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PM Modi's Degree: केजरीवाल और संजय सिंह को कोर्ट से झटका, मानहानि मामले में सुनवाई स्थगित करने की मांग वाली याचिका खारिज
PM Modi's Degree: मानहानि मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बुधवार को उस समय झटका लगा, जब गुजरात की एक मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करने की मांग करने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
PM Modi's Degree: अहमदबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट से अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को तगड़ा झटका लगा है। गुजरात के अहमदबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिकाओं को खारिज कर दिया। दरअसल, आम आदमी पार्टी के इन वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री को लेकर कथित तौर पर टिप्पणी की थी। इसके बाद इनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया है। इस मामले में दोनों नेताओं ने सुनवाई को स्थगित करने की मांग की थी।
अदालत ने केजरीवाल की इस याचिका को भी किया खारिज
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसजे पांचाल की कोर्ट ने आप नेताओं के वकीलों की ओर से दाखिल स्थगन (स्टे) याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका पर भी अपना आदेश गुरुवार के लिए सुरक्षित रख लिया, जिसमें कहा गया था कि उन पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 के तहत मंजूरी के बिना मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि वह एक लोक सेवक हैं।
याचिका में आप नेताओं ने दी यह दलील
दोनों नेता पीएम मोदी की डिग्री को लेकर उनके ‘व्यंग्यात्मक‘ और ‘अपमानजनक‘ बयानों के लिए गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले का सामना कर रहे हैं। दिल्ली के सीएम केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस आधार पर मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुए याचिकाएं दायर की थीं कि समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाएं गुजरात हाईकोर्ट में लंबित हैं और उन पर अगले साल फरवरी में सुनवाई होने की संभावना है।
जीयू ने आप नेताओं याचिका पर जताई आपत्ति
स्टे याचिकाओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुजरात विश्वविद्यालय के वकील अमित नायर ने कहा कि हाईकोर्ट ने मुकदमे पर कोई रोक नहीं लगाई है और मामले में गवाह कोर्ट में मौजूद हैं। नायर ने इस मामले में अपने अभियोजन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका के खिलाफ भी इस आधार पर दलील दी कि चूंकि वह एक लोक सेवक हैं, इसलिए सीआरपीसी की धारा 197 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी ली जानी चाहिए थी।
गुजरात विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि अपमानजनक शब्दों का उच्चारण आधिकारिक कार्य के निर्वहन की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए, मौजूदा मामले में इस तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आवेदन मामले में देरी करने की एक रणनीति थी। कोर्ट ने गुरुवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। केजरीवाल और संजय सिंह ने सत्र अदालत में उनकी पुनरीक्षण याचिका का निपटारा होने तक उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने दोनों नेताओं को यह देखने के बाद तलब किया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता है। गुजरात हाईकोर्ट द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने के बाद जीयू के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था।