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Kuldeep Bishnoi Joined BJP: कुलदीप बिश्नोई ने थामा भाजपा का दामन, जानिये क्या होंगे इसके सियासी मायने
Kuldeep Bishnoi Joined BJP: हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए आखिरकार आज भाजपा (BJP) का दामन थाम लिया है।
New Delhi: हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने कांग्रेस (congress) को बड़ा झटका देते हुए आखिरकार आज भाजपा (BJP) का दामन थाम लिया है। बिश्नोई ने पहले ही ट्वीट करते हुए आज भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। बिश्नोई ने पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर आदमपुर विधानसभा सीट से जीता था मगर बुधवार को उन्होंने विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल (Former Chief Minister Bhajan Lal) के बेटे बिश्नोई की प्रदेश में मजबूत सियासी पकड़ मानी जाती है और इस कारण उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वे दो बार सांसद और चार बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं और हरियाणा में अपनी पार्टी बनाकर भी उन्होंने सियासी ताकत दिखाई थी। वे काफी दिनों से कांग्रेसी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और आखिरकार उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा के साथ सियासी सफर शुरू करने का फैसला किया है।
राज्यसभा चुनाव में दिया था भाजपा का साथ
कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के मौके पर पार्टी मुख्यालय में कई वरिष्ठ नेताओं की ओर से उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar), केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पार्टी महासचिव अरुण सिंह, हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी मौजूद थे।
बिश्नोई के साथ उनकी पत्नी और पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने बिश्नोई दंपति का स्वागत करते हुए कहा कि बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा का साथ दिया था और लंबे समय से हमारा उनसे संपर्क बना हुआ था। उन्होंने कहा कि बिश्नोई बिना किसी शर्त के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं। वैसे यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई ने कांग्रेस को झटका दिया है।
बिश्नोई ने की पीएम मोदी की तारीफ
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के मौके पर बिश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भारत के अब तक के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री साबित हुए हैं। उन्होंने देश व गरीबों के कल्याण के लिए काफी काम किया है और हमेशा इसी में जुटे रहते हैं।
उन्होंने कहा कि आदमपुर सीट के उपचुनाव के संबंध में फैसला भाजपा नेतृत्व को लेना है। बिश्नोई ने कहा कि वे और राज्य के अन्य लोग चाहते हैं कि इस सीट से उनका बेटा भव्य बिश्नोई चुनाव मैदान में उतरे। माना जा रहा है कि इस सीट पर उपचुनाव के दौरान भाजपा की ओर से भव्य बिश्नोई को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
कांग्रेस नेतृत्व से इसलिए थे नाराज
बिश्नोई काफी दिनों से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और उन्होंने इस बाबत कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) से मुलाकात करने की बात भी कही थी। हालांकि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात नहीं हो सकी। हाल में उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान का क्रॉस वोटिंग करके कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। इस कारण गांधी परिवार के करीबी अजय माकन को राज्यसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था।
दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा के इस्तीफे के बाद कुलदीप प्रदेश अध्यक्ष बनने के इच्छुक थे। हरियाणा कांग्रेस में उनका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इसी कारण हुड्डा की ओर से उनका भारी विरोध किया जा रहा था।
आखिरकार कांग्रेस नेतृत्व ने हुड्डा के करीबी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया। इसे लेकर वे भीतर ही भीतर काफी नाराज थे और कांग्रेस नेतृत्व की ओर से उन्हें मनाने की भी कोई विशेष कोशिश नहीं की गई। इसी कारण राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद अब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
मजबूत सियासी आधार वाले नेता
बिश्नोई के कांग्रेस के इस्तीफे को बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वे मजबूत सियासी आधार वाले नेता रहे हैं। 2009 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया था। नया सियासी दल होने के बावजूद उन्होंने हरियाणा में अपनी ताकत दिखाई थी। विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के सात प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में इनमें से पांच विधायकों ने कुलदीप को झटका देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
भाजपा को होगा बड़ा सियासी फायदा
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा में भाजपा के साथ गठबंधन किया था। बाद में विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी भाजपा के साथ सीटों पर सहमति नहीं बन सकी। भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद उन्होंने 2016 में अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस का कांग्रेसमें दिला कर दिया था। अब उन्होंने 6 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा की ओर से उन्हें हिसार लोकसभा क्षेत्र (Hisar Lok Sabha Constituency) से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। हरियाणा की राजनीति को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि मजबूत सियासी कद वाले बिश्नोई का भाजपा में आना पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।