×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सच का सामना

Dr. Yogesh mishr
Published on: 3 Nov 2019 7:05 PM IST
यह सवाल मीडिया की मीडिया की विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ। लखनऊ से निकलने वाले एक हिंदी अख़बार ने 30 अक्टूबर, 2019 के अपने अंक में यह लिखा कि इस बार दिवाली पर कम हुई ज़हरीली हवा । यह ख़बर निस्संदेह बहुत उत्साह बढ़ाने वाली थी । यह ख़बर यह बता रही थी कि इस बार दिवाली पर सख़्ती काम आई। यह रिपोर्ट ITR के हवाले से प्रकाशित की गई थी। इस रिर्पोट की सच्चाई की क़लई ठीक दूसरे दिन के उसी अख़बार में खुल गई ।अख़बार ने लिखा कि शहर में गोमती नगर की हवा सबसे ज़हरीली पाई गई।इसके हिसाब से गोमती नगर के इलाक़े की क्यूँ.यू.आई.372 मानी गई है । यह संख्या गुणवत्ता के लाल रंग को प्रदर्शित करती है।
width=900
अख़बार के 30 अक्टूबर, 2019 के अंक में लिखा है कि गोमती नगर की हवा दिवाली के पहले 316.28 क्यूयूआई थी।जबकि दिवाली के बाद यहाँ की हवा का असर 307.31 हो गया।अख़बार के १ नवंबर,2019 के अंक में दर्ज आंकड़ा बताता है कि गोमती नगर में हवा के प्रदूषण का मानक 372 क्यूयूआई पहुँच गया।यही नहीं, २ नवंबर ,२०१९ को इसी अख़बार के अंक में यह आंकड़ा ३४६ दर्ज किया गया है। सवाल उठता है कि आख़िर हवा के प्रदूषण को लेकर कि इस आंकड़े पर पाठक को यक़ीन करना चाहिए ।
width=900
width=900

एक दूसरा वाक़या मीडिया में प्रकाशित उस ख़बर से जुड़ा है, जिसमें अयोध्या में सरकार द्वारा मनाए जाने वाले दीपोत्सव पर ख़र्च होने वाले धन राशि का ज़िक्र आता है । दीपोत्सव के बाद एक गरीब बच्ची की फ़ोटो वायरल हुई। जिसमें उसे दीपक बीनते यानी इकट्ठे करते और दीपक से तेल निकलते दिखाया गया है। निसंदेह फ़ोटो बेहद मार्मिक है। फ़ोटो भारत की उस ग़रीबी को बयान कर रही है,जिससे आम तौर पर लोग मुँह चुराते हैं या फिर ग़रीबी को सिर्फ़ अपने सियासी एजेंडे तथा बहस का मुद्दा बनाते हैं । यह नि: संदेह किसी भी समाज के लिए अच्छी बात नहीं मानी जाएगी कि देश में भूख, ग़रीबी हो। लोगों को कपड़े के बिना रहना पड़े। इन पर बहस करने की जगह मीडिया ने ख़बर चलायी कि इस दीप उत्सव पर सरकार ने इस बेतहाशा पैसा ख़र्च किया। आंकड़े भी मीडिया ने उलट पलटकर देखा दिखाया।देश के तक़रीबन सभी मीडिया हाउसों ने यह ख़बर चलायी कि 26 अक्टूबर, 2019 को अयोध्या में 5.51 लाख दीये जलाने का जो सरकारी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ,उसमें राज्य सरकार ने 133 करोड़ रुपया ख़र्च किया।
width=317
सोशलमीडिया पर भी यह ख़बर चटख़ारे लेकर कई दिन चली। दुर्भाग्य है कि हमारे मीडिया बंधुओं को यह याद ही नहीं रहा कि इस आयोजन के लिए राज्य सरकार ने कैबिनेट से 132.70लाख रूपयेख़र्च की स्वीकृति हासिल की थी।यही नहीं,राज्य सरकार ने बाक़ायदा रिलीज़ जारी करके बताया था कि इस आयोजन पर 132. 70 लाख रुपये ख़र्च होंगे।इसे मीडिया की चालाकी कहें या फिरअज्ञानता।जिसके चलते उसने 132.70 लाख रुपये को 133 करोड् पढ़ लिया।इस तरह की ग़लतियाँ हमारा मीडिया इन दिनों तेज़ी से करने लगा है। हद तो यह है कि इस गलती के उजागर होने पर किसी भी मीडिया समूह ने न तो खेद जताया न ही 132.70 लाख रूपये का आँकड़ा दुरुस्त किया।
width=900
width=990


\
Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

Next Story