×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Himachal Election 2022: हिमाचल में 37 सालों से रहा है सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड, क्या इस बार टूटेगी परंपरा या 'मिशन रिपीट'

Himachal Election 2022: हिमाचल की राजनीति में 1985 के बाद से सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड जारी है। राज्य फिर चुनावी मुहाने पर खड़ा है तो देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रेंड बरकरार रहेगा।

aman
Written By aman
Published on: 4 Nov 2022 5:19 PM IST (Updated on: 4 Nov 2022 5:40 PM IST)
himachal pradesh election 2022 every five years changing government between congress and bjp
X

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Himachal Election 2022: हिमाचल प्रदेश में आगामी 12 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। पहाड़ी राज्य हिमाचल में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का पैटर्न रहा है। लेकिन, इस बार सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) 'मिशन रिपीट' का नारा बुलंद किए हुए है। दूसरी तरफ, राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंके है। कांग्रेस और बीजेपी की इस टक्कर में आम आदमी पार्टी (AAP) भी जगह बनाने की कवायद में जुटी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के औपचारिक ऐलान के बाद से ही उठने लगे हैं कि, क्या इस राज्य में एक बार फिर पुराना पैटर्न ही चलेगा या बीजेपी 'मिशन रिपीट' लाएगी।

हिमाचल में बीजेपी सत्ता परिवर्तन के सिलसिले को तोड़ने की कोशिशों में जुटी है तो कांग्रेस सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठे है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार ट्रेंड बरकरार रहता है या परंपरा टूट जाएगी।

हिमाचल में बदलाव का ट्रेंड कब शुरू हुआ?

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजनीति में हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड 1985 से शुरू हुआ। हिमाचल की राजनीति और वहां होने वाले विधानसभा चुनाव में 1985 से एक ऐसी रवायत शुरू हुई जो अनवरत जारी है। हिमाचल में पांच साल कांग्रेस, तो पांच साल बीजेपी राज करती रही है। मौजूदा वक्त में बीजेपी राज्य की सत्ता में काबिज है। इस पैटर्न की मानें तो कांग्रेस को इस बार सत्ता में आना चाहिए। शायद इस वजह से भी कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। उसे सत्ता में वापसी की उम्मीद दिख रही है। लेकिन, बीजेपी इस बार इतिहास बदलने की हर संभव कोशिश कर रही है।

हिमाचल में कांग्रेस का लंबा राज

आजादी के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा। साल 1952 से वर्ष 1977 तक कांग्रेस ने राज किया। लेकिन,1977 में देश में इमरजेंसी लगने के बाद हालात बदलने लगे। इंदिरा गांधी की शख्सियत और बदलते राजनीतिक घटनाक्रम का असर दिखा। कांग्रेस पार्टी ने 1980 में एक बार फिर सत्ता में वापसी की। पांच साल बाद यानी 1985 में कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई। मगर, इसके बाद बदलाव का पैटर्न शुरू हो गया। हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड चल निकला।

1993 में बीजेपी सरकार बर्खास्त हुई

हिमाचल में साल 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 46 सीटें जीतकर सत्ता में आई। लेकिन, बीजेपी ज्यादा दिन सत्ता में नहीं रह पाई। ये वो दौर था जब देश में अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद आंदोलन चरम पर था। 1992 में बीजेपी की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। ऐसी स्थिति बन गई कि 1993 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए गए। इस बार कांग्रेस वापसी में कामयाब रही। वीरभद्र सिंह हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। लेकिन, पांच साल बाद फिर वही पैटर्न। 1998 में विधानसभा चुनाव हुए। बीजेपी ने कांग्रेस को पटकनी देते हुए सत्ता में वापसी की। बीजेपी ने इस बार प्रेम कुमार धूमल को राज्य की कमान सौंपी।

...शुरू हो गया धूमल-वीरभद्र का दौर

हिमाचल में ये दौर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीमित नहीं रही, बल्कि वीरभद्र सिंह तथा प्रेम कुमार धूमल के आस-पास भी सत्ता घूमती रही है। 1998 के बाद जब वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया। एक बार फिर वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने। साल 2007 में बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही और प्रेम कुमार धूमल ने नेतृत्व संभाला। पांच साल बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की। वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री फिर राज्य के सीएम बने। लेकिन, 2017 में चुनाव हुए तो वो सत्ता से बेदखल हो गए।

जयराम के सिर 'सत्ता का ताज'

हिमाचल में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली। बीजेपी की तो सत्ता में वापसी हुई मगर धूमल चुनाव हार गए। ऐसे में बीजेपी ने जयराम ठाकुर के सिर 'सत्ता का ताज' सजाया। हिमाचल के मुख्यमंत्रियों की सूची में जयराम ठाकुर नया नाम जुड़ा। लेकिन, अब 5 साल बाद जब पहाड़ी राज्य चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तो जयराम ठाकुर के इम्तिहान की घड़ी है।

जेपी नड्डा का गृह राज्य है हिमाचल

बीजेपी के इस चुनाव में जान लगाने की एक और वजह है। दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह गृह राज्य है। इसलिए बीजेपी हिमाचल को काफी अहम मान रही है। ये हालात ठीक वैसे ही हैं जैसे गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए है। बीजेपी के ये दोनों बड़े चेहरे गुजरात से ही आते हैं। बीजेपी की हिमाचल इकाई और राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुजरात की ही तरह हिमाचल प्रदेश में भी जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story