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Indian Railways: रेलवे होने लगा डिजिटल, NCR रेलवे के डिजिटल टीटी तो कुछ ट्रेनों में पेपरलेस होने लगा काम
Indian Railways: भारतीय रेलवे का अधिकतर हर विभाग डिजिटल होता नजर आ रहा है। एनसीआर रेलवे के कई टीटी अब डिजिटल सुविधाओं से लैस किए जा रहे हैं। उन्हें HHT डिवाइस उपलब्ध कराई जा रही है।
Indian Railways: भारतीय रेलवे का अधिकतर हर विभाग डिजिटल होता नजर आ रहा है। एनसीआर रेलवे के कई टीटी अब डिजिटल सुविधाओं से लैस किए जा रहे हैं। उन्हें HHT डिवाइस उपलब्ध कराई जा रही है । एचएसटी डिवाइस का मतलब हैंड हेल्ड टर्मिनल है जो यात्रा के दौरान टिकटों की जांच करने में ट्रैन में मौजूद टीटी और यात्रियों की मदद करेगा ।यह डिवाइस उन यात्रियों के लिए भी मददगार साबित होगा जिनको यह पता करना होता है कि आने वाले स्टेशन में ट्रैन में कोई सीट खाली हो रही है या नहीं । देखिये ये खास रिपोर्ट
बीते कई सालों से जब भी आप ट्रेन का सफर कर रहे होते हैं तो टिकट चेक करने के दौरान ट्रैन में मौजूद टीटी के हाथों में आप पेपर के रिजर्वेशन चार्ट देखते रहे होंगे लेकिन अब विभाग द्वारा हर टीटी को डिजिटल किया जा रहा है या कहे की पेपरलेस किया जा रहा है। इसके लिए बकायदा इन सभी टीटी को डिवीजन वाइज ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इस डिवाइस का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ये पेपर लैस होने की वजह से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी सहयोग करेगा। साथ ही साथ यह डिवाइस नॉर्मल टैब की तरह ही काम करेगा, टिकट रिजर्वेशन चार्ट के साथ-सथ इसमें कई तरह की रेलवे से जुड़ी है सूचनाएं भी अपडेट होती रहेंगी।
कोई जानकारी आदान प्रदान करने के लिए टीटी इस डिवाइस से फोन की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे ।एनसीआर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर शिवम शर्मा के अनुसार यह एक ऐसी तकनीक है जिससे टीटी के साथ-साथ यात्रियों को भी लाभ मिल सकेगा। हालांकि अभी पहले फेज़ में एनसीआर की कुछ ही ट्रेनों पर इसकी शुरुआत की गई है। उत्तर मध्य रेलवे की पहली ट्रेन जिसमें हैंड हेल्ड टर्मिनल की सुविधा प्रारंभ हुई थी - कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस थी।
इसी क्रम में ताज एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफ़र एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस में HHT प्रारम्भ हुए है। हालांकि आगरा-दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस में चेकिंग स्टाफ को आगरा छावनी पर HHT उपलब्ध कराए गये है। उत्तर मध्य रेलवे को 1018 HHT रेलवे विभाग की तरफ से दिए गए हैं जो अलग-अलग डिवीजन में बांट दिए गए हैं। डॉक्टर शिवम शर्मा ने यह भी बताया कि आने वाले 1-2 महीनों में हर ट्रेन के टीटी इसी तरह ही डिजिटल नजर आएंगे।
समय के साथ साथ इस बदलते परिवेश में रेलवे का आधुनिकरण की तरफ बढ़ता रुझान एक सकारात्मक कदम है । एनसीआर के प्रयागराज स्टेशन में इन दिनों टीटी के एक समूह को HHT डिवाइस की ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब 4 घंटे तक इस ट्रेनिंग का संचालन किया जाता है। प्रयागराज मंडल से जुड़े तकरीबन 328 टीटी के समूह को सब सीआईटी सचिन कनौजिया ट्रेनिंग दे रहे हैं। सचिन कनौजिया का कहना है कि अब तक 60 टीटी को पूर्ण रूप से ट्रेनिंग दे चुके हैं। जबकि बचे हुए टीटी को हर दिन ट्रेनिंग दे रहे है।
ट्रेनिंग लेने टीटी बेहद खुश है और वो अब इस नई तकनीक की जमकर सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले वह पेपर का रिजर्वेशन चार्ट लेकर जाते थे उसमें कई तरह की दिक्कतें आती थी। ऐसे में इस डिवाइस के जरिए सब कुछ आसान हो जाएगा। टिकट सीट की सूचना के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी इस डिवाइस में रहेंगी जो उनके कार्यों को और आसान बनाएगी।