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Haryana Players: हरियाणा राज्य से ही क्यों निकलते मेडलिस्ट?

Haryana Players: टोक्यो ओलंपिक 2020 कल यानि रविवार को समाप्त हो गया है। इस बार ओलंपिक में भारत ने कुल 7 मेडल ही जीते हैं।

AKshita Pidiha
Written By AKshita PidihaPublished By Chitra Singh
Published on: 9 Aug 2021 11:58 AM IST
Neeraj Chopra
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मेडल दिखाते नीरज चोपड़ा (फोटो- सोशल मीडिया)

Haryana Players: टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) कल यानि रविवार को समाप्त हो गया है। पर ये समापन के साथ ही भारत के लिए बड़ा सवाल खड़ा करता है। गौरतलब है कि इस बार ओलंपिक में भारत ने कुल 7 मेडल ही जीते हैं। जो अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। पर 130 करोड़ की आबादी वाले भारत में सिर्फ 7 मेडलों का आना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

पिछले 21 साल में हमने कुल 20 पदक ही जीते हैं, जिसमें से 11 तो हरियाणा राज्य से हैं। इस बार भी 06 एकल प्रतियोगिता में 3 प्रतियोगी भी हरियाणा राज्य से रहे हैं। कुल 127 प्रतिभागियों में 31 सिर्फ हरियाणा राज्य से थे। देखा जाये तो भारत को मेडल जिताने में हरियाणा सरकार (Haryana Sarkar) और हरियाणा के प्रतिभागी (Haryana Participant) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ओलंपिक में 50 प्रतिशत प्रतिभागी जो जीतते है वो हरियाणा के होते हैं जबकि एशियाई खेलों में 33 प्रतिशत संख्या हरियाणा के प्रतिभागियों की होती है।

छात्रों के बचपन से ही खेल की प्रतिभा निखारती हैं है सरकार

कारणों को समझने की कोशिश करते हैं। हरियाणा सरकार ने खेलों के प्रति और रुचि दिखाना तब शुरू की जब साल 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) ने ओलंपिक में मेडल जीता था। हरियाणा सरकार छात्रों के बचपन से ही उनमें खेल की प्रतिभा निखारते हैं। ताकि उनकी नींव मजबूत हो सके। हरियाणा में अनेक खेल नर्सरियां हैं। हरियाणा की आबादी कुल 2.5 करोड़ है। पर यहां 22 साई सेंटर (SAI Center Haryana) हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 8 करोड़ की आबादी पर सिर्फ 16 ,राजस्थान की लगभग 8 करोड़ आबादी पर सिर्फ 10 साई सेंटर हैं। सबसे ज्यादा यूपी में 23 करोड़ आबादी है और सेंटर सिर्फ 22 ही है। जबकि छत्तीसगढ़ और गुजरात में केवल 3-3 सेंटर है।

हरियाणा सरकार खेलों के लिए हर साल अपने बजट में बढोत्तरी करती है, जो उसकी खेलों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पिछले साल जो बजट 300 करोड़ था। इस बार हरियाणा सरकार ने उसे बढ़ाकर 394 करोड़ कर दिया है। जबकि राजस्थान जैसी सरकार सिर्फ 100 करोड़ ही खर्च करती है।

छात्रों को दी जाती है बड़ी-बड़ी प्रोत्साहन राशि

हरियाणा सरकार प्रोत्साहन राशि देने में भी आगे है। स्कूल स्तर से ही छात्रों को बड़ी-बड़ी राशि दी जाती है। नेशनल मेडलिस्ट को स्कूल स्तर पर 6 लाख तक की राशि सरकार देती है। ओलम्पिक गोल्ड जीतने पर 6 करोड़, रजत पदक जीतने पर 4 करोड़, जबकि कांस्य पदक के लिए 2.5 करोड़ की राशि दी जाती है।

हरियाणा में प्रतिभागियों के अलावा कोच को भी इंसेंटिव मिलता है। यदि प्रतिभागी इंटरनेशनल खेल जीतता है तो 20 लाख का इंसेंटिव कोच को दिया जाता है। इसके अलावा कोच को और बेहतर ट्रेनिंग देने के लिये विदेश भेजा जाता है। ऐसी कोई भी सुविधा अन्य राज्य में नहीं है। इसके अलावा हरियाणा सरकार अतंराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर सरकारी नौकरी भी दे रही हैं।

नीरज चोपड़ा को मिला 6 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन राशि

हाल ही में मार्च में हरियाणा सरकार ने अत्याधुनिक खेल विश्वविद्यालय बनाने के लिये विधानसभा में एक प्रस्ताव रखा था। इस बार के ओलम्पिक में एक मात्र गोल्ड पदक लेने वाले भारतीय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) भी हरियाणा के पानीपत से ही हैं। हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा की जीत पर उन्हें 6 करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से उन्हें पंचकूला में बनने वाले स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्लास-1 नौकरी और अन्य सुविधाएं देने का एलान भी किया गया है।

नीरज चोपड़ा (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

हरियाणा सरकार ने बीते कई सालों में खेल सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों की मदद के लिए जो काम किए हैं, शायद उसका ही नतीजा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) से टोक्यो ओलंपिक तक उसके खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं।

खिलाड़ियों के लिए न्यूट्रिशन पर खर्च में हुआ इजाफा

हरियाणा राज्य सरकार ने इस साल खिलाड़ियों के लिए न्यूट्रिशन पर खर्च होने वाली राशि में भी इजाफा किया है। पहले जहां प्रदेश में खानपान के लिए खिलाड़ियों पर 150 रुपये प्रतिदिन का खर्च होता था, अब इसे बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया गया है।

राज्य में बन रहे विश्वस्तरीय स्टेडियम और स्पोर्ट्स यूनिट्स

इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से भी तमाम इलाकों में विश्वस्तरीय स्टेडियम और स्पोर्ट्स यूनिट्स को बनाने पर काम हो रहा है। हरियाणा में कई ऐसे स्टेडियम और कोचिंग सेंटर हैं जो बिना किसी फीस के ट्रेंनिंग देते हैं, जिस वजह से बच्चों की रुचि और बढ़ रही। साथ ही अब प्रदेश के साथ- साथ अन्य राज्यों के भी बच्चे आकर ट्रेनिंग ले रहे हैं।

हमारे देश में खेलों की बात होते ही तो सबसे पहले हरियाणा राज्य का नाम जहन में आता है। दुनिया में जब भी कहीं खेलों का कोई बड़ा आयोजन होता तो अक्सर हमारे देश से सबसे ज्यादा खिलाड़ी हरियाणा के ही होते हैं और देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल भी हरियाणा के खिलाड़ी (Haryana Players Medalists) ही जीतते हैं। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics-2021) में इसकी बानगी देखने को मिली। टोक्यो में भी हरियाणा के खिलाड़ियों (Haryana Players) का दबदबा रहा। अन्य राज्यों को हरियाणा सरकार से सीखने की जरूरत है कि वो खेल की दिशा में अनके योजनाएं लेकर आयें ताकि अन्य राज्यों के भी सूरमा सभी खेलो में भारत का प्रदर्शन करके भारत को पदकों वाला देश बन सकें।हालांकि राजस्थान और उड़ीसा राज्यों में विगत दिनों प्रगति देखने को मिली है । राज्यों ने अच्छे स्टेडियम बनाने और साई सेंटर बढ़ाने की मंशा रखी है।

Chitra Singh

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