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Himachal Election 2022: हिमाचल में नतीजों से पहले सियासी गतिविधियां तेज, भाजपा और कांग्रेस दोनों की बागियों पर निगाहें

Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हुई बंपर वोटिंग के बाद भाजपा और कांग्रेस ने नतीजों को लेकर गहराई से मंथन शुरू कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 4 Dec 2022 12:38 PM GMT
Gujarat - Himachal Pradesh Election 2022
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भाजपा और कांग्रेस। (Social Media)

Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal Election 2022) के बाद नतीजों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमे निश्चित नजर नहीं आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में हुई बंपर वोटिंग के बाद दोनों दलों ने नतीजों को लेकर गहराई से मंथन शुरू कर दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली भाजपा को इस बार चुनाव में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिली है।

जानकारों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को बागी उम्मीदवारों ने नुकसान पहुंचाया है। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में बागी उम्मीदवार काफी मजबूत नजर आए हैं। ऐसा में दोनों दलों ने बागी उम्मीदवारों पर नजरें गड़ा रखी हैं ताकि उनकी जीत की स्थिति में समर्थन हासिल करने में कामयाबी मिल सके। भाजपा की ओर से आज धर्मशाला में आयोजित बैठक में इस मुद्दे पर भी गहरा ही समर्थन किया गया। दोनों दलों की ओर से मतगणना की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।

भाजपा ने किया चुनावी समीकरण पर मंथन

हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था। मतदाताओं की ओर से 74.61 फ़ीसदी मतदान किए जाने के बाद बंपर वोटिंग के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। भाजपा की ओर से आज धर्मशाला में महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के अलावा पार्टी के बड़े नेताओं ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की स्थिति पर जमकर मंथन किया गया।

इस बैठक के दौरान विशेष तौर पर इस बात पर चर्चा की गई कि किन सीटों पर पार्टी मजबूत स्थिति में है और किन सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर मिली है। बैठक में कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश चुनावों के प्रभारी सौदान सिंह, हिमाचल प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद थे।

बागियों से संपर्क साधने की कोशिश

प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बागियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं की नींद हराम कर रखी है। यही कारण है कि दोनों दलों की ओर से बागियों पर विशेष निगाह रखी जा रही है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य के नेताओं को बागियों से संपर्क बनाए रखने का निर्देश दिया है। पार्टी इस बात को लेकर विशेष तौर पर सतर्क है कि किसी भी बागी की जीत की स्थिति में उसका समर्थन कांग्रेस को न हासिल हो सके।

भाजपा नेता इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि किसी भी बागी उम्मीदवार के जीतने की स्थिति में उसका समर्थन मातृ पार्टी भाजपा को ही मिले। दरअसल राज्य के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में बागी उम्मीदवारों ने काफी दमदारी से चुनाव लड़ा है और इसे लेकर ही पार्टी नेतृत्व चिंतित है।

कांग्रेस की भी बागियों पर निगाहें

दूसरी ओर कांग्रेस ने भी बागी उम्मीदवारों पर नजरें गड़ा रखी हैं। कांग्रेस नेताओं ने भी बागी उम्मीदवारों से संपर्क साधा है। हालांकि पार्टी की ओर से इस बार राज्य में सत्ता बदलने का दावा किया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हुई बंपर वोटिंग राज्य में बदलाव का संकेत है और लोगों ने भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए मतदान किया है। पार्टी की ओर से किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया गया था और ऐसे में पार्टी के कई नेता मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी जताने लगे हैं।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेता दिल्ली में शीर्ष नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पार्टी के जीतने की स्थिति में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका की सहमति से ही राज्य में नए नेता का चुनाव होगा। मतगणना की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज्य में सियासी गतिविधियां तेज होती दिख रही हैं। मतदाताओं के साथ ही सभी दलों को भी अब चुनावी नतीजे का बेसब्री से इंतजार है।

Deepak Kumar

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