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Haryana में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून पास, कांग्रेस ने बिल का किया विरोध
Conversion Law In Haryana: हरियाणा में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून पास हो गया है। विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया।
Conversion Law In Haryana: देश के कई भाजपा शासित राज्य अपने यहां धर्मांतरण (Religion Conversion) के खिलाफ सख्त कानून बना चुके हैं। इसी सूची में एक औऱ बीजेपी शासित राज्य शामिल हो गया है। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने मंगलवार को विधानसभा में हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक 2020 को चर्चा के लिए लाया। विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
क्या कहता है विधेयक?
हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक 2020 के अनुसार, अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के जरिए किसी का धर्म परिवर्तन करवाया जाता है तो एक से पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख रूपये के जुर्माने का प्रावाधान है। वहीं अगर कोई यही कृत्य किसी महिला, अथवा एससी और एसटी वर्ग के व्यक्ति के साथ करता है तो उसके खिलाफ और कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इस अपराध में लिप्त दोषी व्यक्ति को कम से कम चार साल की सजा, जिसे बढ़ाकर 10 साल किया जा सकता है और कम से कम तीन लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सीएम खट्टर ने गिनाएं धर्मांतरण के आंकड़े
विधानसभा में विधेयक पर बोलते हुए हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) ने राज्य में बीते साल हुए धर्मांतरण के आंकड़े को प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि 2018 में धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराने के प्रयास को लेकर 21 मामले दर्ज हुए। 2019 में 25, 2020 में 44 और 2021 में इस तरह के 34 मामले दर्ज हुए। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले सबसे अधिक यमुनानगर, गुरूग्राम, पानीपत, फरीदाबाद और पलवल में सामने आए हैं। हरियाणा सीएम ने कहा कि धर्म सम्मेलनों में बीमारी ठीक करने की आड़ में गरीबों को धर्म परिवर्तन करने के लिए ब्रैन वॉश किया जा रहा है।
कांग्रेस ने बिल का किया विरोध
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने धर्मांतरण विरोधी कानून का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कानून की जरूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा कानूनों में ही धर्म परिवर्तन पर सजा का प्रवाधान है। वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री किरण चौधरी ने भी हुड्डा की बात को दोहराते हुए कहा कि यह कानून हरियाणा के इतिहास में एक काला अध्याय होगा। यह विधेयक डरावना है औऱ इससे और सांप्रदायिक बंटवारा होगा।
बता दें कि इससे पहले यूपी, हिमाचल प्रदेश औऱ मध्य प्रदेश समेत अन्य बीजेपी शासित राज्य अपने यहां सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर चुके हैं।
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