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Om Prakash Chautala रिहाई के बाद लड़ सकेंगे चुनाव, EC से राहत मिलने की उम्मीद
हरियाणा के पूर्व सीएम चौटाला को रिहाई मिल गई है। रिहाई के बाद से वो 6 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन अगर EC से राहत मिली तो फिर वो लड़ सकते हैं।
Om Prakash Chautala: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) टीचर भर्ती घोटाले (JBT Teachers Scam) मामले में रिहाई मिल गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री (Haryana Chief Minister) रहते हुए उनके कार्यकाल में टीचर भर्ती घोटाला हुआ था, जिसके लिए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) ने साल 2013 में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। अब उनकी सजा पूरी हो चुकी है और उन्हें रिहाई मिल गई है।
वहीं नियमों के मुताबिक, ओम प्रकाश चौटाला सजा पूरी होने के बावजूद छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग की ओर से उन्हें राहत दी जा सकती है। दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि चौटाला की प्रार्थना के बाद चुनाव आयोग इस अवधि को कम कर सकता है या फिर इस प्रतिबंध को पूरी तरह भी खत्म किया जा सकता है।
चुनाव आयोग दे सकता है राहत
लोक प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला अपनी रिहाई के बाद छह साल तक यानी जून 2026 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि अगर चौटाला चुनाव नहीं लड़ पाने की अवधि को कम करना या पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं तो उनके पास एक विकल्प मौजूद है। चौटाला चुनाव आयोग के पास इस कानून की धारा 11 में याचिका दायर कर सकते हैं। छूट देने में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग कानूनन सक्षम है।
बता दें कि चुनाव आयोग सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता प्रेम सिंह तमांग के मामले में ऐसा कर चुका है। दरअसल, सितंबर, 2019 में भ्रष्टाचार मामले में सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव न लड़ पाने की रोक को घटाकर 13 महीने कर दिया गया था। आयोग ने यह फैसला तमांग द्वारा जुलाई 2019 में दायर एक याचिका पर लिया था। इसी फैसले के बाद वह सिक्किम विधानसभा का उपचुनाव चुनाव लड़ने में सक्षम हो पाए थे।
दिग्विजय सिंह चौटाला ने जताई खुशी
वहीं, दादा ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई पर जजपा के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने खुशी जताते हुए कहा कि उन्होंने उम्र के इस पड़ाव में भी कांग्रेसी षड्यंत्र से मिली जेल रूपी चुनौती का दृढ़ता से सामना किया। उनका वैचारिक संघर्ष जेल से भी जारी रहा। उनका जेल से रिहा होना हमारा परिवार, सभी कार्यकर्ता और किसान, कमेरे वर्ग की विचारधारा से जुड़े लोगों के लिए खुशी का पल है।
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