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क्या हरियाणा में गिर सकती है बीजेपी सरकार? निर्दलीय विधायकों ने छोड़ा साथ, जानिए पूरा गणित
Haryana News : लोकसभा चुनावों के बीच हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुसीबत में नजर आ रही है। दरअसल, यहां तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
Haryana News : लोकसभा चुनावों के बीच हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुसीबत में नजर आ रही है। दरअसल, यहां तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। निर्दलीय विधायकों के साथ छोड़ने से हरियाणा की बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है। निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
हरियाणा की भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों - पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि वह सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे, इसलिए समर्थन वापस ले लिया है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उपस्थिति में तीनों निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
सरकार पूरी तरह से सुरक्षित
वहीं, इस बीच मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने से हरियाणा सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज भी हरियाणा सरकार के पास बहुमत है और वह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन है, इस वजह से सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि यदि कानूनी तौर पर बात करें तो हरियाणा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है, क्योंकि पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था, इसलिए अगले 6 महीने तक कोई और अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
ये है पूरा गणित
हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 45 है। भारतीय जनता पार्टी के पास 41 विधायक हैं, जबकि छह निर्दलीय विधायकों का उसे समर्थन प्राप्त है। इसमें से तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी सरकार को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अब बीजेपी के पास कुल 44 विधायक बचे हैं, जबकि बहुमत के आंकड़े से एक विधायक कम है।
जजपा विधायक कर सकते हैं खेल
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा है कि जननायक जनता पार्टी (जजपा) से नाराज चल रहे सात विधायक बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं। चर्चा ये भी है कि जजपा के विधायक भाजपा के सम्पर्क में है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव लाया जाता है तो जजपा के विधायक बीजेपी सरकार के पक्ष में समर्थन कर सकते हैं या सदन से गायब रह सकते हैं। सदन से गायब रहने से बहुमत के आंकड़े को कम करके हरियाणा में खेला कर सकते हैं।
जजपा ने बीजेपी का छोड़ा था साथ
बता दें कि हरियाणा में बीजेपी ने जजपा और एचएलपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40, जजपा को 10 और एचएलपी को उक सीट मिली थीं। हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीटों को लेकर नाराज चल रहीं जजपा ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में 6 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद बहुमत साबित कर दिया था।