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हर्ष नव, वर्ष नव, जीवन उत्कर्ष नव
नये साल पर हर शख्स अपने लिए कोई न कोई नया संकल्प लेता है। नये सपने बुनता है। प्रत्येक समाज भी अपने लिए नये संकल्पों को पूरा करने के लिए नई तैयारी पूरी शिद्धत के साथ करता दिखता है। नया साल सिर्फ कैलेंडर बदलने का नाम नहीं है। यह पुराने साल को अलविदा कहने और नये साल के अभिनंदन का पल है। अभिनंदन इसलिए ताकि सब कुछ शुभ हो। अभिनंदन इसलिए ताकि संकल्प और सपने हकीकत में तब्दील हो जाएं। नये साल पर सबसे अधिक शुभकामना भेजने का चलन है। हर नये साल के बाद संचार तंत्र वाट्सएप और एसएमएस के मार्फत भेजे गये संदेशों को आधार बनाकर यह दावा करता है। ऐसे भी लोग हैं जो इस नये साल को यह कह कर खारिज करते हैं कि भारत का नया साल वर्ष प्रतिपदा से शुरू होता है। वैसे विविधता से भरे इस देश में पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर इलाके में अपने-अपने नये साल भी हैं। लेकिन जब भी जश्न, खुशी मनाने का कोई बहाना मिले तो उसे उत्सव की तरह जीना चाहिए। हर पल जो कुछ दे जाए उसे भी उत्सव की तरह जीना चाहिए। एक अच्छी सुबह मिली, एक अच्छी दोपहर मिली, एक अच्छी शाम मिली, एक अच्छी रात मिली, एक अच्छा दिन मिला, ये ईश्वर के प्रति धन्यवाद करने के अवसर हैं। इस नजरिये से जिंदगी को देखें तो किसी नये साल को खारिज करके वर्ष प्रतिपदा का इंतजार करना अच्छा नहीं कहा जाना चाहिए।
पश्चिम के अंक अब आपकी जिंदगी के अभिन्न हिस्सा हैं। हमारी नई पीढ़ियां हमारे पारंपरिक अंक शास्त्र को लिखित और वाचिक दोनों परंपरा में भूल ही गये हैं। फिर पश्चिम के कैलेंडर को लेकर शुरू होने वाले नये साल को भी अपनायें। वर्ष प्रतिपदा भी मनायें। लोकल भी रहें और ग्लोबल भी। बौद्ध का क्षणवाद यही कहता है कि हर क्षण कभी भी कुछ भी बदलकर रख सकता है। पूरे सालभर हम सबके जिंदगी में बहुत बदलाव होंगे। इसलिए खुश रहने और उत्सव मनाने के बहाने को टालें नहीं। क्योंकि टालने से आप भारी मन से जीते हैं। मनाते रहने से आप उत्सव की परंपरा का अभिन्न हिस्सा हो जाते हैं। जो आपको जीवंत रखती है। जो आपको संपर्क में रखती है। जो आपको आह्लाद से भर देती है। नया साल आपकी और हमारी जिंदगी में कितना कुछ बदल कर रख देगा यह विमर्श का सबब हो उठा है। नया साल लोकसभा चुनाव का वर्ष है। यह वर्ष राजनीति के कथ्य और कैलेंडर भी बदल सकता है। जो कथ्य और कैलेंडर हैं उन्हें ही दोबारा पढ़ने और देखने को मजबूर भी कर सकता है। इस चुनाव में लोकतंत्र लोक का होकर उभरे। ईवीएम को लेकर उठाये जा रहे सवाल निरुत्तरित हो जाएं या फिर ईवीएम ही लोकतंत्र से गायब हो जाये।
![width=2480](https://newstrack.com/wp-content/uploads/2019/01/Yogesh-mishra-happy-new-year-2019-1.png alt= width=600 height=600 /></a><br/><br/>मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी से तीन तलाक और हलाल की दुश्वारियां खत्म हो जायें। वह चाहे संसद से खत्म हो या मुस्लिम पुरुष नये निकाहनामे के मार्फत खत्म कर दें। जो छह करोड़ से ज्यादा नये वोटर जुड़े हैं वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट देने पोलिंग बूथ तक आयें। लोग वोटों का महत्व समझें। क्योंकि मध्य प्रदेश में 0.1 फीसदी वोट कम पाकर भी कांग्रेस 114 सीटें अपनी झोली में ले गई जबकि भाजपा को 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा। राजस्थान में भी तकरीबन एक फीसदी वोटों के अंतर के चलते ही कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई। यहां भाजपा 38.8 और कांग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले। मध्य प्रदेश में भाजपा के राजेंद्र पांडेय सिर्फ एक वोट से कांग्रेस के के.