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Himachal Pradesh Election: टिकट बंटवारे में कड़े फैसले ले सकती है भाजपा, युवा और नए चेहरों को मिलेगी तरजीह
Himachal Pradesh Election: हिमाचल प्रदेश में चुनाव को लेकर भाजपा राज्य कोर कमेटी की आज दिल्ली में होने वाली बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी।
New Delhi: हिमाचल प्रदेश में चुनाव (Himachal Pradesh Election) की तारीख का ऐलान के बाद सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं। राज्य में मजबूत मानी जा रही दोनों पार्टियों भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने उम्मीदवारों के चयन पर माथापच्ची शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से हर पांच साल पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलती रही है। ऐसे में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की तरह हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सरकार रिपीट करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
पार्टी से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा इस बार उम्मीदवारों के चयन में कड़े फैसले ले सकती है। भाजपा राज्य कोर कमेटी की आज दिल्ली में होने वाली बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी। निष्क्रिय रहने वाले मंत्रियों और विधायकों का टिकट काटने की तैयारी है। इसके साथ ही पार्टी सत्ता विरोधी लहर से बचना चाहती है। इसलिए कई क्षेत्रों से युवा और नए चेहरों को उतारने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि पार्टी को नेताओं का टिकट काटने पर दलबदल के खतरे का डर भी सता रहा है।
भाजपा ने लगा रखी है पूरी ताकत
चुनाव आयोग (election Commission) की ओर से हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को एक चरण में मतदान कराने की घोषणा की गई है जबकि 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीखों का ऐलान से पहले से ही राज्य का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का गृहराज्य होने के कारण राज्य के चुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
भाजपा के चुनाव को कितना महत्व दे रही है,इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में हिमाचल प्रदेश के कई दौरे किए हैं। इस दौरान उन्होंने वंदेभारत ट्रेन के अलावा हिमाचल प्रदेश को कई सौगात देने का भी ऐलान किया है। गृह मंत्री अमित शाह जी हाल में हिमाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला था।
पदाधिकारियों के बीच रायशुमारी
उम्मीदवारों के चयन में भाजपा की ओर से काफी सतर्क रवैया अपनाया जा रहा है। भाजपा ने रविवार को अपने पदाधिकारियों से उन उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डालने को कहा था जिन्हें वे चुनाव लड़ने के लिए सबसे उपयुक्त मानते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब पदाधिकारियों के बीच इस तरह की रायशुमारी की गई है। कई पदाधिकारियों ने तो पांच दावेदारों तक के नाम दिए हैं। यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई गई है ताकि पदाधिकारियों को भी यह महसूस हो सके कि उनकी राय का सम्मान किया जा रहा है।
भाजपा की राज्य कोर कमेटी की आज दिल्ली में होने वाली बैठक में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी। उम्मीदवारों के नाम को अंतिम मंजूरी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दी जाएगी।
कई दिग्गजों के कट सकते हैं टिकट
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार निष्क्रिय रहने वाले मंत्रियों और विधायकों को टिकट काटने की तैयारी है। ऐसे लोगों के भी टिकट कट सकते हैं जिन्हें लेकर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को शिकायतें हैं। जानकारों के मुताबिक सत्ता विरोधी रुझान से बचने के लिए भी पार्टी बड़े पैमाने पर उम्मीदवार बदलने की तैयारी में है। युवा और सक्रिय रहने वाले चेहरों को टिकट बांटने में तरजीह दी जाएगी।
कांग्रेस की ओर से भी अभी तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व को इस बात का भी डर सता रहा है कि टिकट काटे जाने के बाद कुछ नेता पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। ऐसे में टिकट कटने की स्थिति में विधायकों के सामने आप का विकल्प भी खुला हुआ है। भाजपा की पहली सूची का राज्य में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।