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Congress in Himachal: हिमाचल प्रदेश में OPS का वादा बना कांग्रेस के लिए मुसीबत, अब सुक्खू सरकार को PM मोदी से मदद की दरकार
Congress in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़े फंड की जरूरत है और इसके लिए कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
Congress in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के वादे को बड़ा कारण माना जा रहा है। राज्य में कांग्रेस की 40 सीटों पर जीत में इस वादे ने बड़ी भूमिका निभाई जबकि भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की बात कही है मगर दूसरी ओर इस वादे ने कांग्रेस को एक बड़ी मुश्किल में भी फंसा दिया है।
इस वादे को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़े फंड की जरूरत है और इसके लिए कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
पीएम मोदी से मदद की गुहार
कोरोना से संक्रमित हो जाने के कारण मुख्यमंत्री सुक्खू अभी तक पूरी रफ्तार से कामकाज शुरू नहीं कर पाए हैं मगर वे पुरानी पेंशन योजना के बहाली को लेकर काफी सतर्क हैं। उन्होंने राज्य के वित्त विभाग को पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के संबंध में विस्तृत योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस राज्य की जनता से किए गए दस वादों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगी। उन्होंने अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात भी कही है।
वैसे इस योजना को लागू करने के बाद हिमाचल के सामने आर्थिक संकट खड़ा होने की आशंका भी दिख रही है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए हिमाचल प्रदेश को केंद्र से आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए विशेष पहल करते हुए पहाड़ी राज्य को आर्थिक मदद मुहैया करानी चाहिए।
हिमाचल के प्रति उदार रवैए का अनुरोध
कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री को हिमाचल प्रदेश के प्रति उदारता का रवैया अपनाना चाहिए। राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने और राज्य के सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए हमें केंद्र से वित्तीय मदद की आवश्यकता है।
उन्होंने अपने पिता वीरभद्र सिंह से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अच्छे रिश्तों का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि हमें पीएम मोदी और हिमाचल के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच सकारात्मक रिश्ता बनने की उम्मीद है। केंद्र की मदद से हम पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने में कामयाब होंगे।
हिमाचल सरकार के लिए क्या हैं मुश्किलें
दरअसल, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ओल्ड पेंशन योजना को लागू करने पर हिमाचल प्रदेश के कर्ज में काफी बढ़ोतरी होगी और अन्य विकास परियोजनाओं को गंभीर झटका लग सकता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री की ओर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात तो कही जा रही है मगर कांग्रेस में आने वाले आर्थिक संकट को लेकर भी भीतर ही भीतर बेचैनी भी दिख रही है। इस योजना की बहाली के वादे ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा सियासी फायदा तो पहुंचाया है मगर इसे लागू करना आसान नहीं माना जा रहा है।