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Haryana Building Demolition: गुरूग्राम में इमारत गिराने के दौरान बड़ा हादसा, 3 मजदूर मलबे में दबे

Gurugram News in Hindi: उत्तर भारत की टेक सिटी और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हरियाणा के गुरूग्राम में एक बड़ा हादसा हो गया है। सोमवार को एक इमारत को गिराने के दौरान कुछ मजदूर इसके मलबे के चपेट में आ गए।

Krishna Chaudhary
Published on: 3 Oct 2022 10:31 AM IST
Major accident during demolition of building in Gurugram, 3 laborers buried under debris
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गुरूग्राम: इमारत गिराने के दौरान बड़ा हादसा: Photo- Social Media

Gurugram News Today: उत्तर भारत की टेक सिटी (tech city) और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) से सटा हरियाणा के गुरूग्राम में एक बड़ा हादसा हो गया है। सोमवार को एक इमारत को गिराने के दौरान कुछ मजदूर इसके मलबे के चपेट में आ गए। मिली जानकारी के मुताबिक, उद्योग विहार फेज 1 में एक तीन मंजिला इमारत को जमींदोज करने के दौरान कुछ मजदूर में मलबे में फंस गए। जानकारी मिलने के बाद फौरन दमकल विभाग (fire department) की टीम घटनास्थल पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

बताया जा रहा है कि फिलहाल एक मजदूर को मलबे से निकाल लिया गया है। वहीं, तीन मजदूर अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। मलबे से निकाले गए मजदूर को फौरन अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

इमारत को तोड़ा जा रहा था

गुरूग्राम पश्चिम के डीसीपी दीपक सहारन ने बताया कि जिस इमारत को ध्वस्त किया गया है, वो काफी पुरानी थी। 26 सितंबर से ही तोड़ने का काम चल रहा था। तीन मंजिला इमारत के दो मंजिल तोड़े जा चुके थे, मगर आखिरी हिस्सा अचानक ढ़ह जाने से यह हादसा हो गया। इमारत को तोड़ने में जुटे मजदूरों को संभलने का मौका ही नहीं मिला और वे मलबे में फंस गए। इस घटना में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। मलबे में फंसे मजदूरों को शीघ्र निकाल लिया जाएगा।

सुपरटेक के ट्विन टॉवर को गिराने में किसी प्रकार का नुकसान नहीं

बता दें कि इससे पहले 28 अगस्त को नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टॉवर को विस्फोटकों की मदद से सफलतापूर्वक जमींदोज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कुतुबमीनार से भी ऊंची इन दो इमारतों को चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया था। इसके लिए लगभग एक माह तक तैयारी की गई थी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आसपास की इमारतों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा था।

Shashi kant gautam

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