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GS Bali Passed Away: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली का निधन, बेटे ने दी जानकारी
GS Bali Passed Away: जीएस बाली का पार्थिव शरीर आज तीन बजे गगल एयरपोर्ट पर पहुंचेगा।
Gs bali passed away: हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता जीएस बाली (Congress Leader GS Bali) का आज 67 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह काफी समय से बीमार थे। जीएस बाली (Gs bali passed away) के निधन की जानकारी उनके बेटे रघुबीर सिंह बाली ने दी है। जीएस बाली का पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस से कांगड़ा ले जाया जाएगा
कांगड़ा में रखा जाएगा अंतिम दर्शन
जीएस बाली का पार्थिव शरीर (Gs bali passed away today) आज तीन बजे गगल एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। कांगड़ा में उनके निवास स्थान पर शव अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। रविवार को सुबह दस से दोपहर दो बजे तक अंतिम दर्शन के लिए ओबीसी भवन हटवास नगरोटा बगवां में रखा जाएगा। दो बजे के बाद नंदिकेश्वर धाम चामुंडा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बेटे ने दी जानकारी
जीएस बाली (Gs bali passed profile) के बेटे ने पिता के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बड़े ही दुखद मन से सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता जी और आप सबके प्रिय जीएस बाली अब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। शुक्रवार रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, इसके बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
चार बार बने थे विधायक
- जीएस बाली नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे हैं।
- 1998 में पहली बार उन्होंने कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे।
- 2003, 2007 और 2012 में भी उन्हें चौथी बार विधायक बनने का मौका मिला।
- 2003 में वह परिवहन मंत्री भी थे। इसके अलावा वह हिमाचल नागरिक सुधार सभा के फाउंडिंग हेड भी थे।
- वह हिमाचल सोशल बॉडी फेडरेशन के उपाध्यक्ष फिर अध्यक्ष भी रहे चुके हैं।
जीएस बालीका जन्म 27 जुलाई 1954 को हुआ। बाली 1990 से 1997 तक कांग्रेस के विचार मंच के संयोजक, सेवादल के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव जैसे पदों पर रहे।
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद एक और दिग्गज नेता का निधन होने से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। मंडी उपचुनाव में वह बतौर प्रभारी थे, लेकिन उसके बाद से वह अस्स्वस्थ चल रहे थे। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से वह वरिष्ठ नेता थे। बताया जा रहा है कि