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छपिया महोत्सव : घनश्याम महराज की जन्मस्थली से साधे जाएंगे गुजराती मतदाता

raghvendra
Published on: 28 Oct 2017 11:59 AM GMT
छपिया महोत्सव : घनश्याम महराज की जन्मस्थली से साधे जाएंगे गुजराती मतदाता
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तेज प्रताप सिंह

गोंडा। स्वामी नारायण सम्प्रदाय के प्रवर्तक भगवान घनश्याम महराज की जन्मस्थली पर आगामी 31 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक होने वाले जन्मोत्सव की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। दीपावली में अयोध्या में भव्य आयोजन के बाद अब गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात के करोड़ों मतदाताओं को यहां से साधने की पूरी तैयारी है। जन्मोत्सव समारोह में इस बार केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई मंत्रियों ने आने की मंजूरी दे दी है।

विदेश से भी आएंगे श्रद्धालु

मंदिर के महंत स्वामी वासुदेवानंद ने बताया कि नए मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम केंद्रीय व प्रदेश सरकार के मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।

गुजरात व महाराष्ट्र से लाखों श्रद्धालुओं के अलावा गुजरात सरकार के कई मंत्री भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, तंजानिया, स्वीडन, पाकिस्तान, केन्या, ओमान, न्यूजीलैण्ड, फिजी, जाम्बिया और युगांडा आदि देशों से भी हजारों श्रद्धालु छपिया पहुंचकर आराध्य के जन्मोत्सव समारोह में शिरकत करके पूजा अर्चना करेंगे।

नए मंदिर में 800 खंभे व 51 झरोखा

घनश्याम महाराज के मूल जन्मस्थान छपिया (गोंडा) पर घनश्याम प्रभु की मूर्ति को सुरक्षित रखते हुए सफेद संगमरमर का एक नया व भव्य चार मंजिला भवन बनवाया गया है। परिकल्पित मॉडल के अनुसार भवन में आठ सौ खंभे, 1500 कमान, सौ बड़ी खिड़कियां, 51 झरोखा, 151 छत, पूर्वोत्तर एवं पश्चिम दिशाओं में 4500 बड़ी मूर्तियां, 25 हजार छोटी मूर्तियां, पूर्व एवं पश्चिम दिशाओं में दो छोटी सीढिय़ां, उत्तर दिशा में बड़ी सीढ़ी, घनश्याम महाराज के बाल्यकाल की गौ माता गोमती के स्वरूप की 201 मूर्तियां स्थापित की गई हैं। भवन की विशेषता यह है कि इसमें गर्भगृह बिना खंभे के निर्मित है।

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सप्तकोसी परिक्रमा से शुरू होगा महोत्सव

महंत ब्रह्मचारी वासुदेवानंद जी महराज व ब्रह्मचारी स्वामी हरिस्वरूपा नंद महाराज ने बताया कि पांच दिवसीय महोत्सव में अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। नर नारायण देव पीठाधिपति आचार्य कौशलेन्द्र प्रसाद महाराज, आचार्य मोटा महाराज, भावी आचार्य लालजी महाराज के सान्निध्य में कार्यक्रम सम्पन्न होगा। मंदिर के निकट नरैचा गांव में दो सौ से अधिक बीघा जमीन पर धर्मारण्य स्थल का निर्माण किया गया है।

महोत्सव का शुभारंभ 29 अक्टूबर को सप्तकोसी परिक्रमा से होगा। यह परिक्रमा सुबह साढ़े आठ बजे से छपिया धाम से शुरू की जाएगी। मंदिर के महंत स्वामी वासुदेवानंद व हरिस्वरूपा नंद के अनुसार 30 अक्टूबर को प्रात: चार बजे से पोथी यात्रा निकाली जाएगी जो मंदिर से निकलकर धर्मारण्य नगर स्थल पर समाप्त होगी। 31 अक्टूबर को वेदपाठ तथा रामचरित मानस पाठ का शुभारंभ होगा।

इसी दिन श्री घनश्याम जन्मोत्सव आरती व रात्रि में तुलसी विवाह का कार्यक्रम होगा। एक नवंबर को प्रवचन माला, सम्मान व देह शुद्धि कार्यक्रम के साथ ही रात्रि में नारायण सरोवर की समूह आरती होगी। दो नवंबर को यजमान सम्मान, नगर यात्रा, श्री घनश्याम यज्ञोपवीत संस्कार उत्सव व रात में रास गरबा कार्यक्रम होगा। तीन नवंबर को अभिषेक जलयात्रा, जन्मस्थान मंदिर उद्घाटन समारोह, समूह आरती होगी। चार नवंबर को मुख्य मंदिर के ठाकुर की आरती, छप्पनभोग अन्नकूट दर्शन, कथा परायण की पूर्णाहुति, महाप्रसाद वितरण आदि कार्यक्रम होंगे।

