी गुजरात की आबादी में हिस्सेदारी 5% है। 2016 में रुपाणी को न्यूट्रल कैंडिडेट के तौर पर आगे बढ़ाया गया था। रुपाणी के खिलाफ कुछ समुदायों के नेता लामबंद भी हो रहे थे। उम्मीद की जा रही थी कि वे बाकी समुदायों के साथ सामंजस्य बिठा लेंगे, पर वे ऐसा नहीं कर सके। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव ऐसे नेता के नेतृत्व में नहीं लड़ना चाहती, जिसके साथ ज्यादातर समुदाय न हो।

Ragini Sinha

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