TRENDING TAGS :
Love Jihad: गुजरात से बड़ी खबर, 15 जून से लागू होगा लव-जिहाद कानून, नहीं बख्शा जाएगा अपराधियों को
Love Jihad: गुजरात मेंलव जिहाद कानून को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इजाजत दे दी है।
Love Jihad: गुजरात से लव जिहाद कानून को लेकर बड़ी खबर आई है। यहां लव जिहाद कानून को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इजाजत दे दी है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री रुपाणी ने गुजरात में लव जिहाद कानून को 15 जून से लागू करने का ऐलान किया है। राज्य में इस कानून को लागू इसलिए लागू किया जा रहा है कि जिससे कोई भी लालच, जबरदस्ती या किसी भी तरह की हिंसा कर किसी का धर्म परिवर्तित न करवा सके।
जानकारी देते हुए बता दें, कि बीते दिनों गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इजाजत की मुहर लगा दी थी। तो अब जिसके बाद गुजरात में लव जिहाद को लेकर प्रभावी कानून बन गया था। ऐसे में इस कानून के तहत धोखाधड़ी से शादी करके जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
नहीं बख्शा जाएगा अपराधियों को
इसी के चलते बीते दिनों गुजरात विधानसभा में लव जिहाद विधेयक भारी हंगामे के बीच पास हुआ था। इस पर गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बिल के सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया था कि जो लोग तिलक लगाकर हाथ में धागा बांधकर हिंदू या अन्य धर्म की लड़की के साथ छल कपट करते हैं उनको नहीं बख्शा जाएगा।
साथ ही इस विधेयक के अनुसार, धर्म छुपाकर शादी करने वालों के खिलाफ 5 साल की सजा और 2 लाख जुर्माने का प्रावधान होगा। और तो और नाबालिग से शादी करने पर सात साल की सजा तीन लाख का जुर्माने का प्रावधान है। वहीं कानून की अवलेहना करने वालों को 3 लाख रुपये का जुर्माना और 7 साल की जेल का प्रावधान है।
आखिर क्या है लव जिहाद
लव जिहाद(Love Jihad)- इस्लाम में जिहाद शब्द का मतलब होता है धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना है। तो अब बीते कई सालों से लव जिहाद एक मिलाकर बनाया हुआ शब्द काफी प्रचलित है। इसका पूरा मतलब शादी या प्रेम का झांसा देकर इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवाने से समझा जाता है।
ऐसे में माना जाता है कि लव जिहाद वह धोखा है, जिसके चलते कोई मुस्लिम युवक या आदमी किसी गैर मुस्लिम युवती या महिला को प्रेम का जाल बिछाकर मुस्लिम बनने पर मजबूर करता है।
पर कहां से लव जिहाद की शुरूआत हुई?
ये बात है कि सन् 2009 की। जब रिटायर्ड जस्टिस केटी शंकरन ने माना था कि केरल और मैंगलोर में जबरन धर्म परिवर्तन के कुछ संकेत मिले थे। तो ऐसे में उन्होंने केरल सरकार को इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कानूनी प्रावधान करने की बात कही थी।
तो इस बारे में कोर्ट ने यह भी कहा था कि प्रेम के नाम पर, किसी को धोखे या उसकी मर्ज़ी के बगैर धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
लव जिहाद के फेमस मामले
पहले सन् 2009 में एक केस चिंगारी मारते हुए उठा। जब एक लड़की को इस्लाम में कन्वर्ट किए जाने के आरोप लगे थे। इस पर स्पेशल ब्रांच की तरफ से उस समय खबरों में कहा गया था कि नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट और कैंपस फ्रंट जैसे कुछ समूह कई शहरों में, खास तौर से कॉलेजों में योजनाबद्ध ढंग से हिंदू और ईसाई लड़कियों को इस्लाम में कन्वर्ट करवाने के लिए 'प्रेम के झांसे' का खेल खेल रहे थे।
लेकिन इसके बाद फिर सन् 2014 में मेरठ से सामने आए एक मामले में पूरे देश में हलचलें तेज कर दी। कलीम और शालू त्यागी के मामले को लव जिहाद के तौर पर प्रचारित किया गया। वहीं इस मामले में युवक और युवती ने यही कहा कि सियासी पार्टियां अपने फायदे के लिए लव जिहाद का प्रचार कर रही थीं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। कई विवादों के बाद भी दोनों ने निकाह किया। फिर इसके बाद उसी साल एक और मामले में हड़कंप मचा दिया। जिससे लव जिहाद के एक-एक करके मामले सामने आने लगे।
ये है कानूनी प्रावधान
ऐसे में लव जिहाद के अधिकतर मामलों में यौन शोषण संबंधी कानूनों के तहत मुकदमे चलते रहे हैं। इसमें आरोपी को पेडोफाइल मानकर पॉक्सो और बाल विवाह संबंधी कानूनों के तहत भी मामले चलते रहे हैं।
साथ ही बलपूर्वक जबरदस्ती शादियों के मामले में कोर्ट आईपीसी के सेक्शन 366 के तहत सज़ा दे सकते हैं। इसके अलावा महिला की सहमति के बिना यौन संबंध बनाने का आरोप साबित होने पर 10 साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है।
सबसे जरूरी तो ये है कि ऐसे मामलों में कानूनी पेंच यहां फंसता रहा है कि मुस्लिम शादियां शरीयत कानून और हिंदू शादियां हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कानूनन होती हैं। क्योंकि मुस्लिम शादियों में सहमति दोतरफा अनिवार्य है इसलिए इन शादियों में अगर यह साबित हो जाता है कि सहमति से ही शादी हुई थी, तो कई मामले सिरे से खारिज होने की नौबत तक आ जाती है।