घनश्याम महाराज की जन्मस्थली

छपिया में धर्मदेव व भक्ति देवी के यहां वर्ष 1781 में 2 अप्रैल को भगवान घनश्याम महाराज का जन्म हुआ। तीन साल की उम्र में उनका मुंडन संस्कार कराया गया। बाद में माता-पिता उन्हें लेकर अयोध्या चले गए। उन्होंने वहीं अपने पिता से वेद शास्त्र, पुराण तथा अन्य धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया। माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने 11 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया। बाद में वह हिमालय, कन्याकुमारी सहित अन्य स्थलों का भ्रमण करते हुए गुजरात पहुंचे। यहां पर रहकर उन्होंने लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। बाद में उन्होंने स्वामी नारायण संप्रदाय का प्रचार किया।

आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध

महोत्सव में देश-विदेेेश के कई लाख लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट, सीओ, निरीक्षक, दरोगा, छह थाना प्रभारी, कांस्टेबिल, महिला सिपाही व एक कंपनी पीएसी लगाई गई है।

स्वास्थ्य कर्मियों की भी तैनाती की गयी है। इन्हें प्राथमिक उपचार की सुविधा से लैस किया गया है। मुख्य पंडाल, मंच, रसोई कैम्प, वीआईपी कॉटेज, महिला संत व पुरुष संतों के ठहरने का स्थान, प्रमुख प्रवेश द्वार व हेलीपैड स्थल बन रहा है। मंदिर के सामने स्थित नारायण सरोवर में नावों की व्यवस्था की गयी है।

महोत्सव के दौरान पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे की नजर में होगा। सुरक्षा व्यवस्था की किलेबंदी का ब्लूप्रिन्ट जिले के उच्चाधिकारियों ने तैयार कर लिया है। पूरे परिसर में चप्पे-चप्पे पर महिला व पुरुष आरक्षियों का कड़ा पहरा होगा। जिलाधिकारी जेबी सिंह व पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह ने महोत्सव परिक्षेत्र का सघन स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के सख्त निर्देश भी दिया।

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गिनीज बुक में दर्ज है स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर

स्वामी नारायण सम्प्रदाय का पूरे विश्व में दो दर्जन से अधिक देशों में 713 मंदिर है जहां हर वर्ग व सम्प्रदाय के लोग माथा टेकते हैं। गुजरात में बना स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है। इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामीनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है। यह परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते इसे 26 दिसम्बर 2007 को गिनीज बुक ऑफ रिकाड्र्स में शामिल किया गया। गिनीज वल्र्ड रिकार्ड की मुख्य प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य माइकल विटी ने संस्थान को दो श्रेणियों के तहत प्रमाणपत्र दिए हैं। इनमें एक प्रमाणपत्र एक व्यक्ति विशेष द्वारा सर्वाधिक हिंदू मंदिरों के निर्माण तथा दूसरा दुनिया का सर्वाधिक विशाल हिंदू मन्दिर परिसर की श्रेणी में दिया गया।

प्रमाणपत्र में कहा गया है कि पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आध्यात्मिक नेता हैं और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान के प्रमुख हैं। उन्होंने अप्रैल 1971 से नवंबर 2007 के बीच पांच महाद्वीपों में 713 मंदिरों का निर्माण करने का विश्व रिकार्ड बनाया है।

घनश्याम महराज के सर्वाधिक अनुयायी गुजरात में

भगवान घनश्याम महराज के सर्वाधिक अनुयायी गुजरात में ही हैं। घनश्याम महराज की जन्मस्थली पर आयोजित कार्यक्रमों में वहां के लाखों भक्त शिरकत करते हैं। इस बार गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ अलग तैयारी है। यही कारण है कि कार्यक्रम को बड़ा रूप देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत प्रदेश व देश के कई नेताओं को बुलाया गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जन्मोत्सव समारोह में तमाम नेताओं के साथ भारी संख्या में उनके समर्थक और काफी संख्या में गुजराती मतदाता भी शामिल होंगे। कार्यक्रम के जरिये माहौल को भाजपा मय बनाने की कोशिश की जाएगी। माना जा रहा है कि इसका मकसद गुजराती मतदाताओं पर असर डालना है।

एलबम की शूटिंग करते कलाकार।

मोदी को भेंट किया जाएगा एलबम

सबके भगवान घनश्याम एलबम की शूटिंग गत 16 अक्टूबर से शुरू हो गई है। इस एलबम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपा जाएगा। गुजरात से जुड़ा होने के कारण छपिया मंदिर का विशेष महत्व है। भगवान घनश्याम महाराज की जन्मस्थली स्वामी नारायण मंदिर में बाल स्वरूप घनश्याम महराज के जीवन वृतांत पर आधारित वृत्तचित्र व एलबम की शूटिंग मंदिर में शुरू हुई।

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लोकगायक व फिल्म अभिनेता शेन दत्त सिंह शान ने भगवान घनश्याम महराज जी के भजनों की शूटिंग की। उन्होंने नौ गीतों का जय घनश्याम महराज एलबम व वृत्तचित्र का अभिनय के माध्यम से चित्रण किया। मुम्बई से आए निर्देशक एसके सिंह ने बताया कि भगवान की सभी लीलाओं पर डेढ़ घंटे की लघु फिल्म बनाई जा रही है। भगवान द्वारा आम जनमानस को दिये गये संदेश व अद्भुत लीला को इसमें चित्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि शेनदत्त के अलावा प्रियंका त्रिपाठी, पायल, समीर, शिवम, अंकित, संदीप आदि कलाकार शूटिंग में शामिल हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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