के. सिंह से हार गये।<br/><div class='hide inside-post-ad-before-before' id='inside_post_content_ad_3_before_before'></div><div class='hide inside-post-ad-before' id='inside_post_content_ad_3_before'></div><div class='hide inside-post-ad-3 inside-post-ad ads_common_inside_post' id='inside_post_content_ad_3'></div><div class='hide inside-post-ad-after' id='inside_post_content_ad_3_after'></div><br/>आस्था और अमन का जो करतारपुर साहब गलियारा बन रहा है उसका उपयोग आतंकवादी न कर पायें। देश के लोगों को मिलावट की चीजें मिलनी बंद हो जायें। क्योंकि उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सवाल के जवाब में यह रहस्योद्घाटन किया कि शुद्धता बेचने का दावा करने वाले योग गुरु रामदेव के 17 सैपल में मिलावट मिली है। नये साल में किसानों को उपज का वाजिब मूल्य मिले। राजनेता किसानों को चुनावी चैसर पर मत बिठायें। इस ग्राम देवता को हर चुनाव में कर्जमाफी के लिए मुंह ताकने से मुक्ति मिल जाये। सरकार और बैंक कृषि यंत्रों की खरीद पर ब्याज दर कार और ट्रकों के ब्याजदर के बराबर कर दें। बैंकों में आपके अकाउंट सुरक्षित रहें। कोई साइबर अपराधी आपके खाते से पैसा न निकाल पाये। बेरोजगार लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिले या फिर काम। रिजर्वेशन री-डिफाइन हो ताकि आरक्षण के हर पात्र तक एक निश्चित समय 10-20 साल में आरक्षण का लाभ पहुंच जाये। संसद, विधानसभाओं और राजनीतिक दलों में महिला आरक्षण लागू हो। राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की तरह आप सब के भी अच्छे दिन आयें। सीबीआई, आईबी, ईडी, रिजर्व बैंक, नीति आयोग, यूजीसी जैसी देश की तमाम संस्थाएं स्वयतता कायम रख सकें। देश में गण्तंत्र के साथ गुणतंत्र भी आये। नेताओं की समृद्धि की गति से जनता का भी धन बढ़े। कुंभ न केवल एक बार फिर गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में दर्ज हो बल्कि जनता बुक आॅफ रिकाॅर्ड का हिस्सा बने। भीड़ तंत्र का सद्बुद्धि आये।<br/><div class='hide inside-post-ad-before-before' id='inside_post_content_ad_4_before_before'></div><div class='hide inside-post-ad-before' id='inside_post_content_ad_4_before'></div><div class='hide inside-post-ad-4 inside-post-ad ads_common_inside_post' id='inside_post_content_ad_4'></div><div class='hide inside-post-ad-after' id='inside_post_content_ad_4_after'></div><br/>अध्यादेश आये, अदालती फैसला हो या सहमति बने ताकि अयोध्या में राम लला त्रिपाल से मुक्ति पा सकें। आभासी दुनिया से मुक्त होकर वर्चुअल रियलिटी में जिया जा सकेें। मोबाइल पर आपका कम समय बीते। आभासी दुनिया की जगह वास्तविक दुनिया में अपने लोगों के साथ जीने की आदत बढ़े। नौकरशाही और राजनेता बिन पैसे के जनता का काम करने लगे। मां गंगा से सचमुच प्रदूषण दूर हो। गाय और गंगा को लेकर सियासत न हो बल्कि सचमुच आस्था के साथ इनके प्रति काम किया जाये। सड़क दुर्घटनाएं खत्म हो जायें। लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्ति मिले। इलाज के अभाव में किसी को जान न गंवानी पड़े। वस्तुओं के मूल्य न बढं़े। