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गुजरात में मची त्राहि-त्राहि: अस्पतालों में नहीं बचे बेड, मरीजों का इलाज एंबुलेंस में
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में आफत मची है। सिविल अस्पताल में एम्बुलेंस कतारों में खड़ी हैं।
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में संक्रमण के तेजी से सामने आ रहे मामलों की वजह से सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में पड़ने लगा है। इलाज के लिए मरीजों को बेड नहीं मिल रहें, घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। गुजरात के अहमदाबाद में भी यही हाल होने लगा है। अब अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लंबी वेटिंग चल रही है। इस तरह से संक्रमण अपने पैर पसार है बहुत भयानक स्थिति होती जा रही है।
ऐसे में गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में आफत मची हुई है। यहां के सिविल अस्पताल के कैंपस में एम्बुलेंस कतारों के साथ खड़ी हैं। इन अंदर मरीज़ लेटे हुए हैं और अंदर बेड्स खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। जबकि अहमदाबाद के इस सबसे बड़े कोविड अस्पताल में 1200 बेड्स फुल हो चुके हैं, जिसके कारण मरीजों को बाहर रोका गया है। वहीं एम्बुलेंस में ही मरीज़ों को ऑक्सीज़न दिया जा रहा है।
अस्पतालों में मरीज़ों की भारी भीड़
इस समय गुजरात में कोरोना की खतरनाक लहर छाई हुई है। पिछले दिन भी राज्य में 6021 कोरोना के नए केस दर्ज किए गए थे, जबकि 55 लोगों की मौत हुई थी। वहीं अहमदाबाद के अलावा सूरत, राजकोट जैसे शहरों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, अस्पतालों में मरीज़ों की भीड़ भी बढ़ रही है।
राज्य में हालात बेकाबू होते देख बीते दिन ही गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की विजय रुपाणी सरकार को फटकार भी लगाई। असल में गुजरात में रेमडेसिविर के इंजेक्शन की भारी कमी हो गई है, जिसको लेकर दावा किया जाता है कि ये कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित होता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने बीते दिन सरकार से सवाल किया कि राज्य में इतने इंजेक्शन आते हैं, तो वो जाते कहां पर हैं।
उस समय हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह सरकार काम कर रही है, उससे लोगों को लग रहा है कि वो केवल भगवान भरोसे ही हैं। आपको बता दें कि गुजरात में इस समय 30 हज़ार से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं।