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Lazy Hone Ke Nuksan: जाग जाओ आलसियों! इस बीमारी के जा रहे करीब
Lazy Hone Ke Nuksan Hindi Me: दुनियाभर में हार्ट अटैक, कैंसर और डायबिटीज से होने वाली मौतों की एक सबसे बड़ी वजह आलस (Laziness) है। आइए जानें आलस होने के गंभीर नुकसानों के बारे में।
Side Effects Of Being Lazy: शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने के लिए फिजिकल एक्टिव (Physical Active) रहना बेहद जरूरी होता है। लेकिन कई बार लोग अपने आलसपन के आगे अपने शरीर का ध्यान भी रखना जरूरी नहीं समझते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, जिनमें आलस कूट-कूटकर भरा है और इस वजह से आप कोई काम करना नहीं पसंद करते हैं तो ये भी जान लीजिए कि इससे कई गंभीर रोगों का खतरा रहता है। यही नहीं, इस बेकार लाइफस्टाइल की वजह से लोग मौत के भी करीब पहुंच जाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में हार्ट अटैक, कैंसर और डायबिटीज से होने वाली मौतों की एक सबसे बड़ी वजह आलस (Laziness) है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 66 फीसदी लोग लाइफस्टाइल के चलते होने वाली बीमारियों के चलते मारे जा रहे हैं। WHO के मुताबिक, आलसी की कैटेगरी में उन्हें रखा जाता है, जो एक हफ्ते में 150 मिनट की साधारण एक्सरसाइज या फिर 75 मिनट तक जमकर कसरत नहीं करते हैं।
सुस्ती से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं (Laziness Health Problems)
1- मोटापा
2- कैंसर
3- टाइप-2 डायबिटीज
4- हृदय रोग
5- डिप्रेशन या दिमाग की समस्या
6- स्ट्रोक
7- शरीर दर्द व थकान
शारीरिक एक्टिव रहने के फायदे (Health Benefits Of Being Physical Active)
फिजिकल एक्टिव रहना हर किसी के लिए जरूरी है, चाहे वह बच्चा हो, बड़ा हो या बूढ़ा। इससे आप लंबे समय के लिए फिट और निरोग बने रह सकते हैं। साथ ही गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं तो इससे दीर्घकालिक बीमारी विकसित होने की संभावना 50% तक कम हो सकती है। साथ ही समय से पहले मौत के जोखिम को भी 20 से 30 फीसदी तक कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं फिजिकल एक्टिव रहने के कुछ फायदे (Physical Active Rehne Ke Fayde)।
1- हाइपरटेंशन, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।
2- शारीरिक रूप से एक्टिव रहने पर बॉडी फैट को कम करने में भी मदद मिलती है।
3- इससे स्लीप क्वालिटी भी इंप्रूव की जा सकती है।
4- शारीरिक एक्टिविटी करने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
5- इससे हार्ट डिजीज के विकसित होने के खतरे को भी टाला जा सकता है।
6- एक्टिव रहने से हड्डी और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
7- इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।