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की भरमार हो जाए। फेक न्यूज का खात्मा करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया घराने ईमानदारी से जुटें। किसी को दवाई, पढ़ाई से वंचित न रहना पड़े। देश के सुदूर इलाकों तक बिजली की चकाचैध पहुंच जाये। विकास कागजों की जगह जमीन पर उतर आये। सियासी दावों से निकल कर लोगों तक पहुंचे। गरीबों को सिर छुपाने के लिए अपनी छत नसीब हो सके। जीएसटी की दर और कम हो जाये। आतंकवादियों के हौसले पस्त हों। सदन जनता की आवाज बनने में कामयाब हों। चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च कम हों। राजनीतिक दल और नेता दिल और दल बदलने में संकोच करें। हर चुनाव में गठबंधन के नये चेहरे न बने। जनकल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता हो जाये। मी-टू जैसे अभियान की जरूरत न पड़े। आधी आबादी को मुक्ति नहीं बराबरी का हक मिले। पति-पत्नी जीवन रथ के दो पहिये बनें। हर लड़की कोख से बाहर आने में सफल हो। लड़कियों को तितलियों के मानिंद उड़ने दें। दुराचार का विचार आते ही पुरुष निर्वीर्य हो जाएं। भारत इकलौता ऐसा देश है जहां ईश्वर की श्रेणी में महिलाएं हैं। बृज में राधा ही सब कुछ हैं, उनके बिना कृष्ण कुछ नहीं, सीता बिना राम नहीं, पार्वती बिना शिव नहीं, लक्ष्मी बिना विष्णु नहीं। नौजवानों पर से कॅरियर का दबाव खत्म हो। किसानों और नौजवानों की आत्महत्याओं का दौर समाप्त हो। बुजुर्गोंं को अकेले रहने से मुक्ति मिले। परिवार संयुक्त हो जायें। बच्चे दादी, नानी से लोरी और चंदा मामा की कथाएं सुन सकंे। जितनी खुशी से सास बहू को अपने घर में उतारती है उतनी ही खुशी से दोनों जिंदगी का बाकी समय एक साथ जी पायें। सुख, संपत्ति घर आये, कष्ट मिटे तन का। क्योंकि हमने सुख को संपत्ति माना है। नये साल पर इन शुभ आकांक्षाओं के साथ देश के राज और समाज को शुभ बनाने वाले लोगों की आकांक्षाएं और संकल्प पूरे करने वाले इस नये साल का आइये मिलकर करें स्वागत। क्योंकि इसके अनंत क्षणों का कोई भी क्षण आपकी जिंदगी में नये साल पर मांगी गई इन मुरादों में से कोई भी या सब कुछ पूरी कर सकता है। आमीन।<br/><a href=https://newstrack.com/wp-content/uploads/2019/01/YogeshMishra_iyogeshMishra_01-Jan-19.png><img class=size-full wp-image-4465 aligncenter src=)
पश्चिम के अंक अब आपकी जिंदगी के अभिन्न हिस्सा हैं। हमारी नई पीढ़ियां हमारे पारंपरिक अंक शास्त्र को लिखित और वाचिक दोनों परंपरा में भूल ही गये हैं। फिर पश्चिम के कैलेंडर को लेकर शुरू होने वाले नये साल को भी अपनायें। वर्ष प्रतिपदा भी मनायें। लोकल भी रहें और ग्लोबल भी। बौद्ध का क्षणवाद यही कहता है कि हर क्षण कभी भी कुछ भी बदलकर रख सकता है। पूरे सालभर हम सबके जिंदगी में बहुत बदलाव होंगे। इसलिए खुश रहने और उत्सव मनाने के बहाने को टालें नहीं। क्योंकि टालने से आप भारी मन से जीते हैं। मनाते रहने से आप उत्सव की परंपरा का अभिन्न हिस्सा हो जाते हैं। जो आपको जीवंत रखती है। जो आपको संपर्क में रखती है। जो आपको आह्लाद से भर देती है। नया साल आपकी और हमारी जिंदगी में कितना कुछ बदल कर रख देगा यह विमर्श का सबब हो उठा है। नया साल लोकसभा चुनाव का वर्ष है। यह वर्ष राजनीति के कथ्य और कैलेंडर भी बदल सकता है। जो कथ्य और कैलेंडर हैं उन्हें ही दोबारा पढ़ने और देखने को मजबूर भी कर सकता है। इस चुनाव में लोकतंत्र लोक का होकर उभरे। ईवीएम को लेकर उठाये जा रहे सवाल निरुत्तरित हो जाएं या फिर ईवीएम ही लोकतंत्र से गायब हो जाये।
![width=2480](https://newstrack.com/wp-content/uploads/2019/01/Yogesh-mishra-happy-new-year-2019-1.png alt= width=600 height=600 /></a><br/><br/>मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी से तीन तलाक और हलाल की दुश्वारियां खत्म हो जायें। वह चाहे संसद से खत्म हो या मुस्लिम पुरुष नये निकाहनामे के मार्फत खत्म कर दें। जो छह करोड़ से ज्यादा नये वोटर जुड़े हैं वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट देने पोलिंग बूथ तक आयें। लोग वोटों का महत्व समझें। क्योंकि मध्य प्रदेश में 0.1 फीसदी वोट कम पाकर भी कांग्रेस 114 सीटें अपनी झोली में ले गई जबकि भाजपा को 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा। राजस्थान में भी तकरीबन एक फीसदी वोटों के अंतर के चलते ही कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई। यहां भाजपा 38.8 और कांग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले। मध्य प्रदेश में भाजपा के राजेंद्र पांडेय सिर्फ एक वोट से कांग्रेस के के.के. सिंह से हार गये।<br/><div class='hide inside-post-ad-before-before' id='inside_post_content_ad_3_before_before'></div><div class='hide inside-post-ad-before' id='inside_post_content_ad_3_before'></div><div class='hide inside-post-ad-3 inside-post-ad ads_common_inside_post' id='inside_post_content_ad_3'></div><div class='hide inside-post-ad-after' id='inside_post_content_ad_3_after'></div><br/>आस्था और अमन का जो करतारपुर साहब गलियारा बन रहा है उसका उपयोग आतंकवादी न कर पायें। देश के लोगों को मिलावट की चीजें मिलनी बंद हो जायें। क्योंकि उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सवाल के जवाब में यह रहस्योद्घाटन किया कि शुद्धता बेचने का दावा करने वाले योग गुरु रामदेव के 17 सैपल में मिलावट मिली है। नये साल में किसानों को उपज का वाजिब मूल्य मिले। राजनेता किसानों को चुनावी चैसर पर मत बिठायें। इस ग्राम देवता को हर चुनाव में कर्जमाफी के लिए मुंह ताकने से मुक्ति मिल जाये। सरकार और बैंक कृषि यंत्रों की खरीद पर ब्याज दर कार और ट्रकों के ब्याजदर के बराबर कर दें। बैंकों में आपके अकाउंट सुरक्षित रहें। कोई साइबर अपराधी आपके खाते से पैसा न निकाल पाये। बेरोजगार लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिले या फिर काम। रिजर्वेशन री-डिफाइन हो ताकि आरक्षण के हर पात्र तक एक निश्चित समय 10-20 साल में आरक्षण का लाभ पहुंच जाये। संसद, विधानसभाओं और राजनीतिक दलों में महिला आरक्षण लागू हो। राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की तरह आप सब के भी अच्छे दिन आयें। सीबीआई, आईबी, ईडी, रिजर्व बैंक, नीति आयोग, यूजीसी जैसी देश की तमाम संस्थाएं स्वयतता कायम रख सकें। देश में गण्तंत्र के साथ गुणतंत्र भी आये। नेताओं की समृद्धि की गति से जनता का भी धन बढ़े। कुंभ न केवल एक बार फिर गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में दर्ज हो बल्कि जनता बुक आॅफ रिकाॅर्ड का हिस्सा बने। भीड़ तंत्र का सद्बुद्धि आये।<br/><div class='hide inside-post-ad-before-before' id='inside_post_content_ad_4_before_before'></div><div class='hide inside-post-ad-before' id='inside_post_content_ad_4_before'></div><div class='hide inside-post-ad-4 inside-post-ad ads_common_inside_post' id='inside_post_content_ad_4'></div><div class='hide inside-post-ad-after' id='inside_post_content_ad_4_after'></div><br/>अध्यादेश आये, अदालती फैसला हो या सहमति बने ताकि अयोध्या में राम लला त्रिपाल से मुक्ति पा सकें। आभासी दुनिया से मुक्त होकर वर्चुअल रियलिटी में जिया जा सकेें। मोबाइल पर आपका कम समय बीते। आभासी दुनिया की जगह वास्तविक दुनिया में अपने लोगों के साथ जीने की आदत बढ़े। नौकरशाही और राजनेता बिन पैसे के जनता का काम करने लगे। मां गंगा से सचमुच प्रदूषण दूर हो। गाय और गंगा को लेकर सियासत न हो बल्कि सचमुच आस्था के साथ इनके प्रति काम किया जाये। सड़क दुर्घटनाएं खत्म हो जायें। लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्ति मिले। इलाज के अभाव में किसी को जान न गंवानी पड़े। वस्तुओं के मूल्य न बढं़े। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की भरमार हो जाए। फेक न्यूज का खात्मा करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया घराने ईमानदारी से जुटें। किसी को दवाई, पढ़ाई से वंचित न रहना पड़े। देश के सुदूर इलाकों तक बिजली की चकाचैध पहुंच जाये। विकास कागजों की जगह जमीन पर उतर आये। सियासी दावों से निकल कर लोगों तक पहुंचे। गरीबों को सिर छुपाने के लिए अपनी छत नसीब हो सके। जीएसटी की दर और कम हो जाये। आतंकवादियों के हौसले पस्त हों। सदन जनता की आवाज बनने में कामयाब हों। चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च कम हों। राजनीतिक दल और नेता दिल और दल बदलने में संकोच करें। हर चुनाव में गठबंधन के नये चेहरे न बने। जनकल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता हो जाये। मी-टू जैसे अभियान की जरूरत न पड़े। आधी आबादी को मुक्ति नहीं बराबरी का हक मिले। पति-पत्नी जीवन रथ के दो पहिये बनें। हर लड़की कोख से बाहर आने में सफल हो। लड़कियों को तितलियों के मानिंद उड़ने दें। दुराचार का विचार आते ही पुरुष निर्वीर्य हो जाएं। भारत इकलौता ऐसा देश है जहां ईश्वर की श्रेणी में महिलाएं हैं। बृज में राधा ही सब कुछ हैं, उनके बिना कृष्ण कुछ नहीं, सीता बिना राम नहीं, पार्वती बिना शिव नहीं, लक्ष्मी बिना विष्णु नहीं। नौजवानों पर से कॅरियर का दबाव खत्म हो। किसानों और नौजवानों की आत्महत्याओं का दौर समाप्त हो। बुजुर्गोंं को अकेले रहने से मुक्ति मिले। परिवार संयुक्त हो जायें। बच्चे दादी, नानी से लोरी और चंदा मामा की कथाएं सुन सकंे। जितनी खुशी से सास बहू को अपने घर में उतारती है उतनी ही खुशी से दोनों जिंदगी का बाकी समय एक साथ जी पायें। सुख, संपत्ति घर आये, कष्ट मिटे तन का। क्योंकि हमने सुख को संपत्ति माना है। नये साल पर इन शुभ आकांक्षाओं के साथ देश के राज और समाज को शुभ बनाने वाले लोगों की आकांक्षाएं और संकल्प पूरे करने वाले इस नये साल का आइये मिलकर करें स्वागत। क्योंकि इसके अनंत क्षणों का कोई भी क्षण आपकी जिंदगी में नये साल पर मांगी गई इन मुरादों में से कोई भी या सब कुछ पूरी कर सकता है। आमीन।<br/><a href=https://newstrack.com/wp-content/uploads/2019/01/YogeshMishra_iyogeshMishra_01-Jan-19.png><img class=size-full wp-image-4465 aligncenter src=)
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