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Haryana Government: हरियाणा के नगर निकाय क्षेत्र में बिना लाइसेंस मवेशी पालने पर 6 महीने की जेल

Haryana Government: हरियाणा सरकार ने कहा है कि नगरीय निकायों के तहत आने वाले गाँव और शहरी क्षेत्रों में मवेशी रखने वालों को छह महीने की जेल की सजा दी जाएगी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 19 March 2022 9:49 AM GMT
Haryana Government: 6 months jail for rearing cattle without license in the municipal area of ​​Haryana
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर: Design Photo - Social Media

New Delhi: हरियाणा सरकार (Haryana Government) एक ऐसा प्रावधान करने जा रही है जिसके तहत नगरीय निकायों के तहत आने वाले गाँव और शहरी क्षेत्रों में मवेशी रखने वालों को छह महीने की जेल की सजा दी जाएगी। संबंधित नागरिक निकाय द्वारा जारी लाइसेंस के बिना मवेशी रखने वालों को सजा दी जाएगी।

प्रस्तावित कानून के उद्देश्य

हरियाणा म्यूनिसिपल (संशोधन) विधेयक और हरियाणा म्यूनिसिपल कारपोरेशन (संशोधन) (Haryana Municipal Corporation) विधेयक को विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान पेश करते हुए हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता (Urban Local Bodies Minister Kamal Gupta) ने कहा है कि राज्य के सभी नगर निकायों में व्यापार लाइसेंस शुल्क में एकरूपता की आवश्यकता है। और यह कानून नगरपालिका को विनियमित करने वाली शक्तियों को समाप्त करके शहरी क्षेत्रों में व्यापार को आसान बनाएगा।

मंत्री ने कहा कि 1911 के दौरान किए जा रहे व्यापार / व्यावसायिक गतिविधियों की तुलना में अब की जा रही व्यावसायिक गतिविधियों में भारी परिवर्तन आया है। उस समय नगरपालिका एकमात्र नियामक प्राधिकरण थी लेकिन अब कई नियामक प्राधिकरण हैं जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य कारखाने अधिनियम, 1948 आदि। ऐसे में नगर पालिकाओं द्वारा ऐसे व्यवसायों के लिए लाइसेंस का कोई औचित्य नहीं है जो अन्य वैधानिक प्राधिकरणों द्वारा विनियमित होते हैं।

मवेशियों की समस्या (cattle problems)

कानून के अनुसार, "कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के घोड़ों, मवेशियों या अन्य चौपाए जानवरों या पक्षियों को परिवहन, बिक्री या भाड़े या बिक्री के लिए रखने के लिए किसी भी स्थान या परिसर का उपयोग या उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा"। कानून का उल्लंघन करने पर छह महीने तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मवेशियों के कारण कुप्रबंधन और व्यापार लाइसेंस शुल्क के संबंध में कई शिकायतें हैं।

मवेशियों की समस्या: Photo - Social Media

विपक्ष की आपत्ति (Opposition's objection)

कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी (Congress MLA Varun Chaudhary) ने कहा है कि जमीनी हकीकत को समझे बिना कई अलग-अलग चीजों को बिलों में मिला दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नगर निकाय बनाया जाता है, तो आस-पास के गांवों को भी ऐसे निकाय के लिए विशिष्ट संख्या में व्यक्तियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नागरिक निकाय में जोड़ा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग गायों को अपनी दूध की जरूरतों के लिए रखते हैं। कई गरीब परिवार अपनी आजीविका के लिए भी इन मवेशियों पर निर्भर हैं। अब अचानक सिर्फ गाय को घर में रखने के लिए छह महीने की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

अगर आप कहते हैं कि मवेशी प्रदूषण (Pollution) पैदा कर रहे हैं और अर्ध-शहरी इलाकों में नालियां बंद कर रहे हैं, तो लाइसेंस से क्या फर्क पड़ेगा? शहरी क्षेत्रों के क्षेत्रों में मवेशियों पर पहले से ही प्रतिबंध है और हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पूरे क्षेत्र में इस तरह का प्रतिबंध जो नागरिक निकायों के अधिकार क्षेत्र में आता है, उचित नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के साथ-साथ भाजपा (BJP) की सहयोगी जजपा के नेताओं ने भी विधेयकों पर आपत्ति जताई है। जेजेपी विधायक जोगी राम सिहाग ने कहा कि हिसार जिले के गांव सिसाय को एक नागरिक निकाय में बदल दिया गया है, लेकिन हर कोई अपने घरों में मवेशी रखता है। इस गणित से पूरे गांव को अपने मवेशी रखने की इजाजत लेनी पड़ती है। सिहाग ने कहा कि अनुमति मांगने की शर्त सिर्फ डेयरियों के लिए लगाई जा सकती है।

मवेशी संख्या

हरियाणा पशुपालन और डेयरी विभाग (Animal Husbandry and Dairying Department) द्वारा पशुधन की गणना राज्य में मवेशियों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्शाती है। 2003 में 15.40 लाख, 2012 में 18.08 लाख और 2019 में 19.32 लाख तक मवेशी थे।

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