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बांग्लादेश में हिंदुओं के मारे जाने पर डा. बेंकिन ने जताई चिंता

योगेश मिश्रा ने डा. बेंकिन को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने एक अमेरिकन नागरिक और यहूदी संप्रदाय से होते हुए भी हिंदुओं के मानवाधिकारों के संबंध मे बहुत ही उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अब आपको इस संबंध में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है, ‘अपना भारत’ समाचार समूह लोकतंत्र, मानवाधिकार तथा सांप्रदायिक सद्भाव हेतु एक मुहिम चलाएगा। इस

Shivakant Shukla
Published on: 7 March 2019 2:43 PM GMT
बांग्लादेश में हिंदुओं के मारे जाने पर डा. बेंकिन ने जताई चिंता
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नई दिल्ली: अमेरिका के सुप्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता डा. रिचर्ड बेंकिन ने आज नई दिल्ली में ‘अपना भारत’ समाचार पत्र के प्रधान संपादक योगेश मिश्र से भेंट की। डा. रिचर्ड बेंकिन ने इस दौरान योगेश मिश्र को बांग्लादेश में हिंदुओं की मार्मिक स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने भारतीय मीडिया में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाये जाने की अपील की।

डा. बेंकिन ने दक्षिण एशिया में श्रीलंका ,पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं के ऊपर बढ़ते बर्बर अत्याचारों के बारे में बताया। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने हिंदुओं के खिलाफ व्यापक पैमाने पर बढ़ रही सांप्रदायिक हिंसा के बारे में चर्चा की और इस पर तत्काल अंकुश लगाए जाने के लिए कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया। बातचीत के दौरान डा. बेंकिन ने हैरानी जताई कि इतने व्यापक पैमाने पर मानवाधिकार हनन होने पर भी विशेष तौर से बांग्लादेश के बारे में भारत में इतनी चुप्पी क्यों है?

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मानवाधिकार कार्यकर्ता डा. रिचर्ड बेंकिन ने की ‘अपना भारत’ के प्रधान संपादक से भेंट

डा. बेंकिन ने योगेश मिश्र को अपनी किताब ‘ए क्वाइट केस आफ एथनिक क्लीनिंग्स, द मर्डर आफ बाग्लादेश हिंदूज’ भेंट की। इस किताब में डा. बेंकिन ने बाग्लादेश में हिंदुओं के मारे जाने पर चिंता जताते हुए इसके कारणों और विभिन्न कारकों का खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है कि 1947 में भारत के विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान की आबादी का एक तिहाई हिंदू थे। 1971 में जब पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना उस समय हिंदू आबादी के पांचवें हिस्से से कम रह गए थे और 30 साल बाद दस फीसदी हिंदू बचे थे जो आज घटकर आठ फीसदी रह गए हैं। डा. बेंकिन ने बताया कि बांग्लादेशी हिंदुओं ने हत्या, बलात्कार, अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, भूमि कब्जे, और बहुत कुछ सहन किया। फिर भी, दुनिया अब तक चुप है। उन्होंने इसे जातीय सफाई का एक शांत मामला करार दिया।

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न को योगेश मिश्रा ने डा. बेंकिन धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने एक अमेरिकन नागरिक और यहूदी संप्रदाय से होते हुए भी हिंदुओं के मानवाधिकारों के संबंध मे बहुत ही उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अब आपको इस संबंध में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है, ‘अपना भारत’ समाचार समूह लोकतंत्र, मानवाधिकार तथा सांप्रदायिक सद्भाव हेतु एक मुहिम चलाएगा। इस अवसर पर हिन्दू संघर्ष समिति के अध्यक्ष अरुण उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ त्रिपाठी तथा भाजपा नेता आनंद चौहान बाल्मिकी भी मौजूद थे।

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