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Jignesh Mevani Biography : ऊना दलित आंदोलन से चर्चा में आए थे जिग्नेश मेवाणी
Jignesh Mevani Biography : जिग्नेश विशेषकर गुजरात में दलित आंदोलन को नई धार देने का काम करते रहे हैं।
Jignesh Mevani Biography : जिग्नेश मेवाणी गुजरात के वडगाम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं। चुनाव जीतने के बाद जिग्नेश विशेषकर गुजरात (Gujarat) में दलित आंदोलन (Dalit Movement) को नई धार देने का काम करते रहे हैं। फिलहाल वो विधायक के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और वकील के रूप में भी काम कर रहे हैं। 2016 में गुजरात में कुछ दलित युवकों की पिटाई के बाद जब हजारों की संख्या में दलित समुदाय सड़क पर उतरा था, तब इस आंदोलन के केंद्र में जिग्नेश मेवाणी का नाम उभरा था।
ऊना के दलित आंदोलन और 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर की तिकड़ी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। उस वक्त इन्हें ही गुजरात का युवा चेहरा और भविष्य जैसी संज्ञा दी गई थी। बाद में, हार्दिक पटेल कांग्रेस में तो अल्पेश ठाकोर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। लेकिन जिग्नेश मेवाणी ने कोई समझौता नहीं किया। आज भी वो केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आते हैं।
कांग्रेस जिग्नेश शुरू से हैं 'फ्रेंडली'
उल्लेखनीय है कि गुजरात में सात प्रतिशत आबादी दलितों की है। उनके लिए 13 सीट आरक्षित हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकतर आरक्षित सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। तब जिग्नेश मेवाणी अपनी सीट तक ही सीमित रहे। गौर करने की बात है, कांग्रेस ने उस चुनाव में जिग्नेश के खिलाफ कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था। इसीलिए समय-समय पर जिग्नेश मेवाणी के कांग्रेस में आने की बातें होती थी, तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं हुआ। मतलब, बीजेपी के खिलाफ, कांग्रेस के साथ उनका 'फ्रेंडली मैच' पहले से ही चला रहा था।
कुछ समय के लिए 'आप' से भी जुड़े
जिग्नेश मेवाणी का जन्म 11 दिसंबर, 1982 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। हालांकि उनका परिवार मेहसाणा जिले से है। जिग्नेश के पिता क्लर्क थे। जिग्नेश ने 2003 में एच.के. आर्ट्स कॉलेज, अहमदाबाद से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की। 2004 में उन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार में डिप्लोमा किया। 2004 से 2007 तक अभियान, गुजराती पत्रिका में एक रिपोर्टर के रूप में काम किया। 2013 में उन्होंने डी.टी. लॉ कॉलेज, अहमदाबाद से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। जिग्नेश की पहचान विभिन्न मोर्चों पर सामाजिक कार्यों से जुड़कर दलितों, मजदूरों और किसानों के मुद्दे उठाना रहा है। एक समय ऐसा भी आया जब वो आम आदमी पार्टी (आप) की गुजरात शाखा से भी जुड़े। लेकिन थोड़े समय बाद ही इस्तीफ़ा दे दिया। फिलहाल जिग्नेश निर्दलीय विधायक भी हैं और वकालत भी करते हैं।
क्या था ऊना कांड?
गुजरात के ऊना में 11 जुलाई, 2016 को कुछ दलित युवकों को मरी हुई गाय की चमड़ी निकालने की वजह से गौ रक्षक समिति का सदस्य बताने वाले लोगों ने बुरी तरह पीटा था। दलितों की पिटाई का वीडियो भी जारी किया गया था। जिसकी तब भर्त्सना भी हुई थी। दलितों ने तब इसे अस्मिता से जोड़कर लिया। दलितों का गुस्सा आंदोलन का रूप ले लिया। जिसकी अगुवाई जिग्नेश मेवाणी ने की थी। मेवाणी ने तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इस घटना ने जिग्नेश मेवाणी को रातों रात बड़ा चेहरा बना दिया था। कई विश्लेषक उन्हें भविष्य की दलित राजनीति का चेहरा मानते हैं।
हालांकि लम्बे समय से मेवाणी नेपथ्य में हैं। बीच-बीच में कभी वो किसी मंच पर दिख जाते हैं। लेकिन ऊना घटना के बाद से लगातार वो जिस तरह सुर्ख़ियों में रहे, अब सीन से बिलकुल ही गायब हैं। अगले साल यानि 2022 के आखिरी महीने में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो बीच-बीच में उनकी कांग्रेस से नजदीकियों की ख़बरें भी आते रहती है। संभव है कि आने वाले दिनों में जिग्नेश कांग्रेस का 'हाथ' थम सकते हैं।