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Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस की दक्षिण पर निगाहें, 2019 में पार्टी को लगा था बड़ा झटका

Bharat Jodo Yatra: कन्याकुमारी से शुरू होने वाली यह यात्रा 155 दिनों में 12 राज्यों से गुजरेगी। 3570 किलोमीटर की यात्रा का आखिरी पड़ाव कश्मीर में श्रीनगर होगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 7 Sep 2022 5:59 AM GMT
Congress Bharat Jodo Yatra
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Congress Bharat Jodo Yatra (photo: social media )

Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस ने 2024 की सियासी जंग में भाजपा को चुनौती देने के लिए जोरदार तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ हल्लाबोल रैली के बाद कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। कन्याकुमारी से शुरू होने वाली यह यात्रा 155 दिनों में 12 राज्यों से गुजरेगी। 3570 किलोमीटर की यात्रा का आखिरी पड़ाव कश्मीर में श्रीनगर होगा।

इस यात्रा के जरिए कांग्रेस की दक्षिण के पांच प्रमुख राज्यों पर खास नजर है। पूरी यात्रा के दौरान 22 महत्वपूर्ण पड़ावों में से 9 दक्षिण भारत में होंगे। दरअसल दक्षिण के पांच प्रमुख राज्यों में लोकसभा की 119 सीटें हैं मगर 2019 के चुनाव में कांग्रेस को इन राज्यों में बड़ा झटका लगा था। कांग्रेस इनमें से सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। कांग्रेस को विपत्ति के दिनों में दक्षिण भारत से बड़ा सहारा मिलता रहा है और अबकी बार कांग्रेस ने दक्षिण भारत की इन सीटों पर गहरी नजरें गड़ा रखी हैं।

दक्षिण के पांच राज्यों पर खास निगाहें

भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस का काफी अहम कार्यक्रम है और पार्टी ने इस यात्रा की कामयाबी के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी सबसे लंबी पदयात्रा के जरिए आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि यह दिन नए सिरे से संकल्प और शांत चिंतन का दिन है। उन्होंने इस यात्रा को नई शुरुआत का प्रतीक बताते हुए दावा किया कि यह यात्रा टर्निंग प्वाइंट साबित होगी।

सियासी पंडितों के मुताबिक यह यात्रा कांग्रेस को एक बार फिर राजनीतिक रूप से स्थापित करने में बड़ी मददगार भूमिका निभा सकती है। दरअसल 2024 की सियासी जंग में कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत के पांच राज्य केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। इन राज्यों में लोकसभा की 129 सीटें हैं और कांग्रेस ने इन सीटों उत्तर भारत के सियासी नुकसान की भरपाई की योजना बना रखी है।

2019 में मिली थीं सिर्फ 29 सीटें

यदि 2019 के लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो कांग्रेस इन पांचों राज्यों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी। कांग्रेस को इन पांच राज्यों की 129 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि भाजपा का प्रदर्शन भी इन सीटों पर ज्यादा अच्छा नहीं रहा था मगर उत्तर भारत में अच्छा प्रदर्शन करके पार्टी ने दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया था। भाजपा को इन राज्यों में 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी जिनमें से 25 लोकसभा सीटें अकेले कर्नाटक की थीं।

अब भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस इन पांच राज्यों में अपना प्रदर्शन सुधारने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पार्टी इन पांचों राज्यों में अपनी पकड़ को एक बार फिर मजबूत बनाने में कामयाब हो सकती है। यदि इन दक्षिणी राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा तो दिल्ली की दावेदारी को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

चुनावी समीकरण साधने की कोशिश

कांग्रेस इस यात्रा को आम लोगों से जुड़ाव का सबसे बड़ा कार्यक्रम मान रही है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि इस यात्रा का चुनावी राजनीति से कोई लेना देना नहीं है मगर सियासी जानकारों का मानना है कि इस यात्रा के जरिए कांग्रेस बड़ा चुनावी समीकरण साधने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के बुरे दिनों में भी दक्षिण भारत से कांग्रेस को व्यापक समर्थन मिलता रहा है।

1977 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस को जनता पार्टी के हाथों बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था, उस समय भी दक्षिण भारत से कांग्रेस को व्यापक समर्थन मिला था। कांग्रेस को मिली 153 सीटों में 92 सीटें दक्षिण भारत की ही थीं। यही कारण है कि कांग्रेस के रणनीतिकारों को दक्षिण भारत से बड़े समर्थन की उम्मीद दिख रही है।

तेलंगाना में जमीन तलाशने का प्रयास

हालांकि यह भी सच्चाई है कि इन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां काफी मजबूत हैं। कर्नाटक में भाजपा ने मजबूत किलेबंदी कर रखी है। ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियों और भाजपा की चुनौती से निपटना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। तेलंगाना में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस बार भाजपा ने टीआरएस मुखिया केसीआर को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

टीआरएस और भाजपा की चुनावी तैयारियों को देखते हुए कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही है। माना जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस को तेलंगाना में भी अपनी सियासी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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