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Himachal Pradesh Assembly Election: महिला वोटर बदल सकती हैं सभी समीकरण
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार महिला वोटरों को रिझाने की भरसक कोशिशों में लगे हैं
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार महिला वोटरों को रिझाने की भरसक कोशिशों में लगे हैं क्योंकि प्रदेश में महिलाएं सियासत का रुख बदलने का माद्दा रखती हैं। वर्ष 1998 के बाद से संख्या के आधार पर पुरुष मतदाताओं को पछाड़ने वाली महिलाओं ने विभिन्न पार्टियों को बड़े-बड़े वादे करने के लिए मजबूर किया है।
मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में महिला और पुरुष वोटरों की संख्या भी लगभग एक बराबर है। प्रदेश में पुरुष वोटर की संख्या 27 लाख 80 हजार 208 है, जबकि महिला वोटर की संख्या 27 लाख 27 हजार 016 है।
हिमाचल प्रदेश में लिंगानुपात भी बेहतर है। वोटर महिलाओं की भी संख्या पुरुषों से अच्छी है। राष्ट्रीय स्तर पर 976 के मुकाबले हिमाचल का मतदाता लिंगानुपात 981 है। वर्ष 2018 में हिमाचल में यह अनुपात 971 था। कुल 68 में से 18 निर्वाचन क्षेत्रों में यह अनुपात 1,000 से अधिक है।
राज्य में 1998 के बाद से ही महिआलों की संख्या में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी। तब पुरुषों के मुकाबले 72.21 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महिलाओं की इसी मजबूती को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने सभी वयस्क महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है। इसके बाद कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 1,500 रुपये देने का वादा किया है। सत्तारूढ़ भाजपा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में शुरू की गयीं महिला-केंद्रित योजनाओं पर भरोसा कर रही है। इनमें नवीनतम योजना 'नारी को नमन' है जिसके तहत महिला यात्रियों को बस किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी गयी है। इनके अलावा उज्ज्वला योजना, लड़कियों के लिए 31,000 रुपये की मुख्यमंत्री शगुन योजना; शादी के लिए 51,000 रुपये की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और हाल ही में आशा कार्यकर्ताओं के मासिक वेतन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 4,700 रुपये करना शामिल है।
विधानसभा में नगण्य मौजूदगी
महिला मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी तो है, लेकिन विधानसभा में उनकी उपस्थिति अभी कम ही है। कांग्रेस की डलहौजी की छह बार की विधायक आशा कुमारी सातवीं बार चुनाव लड़ रही हैं। वह हिमाचल विधानसभा की मात्र चार महिला विधायकों में से एक हैं।
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस , दोनों ही दलों ने महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने डलहौजी से आशा कुमारी, मंडी से चंपा ठाकुर और पच्छाद से दयाल प्यारी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा ने शाहपुर से सरवीन चौधरी, चंबा से नीलम नैयर, इंदौरा से रीता धीमान, पच्छाद से रीना कश्यप और रोहड़ू से शशिबाला, बड़सर से माया शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।