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Kisan Mahapanchayat Karnal : करनाल में आज से बहाल हुआ इंटरनेट, हजारों लोगों की दूर हुई परेशानी

Kisan Mahapanchayat Karnal : किसानों के प्रदर्शन के देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट तो बंद कर दी थी, लेकिन इससे आस-पास के रहने वाले स्थानीय लोगों, दुकानदारों और आ-जा रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 10 Sept 2021 1:40 PM IST (Updated on: 10 Sept 2021 1:44 PM IST)
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करनाल में किसानों का प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)

Kisan Mahapanchayat Karnal : हरियाणा के करनाल (Karnal Kisan Mahapanchayat) में बीते कई दिनों से लघु सचिवालय के बाहर सरकार से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए किसानों के प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन से जुड़ी ताजा खबर ये है कि प्रशासन में किसान प्रदर्शन को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद की थी, उस पर से अब चार दिन बाद प्रतिबंध हटा दिया है। प्रदर्शन के इलाके में एकबार फिर से इंटरनेट बहाल हो गया है।

किसानों के प्रदर्शन के देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट तो बंद कर दी थी, लेकिन इससे आस-पास के रहने वाले स्थानीय लोगों, दुकानदारों और आ-जा रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस वजह से न तो कोई ऑनलाइन लेन-देन हो पा रहा था, न ही कोई मैसेज का भेज पा रहा था और न ही किसी का मैेसेज मिल पा रहा था।

करनाल में आज से इंटरनेट चालू

बता दें, चार दिन पहले हरियाणा के 5 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई थी। उनके नाम इस प्रकार हैं- करनाल, जींद, पानीपत, कैथल और कुरुक्षेत्र। इनमें से चार जिलों में पहले ही इंटरनेट शुरू कर दिया गया था। लेकिन करनाल में आज से चालू किया गया है।

इस दौरान करनाल के लघु सचिवालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट भी इंटरनेट बंद होने की वजह से परेशान थे। सरकारी ऑफिसों में लोगों के काम आने से इनके काम-धंधे पर भी बहुत असर पड़ था। वहीं दूसरी तरफ ड्राइविंग लाइंसेंस बनाने वाले, ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने वाले भी बेहद मुश्किलों का सामना कर रहे थे।

ऐसे में मिली जानकारी के मुताबिक, लघु सचिवालय के अंदर लगभग 40 विभाग है। जबकि सचिवालय के आस पास में ही लगभग 10 बीमा कंपनियां, 15 से अधिक बैंक और करीब 40 प्राइवेट कार्यालय हैं।

इन सभी जगहों पर हर रोज करीब हजारों की तादात में लोग काम करने आते हैं। इंटरनेट को लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इंटरनेट बंद होने पर कहा था, 'इंटरनेट बंद करना लोगों की जुबान पर ताला लगाने का एक कानून है। हर किसी को बोलने की आजादी है, सोशल मीडिया हमारी बात सही दिखाता है, उसको बंद नहीं करना चाहिए और इंटरनेट को जल्द चालू कर देना चाहिए।'




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Vidushi Mishra

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