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Ram Rahim Parole: खेतों की देखभाल के लिए पैरोल पाने वाले बाबा राम रहीम चौदह माह में चौथी बार पैरोल पर

Ram Rahim Parole: डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत राम रहीम को बीते चौदह महीनों में चौथी बार पैरोल मिली है। हालाँकि बीते तीन महीनों में दो बार बाबा को पैरोल हासिल करने में कामयाबी मिल चुकी है।

Rakesh Mishra
Published on: 24 Jan 2023 8:47 PM IST
Ram Rahim Parole
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Ram Rahim Parole (Social Media)

Ram Rahim Parole: दो साध्वियों के साथ दुराचार के मामले में जेल की सजा काट रहे बाबा राम रहीम पर हरियाणा सरकार की नजर- ए- इनायत का ही नतीजा है कि उन्हें अपने खेतों की देखभाल करने के लिए भी पैरोल मिल जाता है। डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत राम रहीम को बीते चौदह महीनों में चौथी बार पैरोल मिली है। हालाँकि बीते तीन महीनों में दो बार बाबा को पैरोल हासिल करने में कामयाबी मिल चुकी है। पहले वह अपने खेतों की देखभाल के लिए भले ही पेरोल पाने में कामयाब हुए हों। पर अपनी बेटियों की शादी और माँ को देखने के लिए भी वह पैरोल हासिल कर चुके हैं। बीस साल की सजा काट रहे बाबा इस बार चालीस दिनों के पैरोल पर हैं। वह रोहतक के सुनारिया जेल में बंद थे।

ऑनलाइन सत्संग में शामिल हुए थे इन पार्टी के नेता

अक्टूबर-नवंबर में अपनी पिछली पैरोल अवधि के दौरान, 55 वर्षीय डेरा प्रमुख ने बरनावा आश्रम में कई ऑनलाइन "सत्संग" सत्र आयोजित किए थे। इनमें से कुछ सत्रों में हरियाणा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भाग भी लिया था। यही कारण है जब भी राम रहीम को पैरोल मिलता है, सत्ताधारी दल पर ऊँगली भी उठती है। राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के समयों का हम यदि विवेचन करें तो पाएंगे की चुनावों के समय विवादस्पद गुरु पर सरकार की हमेशा से ही कुछ विशेष कृपा बरसती है।

चुनाव के समय ही क्यों मिलता है पैरोल

जरा राम रहीम को मिले पैरोल की टाइमिंग पर नजर डालें तो तस्वीरें कुछ और ही सच्चाई बयान करती नजर आएँगी। राम रहीम साल 2022 में सबसे ज्यादा कुल 91 दिनों तक पैरोल पर जेल से बाहर रहा। इस दौरान पंजाब में विधान सभा चुनाव होनेवाले थे। राम रहीम को पंजाब विधानसभा चुनाव से बमुश्किल दो सप्ताह पहले 7 फरवरी, 2022 से तीन सप्ताह की छुट्टी दी गई थी।इसके बाद वो फिर से जून में 30 दिनों के लिए बाहर आया तब हरियाणा में नगरपालिका चुनाव थे, इसके बाद वो अक्टूबर में फिर से 40 दिनों के के लिए पैरोल पर बाहर आया और तब हरियाणा के आदमपुर और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव होनेवाले थे।

जून 2019 में, विपक्षी दलों द्वारा कथित रूप से उनका पक्ष लेने के लिए हरियाणा सरकार को घेरने के बाद राम रहीम को अपनी पैरोल याचिका वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था। उस समय उसने सिरसा में अपने खेत की देखभाल के लिए 42 दिन की पैरोल मांगी थी।

क्यों मिलता है बार बार पैरोल

हरियाणा सरकार के अनुसार राम रहीम हर दूसरे कैदी की तरह है और उसके मौलिक अधिकार भी हैं। 3-5 साल के बाद कोई कैदी पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है। सक्षम प्राधिकारी इस पर फैसला करता है। जेल अधिकारियों के अनुसार, एक दोषी हर साल 90 दिनों के पैरोल का हकदार होता है, बशर्ते कि उसके आचरण पर मंजूरी और जिला प्रशासन से सुरक्षा मंजूरी मिलनी चाहिए, जहां वह पैरोल अवधि के दौरान रहेगा।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जताई आपत्ति

शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने राम रहीम को पैरोल देने पर कड़ी आपत्ति जताई । वहीँ राम रहीम को पैरोल दिए जाने पर अपनी सफाई पेश करते हुए हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने पहले कहा था कि राम रहीम के परिवार ने 40 दिनों के पैरोल के लिए अर्जी दायर की थी, जिसे रोहतक मंडल आयुक्त को भेज दिया गया था। राम रहीम ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह 25 जनवरी को पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होना चाहता है।

कब कब मिला पैरोल

  • 24 अक्टूबर 2020 को, जेल अधीक्षक ने राम रहीम को एक दिन की पैरोल दी, ताकि वह गुड़गांव के एक अस्पताल में अपनी बीमार मां से मिलने जा सके। प्रशासन ने गुपचुप तरीके से काम को अंजाम दिया और राम रहीम के साथ पुलिस भी थी।
  • 21 मई 2021 को, राम रहीम की बीमार मां से मिलने के लिए उसके पैरोल आवेदन को मंजूरी दे दी गई, जिसके कारण उसे पुलिस सुरक्षा में "सूर्योदय से सूर्यास्त तक" 12 घंटों के लिए रिहा कर दिया गया।
  • फरवरी 2022 में, राम रहीम को अपने परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की छुट्टी दी गई थी। उसे जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी।
  • जून 2022 में, राम रहीम को 30 दिन की पैरोल दी गई थी, जिस दौरान वह उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने डेरा सच्चा सौदा आश्रम, बरनावा में रुका था।पैरोल पर SGPC ने आपत्ति जताई थी।
  • 14 अक्टूबर 2022 को, राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दी गई, जिसके दौरान वह फिर से उत्तर प्रदेश के बागपत में बरनावा में रहा। अपने पैरोल के दौरान, उन्होंने अपने द्वारा लिखे, गाए, निर्मित और संगीतबद्ध ट्रैक के तीन संगीत वीडियो जारी किए, जिसका शीर्षक "सादी नित दिवाली", "जागो दुनिया दे लोको" और "चैट पे चैट", था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पैरोल रद्द करने की अपील की थी।
  • 21 जनवरी 2023 को राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दी गई है।

डेरा प्रमुख को पहली बार अगस्त 2017 में पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सिरसा में डेरा मुख्यालय में अपनी दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार करने का दोषी ठहराया था। 2019 में, राम रहीम और तीन अन्य को 2002 में पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। पिछले साल, उन्हें चार अन्य लोगों के साथ डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था, जिनकी 2002 में भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पैरोल और फर्लो कानून के अनुसार दिए गए हैं: हरियाणा सरकार

रोहतक की सुनारिया जेल के अधिकारियों, जहां आमतौर पर गुरमीत राम रहीम को रखा जाता है, का कहना है कि राम रहीम को कानून के अनुसार पैरोल दी गई थी। हरियाणा गुड कंडक्ट कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 के अनुसार सजायाफ्ता कैदियों को नियमित पैरोल दी जा सकती है। हालांकि, कई हत्याओं या गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत सजायाफ्ता कैदी पैरोल के लिए पात्र नहीं हैं। पैरोल जेल में एक दोषी के आचरण पर मंजूरी और जिला प्रशासन से सुरक्षा मंजूरी के अधीन है जहां वह पैरोल अवधि के दौरान रहेगा।



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Durgesh Sharma

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