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राफेल करार पर कैग की रिपोर्ट आज संसद में हो सकती है पेश

विवादित राफेल डील पर आज संसद में सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है। सीएजी रिपोर्ट आने से पहले ही भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘झूठ” के आधार पर कैग की संस्था पर आक्षेप लगा रही है। इससे पहले कांग्रेस ने राजीव महर्षि से खुद को राफेल सौदे की ऑडिटिंग से अलग करने की अपील की थी

Anoop Ojha
Published on: 11 Feb 2019 5:13 AM GMT
राफेल करार पर कैग की रिपोर्ट आज संसद में हो सकती है पेश
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नई दिल्ली: विवादित राफेल डील पर आज संसद में सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है। सीएजी रिपोर्ट आने से पहले ही भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘झूठ” के आधार पर कैग की संस्था पर आक्षेप लगा रही है। इससे पहले कांग्रेस ने राजीव महर्षि से खुद को राफेल सौदे की ऑडिटिंग से अलग करने की अपील की थी।

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सरकार और विपक्ष के बीच पिछले कुछ महीनों से तकरार का मुख्य मुद्दा बने हुए राफेल विमान सौदे पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट तैयार हो गई है।

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राफेल विमान सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमले बोल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है राफेल सौदे में कई तरह की अनियमितताएं हुई हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि यह करार दो सरकारों के बीच में हुआ है, ऐसे में इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं बनती।

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गौरतलब है कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच राफेल सौदे को लेकर अंतिम समझौता हुआ था। केंद्र सरकार का दावा है कि यह सौदा उसने यूपीए से कम कीमत में किया है और 12,600 करोड़ रुपये बचाए हैं। इस मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी क्लीनचिट मिल चुकी है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यूपीए 126 विमानों के लिए 54,000 करोड़ रुपये दे रही थी, जबकि मौजूदा सरकार सिर्फ 36 विमानों के लिए 58,000 करोड़ दे रही है। इस तरह अब एक विमान की लागत 1555 करोड़ रुपये पड़ रही है, जबकि यूपीए सरकार इन्हें 428 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर पर खरीद रही थी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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