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Gujarat News: PM मोदी ने देश को सौंपा 'राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय' का भवन
पीएम मोदी ने अपने इस संबोधन में रक्षा क्षेत्र में देश की बेटियों की भागीदारी बढ़ने के साथ ही दांडी मार्च से लेकर गुजरात और देश में हुए तमाम विकास कार्यों को लेकर अपनी बात कही।
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 11 मार्च से अपनी दो दिवसीय यात्रा पर अपने गृह राज्य गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने दौरे पर गुजरात भाजपा के नेताओं के साथ बैठक के पश्चात आज शनिवार को अपने दौरे के अंतिम दिन गांधीनगर में 'राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय' का उद्घाटन कर उसे देश और देश के लोगों को समर्पित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान 'राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय' का उद्घाटन करते हुए संबोधन भी दिया। पीएम मोदी ने अपने इस संबोधन में रक्षा क्षेत्र में देश की बेटियों की भागीदारी बढ़ने के साथ ही दांडी मार्च से लेकर गुजरात और देश में हुए तमाम विकास कार्यों को लेकर अपनी बात कही। आइये नज़र डालते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के 10 अहम बिंदुओं पर-
1. आज के दिन ही गाँधीजी ने दांडी यात्रा कर नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी। गाँधीजी की अगुवाई वाली इस आंदोलन ने पूरी दुनिया को भारत की ताकत का एहसास करा दिया।
2. भारत के रक्षा क्षेत्र में बेटियों की सहभागिता बढ़ी है। भारतीय सेना में भी देश की जांबाज़ बेटियां शामिल हो रही हैं और इसी के मद्देनज़र सैनिक स्कूलों में बेटियों का दाखिला करने का निर्णय दिया गया है।
3. वर्दी पहनने का असल मतलब तभी सार्थक होता है जब उसे पहनने वाले के भीतर मानवता और करुणा का भाव हो।
4. लोकतंत्र में हमेशा जनता सर्वोपरि होती है। इसी नियम के तहत हमारी सरकार समाज में द्वेष फैलाने वाले लोगों के साथ सख्ती तथा आम जनता के साथ नरमी से पेश आ रही है और यह व्यवस्था हमें आगे भी लागू रखनी होगी।
5. देश को समर्पित इस रक्षा विश्वविद्यालय के माध्यम से लोगों की उस कौशल को विकसित किया जाएगा जिसकी मदद से कम संसाधनों में भी अधिक जज्बा और क्षमता पैदा की जा सके।
6. गांधीनगर में स्थित फॉरेन्सिक विश्वविद्यालय और चिल्ड्रेन विश्वविद्यालय अपने आप में दुनिया के इकलौते संस्थान हैं। चलते गांधीनगर का नाम वैश्विक पटल पर अंकित है।
7. देश की रक्षा क्षेत्र के लिए सबसे आवश्यक है तनाव मुक्त अभ्यास और इस रक्षा विश्वविद्यालय और ऐसे तमाम संस्थानों की मदद से ऐसे प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे जो इस ओर ध्यान दे सकें।
8. 21वीं सदी की आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए यह रक्षा विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएगा।
9. देश में पहले की अपेक्षा और वर्दीधारी कर्मियों अर्थात रक्षा कर्मियों को देखकर लोगों के मन में सकारत्मक भावना उत्पन्न होती है, पहले इसके विपरीत था।
10. भारत में ऐसे मानवीय बल की आवश्यकता है जो विषम परिस्थितियों में भी खुद को निखारने की प्रतिभा रखता हो और जो आम नागरिकों के मन में सुरक्षा की भावना और अपन्तव्य को जागृत कर सके।