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Hardik Patel Resigned: हार्दिक का क्या होगा अगला सियासी कदम, राम मंदिर और 370 का जिक्र करके जाहिर कर दिए इरादे
Hardik Patel Resigned: हार्दिक पटेल ने गुजरात कांग्रेस नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है।
Hardik Patel Resigned: गुजरात में पाटीदार समुदाय पर मजबूत पकड़ रखने वाले हार्दिक पटेल ने आखिरकार वह बड़ा कदम उठा ही लिया जिसे लेकर पिछले काफी दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं। काफी दिनों से नाराज चल रहे हार्दिक पटेल ने आखिरकार पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजकर गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने अपने टि्वटर हैंडल से कांग्रेस और कार्यकारी अध्यक्ष का पद नाम कई दिनों पूर्व ही हटा दिया था और उसके बाद से ही उनके कांग्रेश से इस्तीफे को तय माना जा रहा था।
कांग्रेस की ओर से हाल में उदयपुर में बड़े चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था मगर हार्दिक ने इस शिविर में भी हिस्सा नहीं लिया था। हार्दिक के भविष्य के सियासी कदम का राज उनके इस्तीफे में ही छिपा हुआ है। हार्दिक ने अपने इस्तीफे में राम मंदिर,आर्टिकल 370, सीएए और जीएसटी जैसे मुद्दों का जिक्र करके अपने भविष्य के इरादे जाहिर कर दिए हैं। गुजरात विधानसभा का चुनाव नजदीक होने के कारण हार्दिक के जल्द भाजपा का दामन थामने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पार्टी हाईकमान नहीं दूर कर सका नाराजगी
हार्दिक ने बुधवार को हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती भाषा में लिखे गए अपने इस्तीफे को ट्वीट करते हुए उम्मीद जताई है कि हर साथी और गुजरात के लोग उनके इस फैसले का स्वागत करेंगे। उन्होंने भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से काम कर पाने की उम्मीद भी जताई है। हार्दिक पटेल लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे मगर पार्टी हाईकमान उनकी नाराजगी दूर करने में कामयाब नहीं हो सका। उन्होंने कई बार पार्टी के प्रदेश नेताओं और हाईकमान के फैसलों पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष तो बना दिया गया है मगर राज्य में उनके लिए करने को कोई काम नहीं है। उनका यहां तक कहना था कि उनकी स्थिति उस दूल्हे की तरह हो गई है जिसकी नसबंदी कर दी गई हो।
हार्दिक पटेल का आरोप था कि राज्य कांग्रेस के नेता ही चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं। हार्दिक का मानना था कि विधानसभा चुनाव सिर पर है मगर कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं दिख रही है।
पार्टी में तिरस्कार के सिवा कुछ नहीं मिला
हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में गुजरात कांग्रेस के नेताओं पर बड़ा आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति को जनता के लिए कुछ काम जरूर करना चाहिए मगर कांग्रेस की गुजरात इकाई जनता से जुड़े मुद्दों पर कुछ करना ही नहीं चाहती। मैं हमेशा गुजरात के लोगों के लिए कुछ काम करने का इच्छुक रहा हूं। इसीलिए पार्टी नेताओं की ओर से मुझे तिरस्कार के सिवा कुछ नहीं मिला।
हार्दिक पटेल का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से गुजरात से जुड़े मुद्दों पर उनसे कभी कोई चर्चा नहीं की गई। पार्टी की ओर से किए जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में भी उनसे कभी कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया।
हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर हार्दिक के इस दावे को गलत बताते रहे हैं। उनका कहना है कि हार्दिक से कई बार बात करने की कोशिश की गई मगर वे हमेशा व्यस्तता का बहाना बनाकर बचने की कोशिश करते रहे। सच्चाई तो यह है कि वे किसी भी मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के साथ कोई बात ही नहीं करना चाहते।
हार्दिक की नाराजगी का बड़ा कारण
वैसे गुजरात कांग्रेस में हार्दिक की नाराजगी का बड़ा कारण नरेश पटेल से जुड़ा हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि हार्दिक पाटीदार समुदाय के बड़े चेहरे नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को लेकर परेशान थे। नरेश पटेल से कांग्रेसी नेतृत्व की काफी दिनों से बातचीत चल रही है और जानकारों का कहना है कि अब उन्हें पार्टी में लेने पर पूरी तरह सहमति बन चुकी है। खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल की गुजरात के पाटीदार समुदाय पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनके पार्टी में शामिल होने पर हार्दिक को अपना महत्व कम हो जाने का डर सता रहा था।
इसके साथ ही नरेश लेऊवा पटेल हैं जबकि हार्दिक कड़वा पटेल हैं। गुजरात में लेऊवा पटेल वोटरों की संख्या ज्यादा है और इसके साथ ही नरेश पटेल की पाटीदार समुदाय में हार्दिक से ज्यादा पकड़ मानी जाती है। इसी कारण हार्दिक को अपनी पार्टी में अपनी पूछ घट जाने की आशंका सता रही थी। हालांकि हार्दिक ने कभी इस बात को खुलकर नहीं कहा मगर उनकी नाराजगी में इसे बड़ा कारण माना जा रहा है। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने की सलाह दी थी। अब नरेश के जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
अब हार्दिक का भाजपा में शामिल होना तय
हार्दिक पटेल के इस्तीफे के बाद अब उनके अगले सियासी कदम को लेकर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। हाल के दिनों में हार्दिक पटेल कई मौकों पर भाजपा की नीतियों की तारीफ कर चुके हैं। उनकी भाजपा नेताओं के साथ गुपचुप मुलाकात की खबरें भी आती रही हैं। इसके साथ ही अपने इस्तीफे में ही उन्होंने अपने अगले सियासी कदम का बड़ा संकेत भी दिया है।
हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में राम मंदिर, सीएए, आर्टिकल 370 और जीएसटी जैसे बड़े मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा है कि देश हित में इन मुद्दों को सुलझाया जाना जरूरी था। ये मुद्दे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण रहे हैं मगर कांग्रेस ने इन मुद्दों को सुलझाने में भी हमेशा बाधाएं खड़ी कीं। सियासी जानकारों का कहना है कि उनकी इस टिप्पणी में ही उनके अगले सियासी कदम का राज छुपा हुआ है। माना जा रहा है कि वे जल्द ही भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
गुजरात में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है और ऐसे में हार्दिक का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दूसरी ओर भाजपा इस मौके को भुनाने की कोशिश में जुट गई है। माना जा रहा है कि पार्टी हार्दिक के जरिए पाटीदार समुदाय में सेंध लगाने की बड़ी कोशिश करेगी।