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नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों से 1 माह का वेतन मांगा, पुलिस कर रही शिकायत का इंतजार

Rishi
Published on: 5 Jun 2017 4:03 PM IST
नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों से 1 माह का वेतन मांगा, पुलिस कर रही शिकायत का इंतजार
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बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बासागुड़ा इलाके के सरकारी कर्मचारियों की बैठक कर नक्सलियों ने मौखिक फरमान जारी किया है। नक्सलियों ने कहा है कि इलाके में काम कर रहे सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी अपना एक माह का वेतन नक्सलियों को दें, और वेतन न देने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहें।

नक्सलियों के इस फरमान के बाद अपनी जान की रक्षा के लिए सरकारी कर्मचारी ब्याज पर पैसे लेने के लिए भटक रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने तो नक्सलियों तक पैसा पहुंचा भी दिया है। फरमान के बाद से बासागुड़ा इलाके में पदस्थ सभी सरकारी कर्मचारी दहशत में हैं।

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बीजापुर के एसपी के.एल. ध्रुव का कहना है, "इस मामले की जानकारी उन्हें मिल चुकी है, परंतु अभी तक कोई भी लिखित शिकायत नहीं मिली है। अगर इस मामले में आवेदन या लिखित शिकायत किसी के द्वारा की जाती है, तो उसके आधार पर नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी।"

सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों द्वारा बासागुड़ा इलाके में बैठक आयोजित कर मौखिक रूप से फरमान जारी किया गया है। इसके बाद से सरकारी कर्मचारी बासागुड़ा इलाके में अपनी पोस्टिंग को कोसते हुए दहशत के साए में दिन काट रहे हैं।

एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हाल ही में बासागुड़ा इलाके के जंगल में नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों, वाहन मालिकों और व्यापारियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें व्यापारी और वाहन मालिकों से सालाना पैसों की मांग की गई। जबकि सरकारी कर्मचारियों को कहा गया कि उन्हें एक माह का वेतन नक्सलियों को देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।"

सूत्र के अनुसार, कथित तौर पर कुछ कर्मचारियों ने नक्सलियों को धनराशि दे दी है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में नक्सलियों का तेंदूपत्ता लेवी वसूली से मिली लाखों रुपये की धनराशि तेलंगाना में पकड़ी गई थी, जिसके बाद तेंदूपत्ता ठेकेदार भी सतर्क हो गए और नक्सलियों तक पहुंचाने वाले कमीशन पर रोक लगा दी। उसके कारण नक्सलियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और अब नक्सली पैसों के लिए हाथ-पैर मारने लगे हैं।

एक खुफिया रपट के अनुसार, तेंदूपत्ता संग्रहण के समय में नक्सलियों का सालाना कारोबार 15 सौ करोड़ रुपये का है। लेकिन इस साल इनके वसूली का ग्राफ गिरने की खबर है, जिसके कारण इस नुकसान को पूरा करने के लिए नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों से वसूली कर अपने सालाना लक्ष्य को पूरा करने की नई योजना बनाई है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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