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करियर को मिलेगा नया आकार, बिजनेस स्कूल एमडीआई और भारतीय सेना ने मिलाया हाथ

गुरुग्राम स्थित बिजनेस स्कूल मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) ने भारतीय सेना के साथ हाथ मिलाया है।

tiwarishalini
Published on: 29 July 2017 1:00 PM GMT
करियर को मिलेगा नया आकार, बिजनेस स्कूल एमडीआई और भारतीय सेना ने मिलाया हाथ
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फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: गुरुग्राम स्थित बिजनेस स्कूल मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) ने भारतीय सेना के साथ हाथ मिलाया है। इसके तहत शिक्षण संस्थान ने सशस्त्र सेनाओं के सेवानिवृत्त कर्मियों-अधिकारियों के लिए छह महीने का कोर्स शुरू किया है। इससे सेवानिवृत्ति के बाद सैनिक अपने करियर को नया आकार दे सकते हैं।

एमडीआई ने बयान में कहा कि उसने रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टेट जनरल ऑफ रिसेटलमेंट (डीजीआर) के सहयोग से सशस्त्र सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए छह महीने का कोर्स शुरू किया है। यह स्पेशलाइज्ड कोर्स कॉरपोरेट सेक्टर के कई क्षेत्रों के काम करने के लिए जरूरी मार्गदर्शन देने की दिशा में सेना से रिटायर हो चुके जवानों की मदद करेगा। इसमें सेल्स एंड मार्केटिंग, ऑपरेशंस, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्स, फाइनेंस, रिटेल, टेलीकॉम, स्ट्रेटीजी मैनेजमेंट और एजुकेशन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

कोर्स की निदेशक डॉ. पारूल गुप्ता ने बताया, "यह प्रोग्राम 3 सेमेस्टर का है, जिसमें एक बैच में 50-60 लोग हैं। यह कोर्स भारत सरकार के डीजीआर (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ रिटेलमेंट) विभाग की ओर से प्रायोजित किया गया है। डीजीआर इन जवानों की कोर्स फीस का 60 फीसदी हिस्सा मुहैया कराता है, जो कि कोर्स में शामिल होने वाले हर व्यक्ति के लिए 2.2 लाख रुपये हैं। कोर्स फीस का 40 फीसदी हिस्सा भागीदारों को खुद ही वहन करना पड़ता है। इस कोर्स की डिमांड काफी है क्योंकि यह बहुत प्रभावी है और इससे यह कोर्स करने वाले लोगों को मैजनमेंट की फील्ड में अच्छी-खासी व्यावहारिक ट्रेनिंग लेने का मौका मिलता है।"

भारतीय वायुसेना में शार्ट कमीशंड अफसर स्क्वाड्रन लीडर परवीन सिंह ने सशस्त्र सेनाओं के लिए 10 साल की सर्विस देने के बाद इस प्रोग्राम में शामिल होने का विकल्प चुना। परवीन कहते हैं, "सेवानिवृत्त जवानों या सेना की नौकरी छोड़ चुके लोगों के लिए डीजीआर और एमडीआई का यह प्रयास सराहनीय है। इससे सेना के रिटायर्ड जवान कॉरपोरेट वल्र्ड में आसानी से अपने पांव जमा सकते हैं।"

इस प्रोग्राम को अपनाने का विकल्प रिटायर्ड अफसरों के साथ शार्ट सर्विस कमीशंड अफसर भी चुन सकते हैं। इस कोर्स का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि सेना में रह चुके एमबीए करने के इच्छुक व्यक्ति सिविल क्षेत्र से आने वाले नागरिकों को लाभदायक और प्रभावी ट्रनिंग दे सकते हैं।

--आईएएनएस

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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